रांची: झारखंड के खाद्य आपूर्ति एवं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने जनवितरण प्रणाली की दुकानों से लाभुकों को दीपावली से पहले ही चावल और गेंहू के साथ साथ चीनी (Sugar to ration card holders before festival) भी उपलब्ध कराने का दावा किया था, ताकि कार्डधारियों का त्योहार भी मिठास भरी हो. लेकिन अफसोस यह कि राजधानी में दीपावली चीनी के बिना फीकी रहने के बाद, छठ तक भी ज्यादातर कार्डधारियों को चीनी उपलब्ध नहीं कराया जा सका है.
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हरमू भाजपा कार्यालय के पीछे के एक जनवितरण प्रणाली की दुकान पर चावल-गेंहू लेने आयी बिसी को 35 किलो अनाज (28 किलो चावल और 07 किलो गेंहू) तो मिला लेकिन, 3 किलो चीनी नहीं मिली. बिसी कहती हैं कि 'जो डीलर देगा वहीं न लेंगे, एक साल से चीनी नहीं मिला है. अब मिलने की उम्मीद थी लेकिन, इस बार भी नहीं मिला.' दीपावली के बाद अब छठ में भी पीडीएस दुकानों से लाभुकों को चीनी नहीं मिलने का सवाल जब ईटीवी भारत ने जनवितरण दुकानदार सदानंद साहू से किया तो उन्होंने कहा कि 'SFC से चीनी आएगा तब तो बांटेंगे, जिसे चीनी बांटने की ठेकेदारी मिली है, उसने चीनी पहुंचाया ही नहीं है'
दावा फेल होने पर क्या कहते हैं मंत्री जी: राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव से जब ईटीवी भारत ने त्योहार से पहले सभी लाभुकों को पीडीएस से चावल गेंहू के साथ-साथ चीनी भी उपलब्ध करा देने के उनका दावा फेल (Minister Rameshwar Oraon promise failed) होने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि राज्य के जनवितरण की दुकानों पर चीनी लाभुकों को मिलना शुरू हो गया है. संभव है कि राज्य के दूसरे जिलों और इलाको में वह मिल रहा हो. मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि गोदाम से पीडीएस दुकान तक चीनी पहुंचाने का जिम्मा एक ही व्यक्ति को दिया जाता है. ऐसे में 24 जिलों में आगे पीछे हो सकता है. वह पता करेंगे कि रांची के लोगों को त्योहार से पहले चीनी क्यों नहीं मिली.
खड़े हो रहे सवाल: मामला जो भी हो सवाल यह है कि जब विभागीय मंत्री ने त्योहार से पहले सभी राशन कार्डधारियों को चीनी पहुंचाने का दावा किया था, तब उसी समय यह व्यवस्था क्यों सुनिश्चित की गई कि सभी 24 जिलों के लाभुकों को त्योहार से पहले चीनी मिल जाए. आखिर त्योहार तो सभी के लिए होता है और एक साथ ही मनाया जाता है.