रांची: विधायक बंधु तिर्की ने पिछली सरकार के दौरान जारी नियोजन नीति को अवैध मानते हुए कहा कि रघुवर सरकार के समय 2016 में बनी नियोजन नीति में कई तरह की त्रुटियां थी. इसकी वजह से झारखंड के छात्रों को नौकरी मिलने की बजाय बाहर के लोगों के लिए नौकरी मिलने का रास्ता खुल गया. बंधु तिर्की ने झारखंड के क्षेत्रीय भाषाओं में संस्कृत हिंदी और अंग्रेजी को शामिल किए जाने पर ऐतराज जताते हुए कहा कि इसके माध्यम से बाहर के लोगों को नौकरी देने का रास्ता बनाया गया. उन्होंने हेमंत सरकार की तरफ से 2016 के नियोजन नीति को खत्म किए जाने की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार जल्द नई नियोजन नीति लाकर झारखंड के युवाओं को नौकरी दें.
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उम्र कट ऑफ 2011 की बजाय 2016 करने की मांग
बंधु तिर्की ने झारखंड लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित होने वाली सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में उम्र का कट ऑफ 2016 के बजाय 2011 करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर यह नहीं होता है तो राज्य के 50 हजार छात्रों को नुकसान होगा जो लंबे समय से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उम्र सीमा का कट ऑफ 2011 करने से छात्रों को परीक्षा में बैठने का अवसर मिलेगा. इस विषय पर वे सदन में भी बात रखेंगे.
गिरिडीह के 360 गांवों में सड़क बनाने की मांग
भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि अनुपूरक बजट से राज्य की मूलभूत योजनाओं को जोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि गिरिडीह जैसे उग्रवाद प्रभावित इलाकों में लगभग 360 गांव में आज तक सड़क नहीं है वहां के लोगों को काफी दिक्कत होती है. इसकी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय से झारखंड सरकार के पास भी आई है. इसको लेकर योजनाएं लाई जाए ताकि उन गांवों को सड़क से जोड़ा जा सके. मुख्यमंत्री ने इसको लेकर आश्वासन दिया है.
भाकपा माले विधायक ने कहा कि सरकार ने सौ यूनिट का बिजली बिल माफ करने की बात कही थी. वह अब तक पूरी नहीं हुई है. ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत बीपीएल परिवारों को कनेक्शन देना था लेकिन यह काम नहीं हुआ. अब बीपीएल परिवारों को 40 से 50 हजार का बिजली बिल थमा दिया दिया गया है और ब्याज की राशि अलग से 15-20 हजार रुपए जोड़ दिए गए. उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जबकि सरकारी कंपनियों का बिजली बिल उससे ज्यादा बकाया है.