रांची. मांडर विधायक बंधु तिर्की ने बुधवार को ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को पत्र लिखकर 14वें वित्त आयोग की राशि के उपयोग की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि 22 अप्रैल को सचिव ने मुखियागण को पत्र के माध्यम से कोविड-19 वैश्विक महामारी के नियंत्रण के लिए ग्राम पंचायतों को 14वें वित्त आयोग मद की राशि का उपयोग करने का निर्देश दिया था. लेकिन इस राशि का इस्तेमाल कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कहीं नहीं दिखा है.
बंधु तिर्की ने आगे कहा कि पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देश के अनुसार पंचायत क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए 14वें वित्त आयोग मद की राशि से पंचायत क्षेत्र में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक दवाइयों का छिड़काव और स्वच्छता संबंधी कार्य किए जा सकते हैं. साथ ही पंचायत क्षेत्र में आने वाले आम जनों के उपयोग से संबंधित पंचायत भवन, विद्यालय, महाविद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र,अस्पताल, बाजार, हाट, संस्थाएं, सामुदायिक भवन में दवाइयों के छिड़काव समेत सार्वजनिक नालियों, ग्रामीण पथ की साफ-सफाई, स्वच्छताकर्मियों को मास्क, सेनेटाइजर, हैंड ग्लब्स उपलब्ध कराए जा सकते हैं.
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विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा है कि 14वें वित्त आयोग के पैसे का बंदरबांट हुआ है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता. पंचायत प्रतिनिधि इसमें सीधे तौर पर संलिप्त हैं. प्रखंड के पदाधिकारियों की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा है कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कहीं भी किसी तरह के कार्य ग्राम पंचायतों के द्वारा संपन्न कराते हुए नहीं दिखता है, इसलिए पंचायती राज के 14वें वित्त आयोग की जांच होनी चाहिए.
उन्होंने अनुरोध किया है कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए 14वें वित्त आयोग की राशि का नियमानुसार उपयोग करते हुए इससे संबंधित महत्वपूर्ण गतिविधियों का संचालन करने के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है. ग्राम पंचायतों को इस मद में उपलब्ध राशि का आकलन राशि की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए वित्त आयोग की मार्ग निर्देशिका में उन्हें अन्य आधारभूत सेवाओं के साथ-साथ कार्यों को संपन्न करा सकती है.