रांची/सूरजकुंड: हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में मंत्री रामेश्वर उरांव (Minister Rameshwar Oraon) ने झारखंड का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि हमारा राज्य वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित रहा है. लेकिन विकास के साथ-साथ विशेष अभियान चलाने से नक्सलियों के खिलाफ अप्रत्याशित सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है. पारसनाथ की पहाड़ियों से भी नक्सल प्रभाव खत्म कर दिया गया है.
ऑपरेशन थंडर स्टार्म से खूंटी, सरायकेला, चाईबासा सरसांग ट्राई-जंक्शन पर बड़ी सफलता मिली है. अब सारंडा-कोल्हान क्षेत्र पर केंद्रित किया जा रहा है. जनवरी 2020 से 31 मार्च 2022 के बीच 25 नये फार्वर्ड कैंप स्थापित कर विकास को गति दी जा रही है. वामपंथी उग्रवाद के लिए ऑक्सीजन कहे जाने वाले मनी सप्लाई चेन को रोकने के लिए एनआईए, ईडी और एनसीबी के साथ समन्वय बनाकर अफीम की खेती और तस्करी के खिलाफ काम किया जा रहा है.
पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 45 फोरटिफाइड पुलिस स्टेशन का निर्माण किया गया है. 19 थानों का निर्माण प्रक्रियाधीन है. मानव तस्करी को रोकने के लिए 300 थानों में विमेन हेल्प डेस्क बनाया गया है. सभी जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट कार्यरत है. सात साइबर थाने रांची, जमशेदपुर, जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह और पलामू में स्थापित हैं.
केंद्र को सुझाव और मांगें
- झारखंड राज्य की ओर से आईटी एक्ट में संशोधन के सुझाव पर विचार हो
- साइबर क्राइम पर रोकथान के लिए स्पेशल सेंट्ल एसिसटेंस दिया जाए
- स्पेशन सेंट्रल असिसटेंस स्कीम से बाहर हो चुके बोकारो, गढ़वा, हजारीबाग, पलामू, रांची और सिमडेगा को फिर से शामिल किया जाए
- केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की झारखंड में हुई प्रतिनियुक्ति से संबंधित बकाया प्रतिपूर्ति राशि के भुगतान से झारखंड सरकार को विमुक्त किया जाए
- एसआरए योजना के तहत भूतपूर्व सैनिकों और पुलिसकर्मियों को ही एसपीओ के रूप में रखा जाना है. इस नियम को शिथिल किए जाने की जरूरत है. क्योंकि उग्रवाद प्रभावित इलाके में किसी भी भूतपूर्व सैनिक को एसपीओ के रूप में पहचान छिपाना मुश्किल है. इसलिए स्थानीय लोगों को एसपीओ का कार्य देना उचित होगा.
- संवेदनशील नक्सल प्रभावित कोर एरिया में सुरक्षा कैंप, फॉर्वर्ड पोस्ट की स्थापना के लिए सीएपीएफ की एक बटालियन की जरूरत
- निर्भया फंड के तहत 61.30 करोड़ की मांग स्वीकृत की जाए
- झारखंड में एविएशन सिक्यूरिटी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की है जरूरत
- ऑपरेशन डबल बुल के जरिए कई क्षेत्र नक्सलियों से मुक्त हुए हैं. ऑपरेशन में भूमिका निभाने वाले जवानों के मनोबल को बढ़ाने के लिए स्पेशल ऑप्स मेडल दिया जाना चाहिए.