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2 घंटे देरी से जनता दरबार पहुंचे मंत्री, लौट गए फरियादी

झारखंड सरकार ने लोगों से सीधे संवाद स्थापित करने के लिए जनता दरबार की अवधारणा को काफी बढ़ावा दिया है. इसी के तहत मंत्री रामचन्द्र सहिस ने जनता दरबार लगा कर लोगों की समस्याएं सुनी. वहीं, मंत्री के दरबार में लेट पहुंचने के कारण फरियादियों को काफी परेशानियां हुई.

जनता दरबार में उपस्थित मंत्री रामचंद्र सहिस
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Published : Jul 2, 2019, 6:02 PM IST

रांचीः प्रदेश में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद जनता दरबार की अवधारणा को बल मिला है. वहीं, अब सहयोगी दल आजसू पार्टी ने भी इसे अपना लिया है. राज्य के पेयजल स्वच्छता एवं जल संसाधन विभाग के मंत्री रामचन्द्र सहिस भी जनता दरबार लगा रहे हैं. उनके जनता दरबार में समस्या और समाधान से ज्यादा मंत्री की लेटलतीफी को लेकर लोग परेशान दिख रहे हैं.

देखें पूरी खबर

मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा आजसू मुख्यालय में देखने को मिला. जब मंत्री सहिस का जनता दरबार 2 घंटे देर से शुरू हुआ. इसके कारण कुछ लोग अपना आवेदन जमा कर चले गए.

मंत्री के विभाग की समस्या कम, दूसरे विभागों को लेकर लोग परेशान

जनता दरबार में करीब 14 लोगों ने अपनी समस्या को लेकर मंत्री सहित के समक्ष फरियाद रखी. इनमें से ज्यादातर लोग, नगर निगम, शहरी विकास, शिक्षा और अन्य विभागों की कार्यप्रणाली से परेशान दिखे. इनमें फरियादी शहरी विकास की कार्यप्रणाली से काफी असंतुष्ट नजर आए. हालांकि 2 घंटे के बाद पहुंचे मंत्री ने दावा किया कि उनके जनता दरबार को प्रॉपर मिस कॉल मिल रहा है. उन्होंने देर से पहुंचने की वाजिब वजह भी बताई.

केस स्टडी-

हरमू इलाके की पूनम देवी अपना राशन कार्ड जमा कराने को लेकर प्रशासन के चक्कर लगा रही है. उनका कहना है कि प्रशासन के अधिकारी बार-बार उन्हें बैरंग लौटा दे रहे हैं. इसीलिए वो अपनी समस्या को लेकर मंत्री सहिस के जनता दरबार पहुंची. यहां भी इंतजार करने के बाद भी मंत्री महोदय नहीं आए. उन्होंने कहा कि अगर जनप्रतिनिधि सही समय पर नहीं पहुंचेंगे, तो आम लोगों की समस्याएं कैसे दूर होंगी.

ये भी पढ़ें- राजधानी में चलती ट्रक में लगी आग, ड्राइवर और खलासी ने कूदकर बचाई जान

वहीं, दूसरी तरफ चुटिया के प्रदीप कुमार नंदी के घर में पिछले 20 सालों से पानी की एक बूंद नहीं आई लेकिन उन्हें 24 हजार रुपये का वाटर टैक्स पकड़ा दिया गया है. वह अपने वाटर टैक्स में रिवीजन को लेकर मंत्री के दरबार पहुंचे. जहां लगभग डेढ़ घंटे के इंतजार के बाद मंत्री से मुलाकात हो पाई. नंदी ने काफी पहले वॉटर कनेक्शन लिया था और उन्हें 2006 से अब तक का बिल भेज दिया गया है. वाटर टैक्स में सुधार के लिए उन्होंने नगर निगम को लगभग 5 चिट्ठियां भेजी और निगम के निर्देश के बाद बकायदा मीटर भी लगवाया. जिसके बाद भी पानी की एक बूंद तो नहीं आई. जिसके बाद पानी का बिल घर जरूर आ गया.

रांचीः प्रदेश में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद जनता दरबार की अवधारणा को बल मिला है. वहीं, अब सहयोगी दल आजसू पार्टी ने भी इसे अपना लिया है. राज्य के पेयजल स्वच्छता एवं जल संसाधन विभाग के मंत्री रामचन्द्र सहिस भी जनता दरबार लगा रहे हैं. उनके जनता दरबार में समस्या और समाधान से ज्यादा मंत्री की लेटलतीफी को लेकर लोग परेशान दिख रहे हैं.

देखें पूरी खबर

मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा आजसू मुख्यालय में देखने को मिला. जब मंत्री सहिस का जनता दरबार 2 घंटे देर से शुरू हुआ. इसके कारण कुछ लोग अपना आवेदन जमा कर चले गए.

मंत्री के विभाग की समस्या कम, दूसरे विभागों को लेकर लोग परेशान

जनता दरबार में करीब 14 लोगों ने अपनी समस्या को लेकर मंत्री सहित के समक्ष फरियाद रखी. इनमें से ज्यादातर लोग, नगर निगम, शहरी विकास, शिक्षा और अन्य विभागों की कार्यप्रणाली से परेशान दिखे. इनमें फरियादी शहरी विकास की कार्यप्रणाली से काफी असंतुष्ट नजर आए. हालांकि 2 घंटे के बाद पहुंचे मंत्री ने दावा किया कि उनके जनता दरबार को प्रॉपर मिस कॉल मिल रहा है. उन्होंने देर से पहुंचने की वाजिब वजह भी बताई.

केस स्टडी-

हरमू इलाके की पूनम देवी अपना राशन कार्ड जमा कराने को लेकर प्रशासन के चक्कर लगा रही है. उनका कहना है कि प्रशासन के अधिकारी बार-बार उन्हें बैरंग लौटा दे रहे हैं. इसीलिए वो अपनी समस्या को लेकर मंत्री सहिस के जनता दरबार पहुंची. यहां भी इंतजार करने के बाद भी मंत्री महोदय नहीं आए. उन्होंने कहा कि अगर जनप्रतिनिधि सही समय पर नहीं पहुंचेंगे, तो आम लोगों की समस्याएं कैसे दूर होंगी.

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वहीं, दूसरी तरफ चुटिया के प्रदीप कुमार नंदी के घर में पिछले 20 सालों से पानी की एक बूंद नहीं आई लेकिन उन्हें 24 हजार रुपये का वाटर टैक्स पकड़ा दिया गया है. वह अपने वाटर टैक्स में रिवीजन को लेकर मंत्री के दरबार पहुंचे. जहां लगभग डेढ़ घंटे के इंतजार के बाद मंत्री से मुलाकात हो पाई. नंदी ने काफी पहले वॉटर कनेक्शन लिया था और उन्हें 2006 से अब तक का बिल भेज दिया गया है. वाटर टैक्स में सुधार के लिए उन्होंने नगर निगम को लगभग 5 चिट्ठियां भेजी और निगम के निर्देश के बाद बकायदा मीटर भी लगवाया. जिसके बाद भी पानी की एक बूंद तो नहीं आई. जिसके बाद पानी का बिल घर जरूर आ गया.

Intro:बाइट 1 पूनम देवी
बाइट 2 प्रदीप कुमार नंदी
बाइट 3 रामचन्द्र सहिस मंत्री पेयजल स्वच्छता एवं जल संसाधन विभाग

रांची। प्रदेश में सत्त्तारूढ़ एनडीए सरकार में के सत्ता में आने के बाद जनता दरबार का कांसेप्ट अहुर किया गया था जिसे अब सहयोगी आजसू पार्टी ने अडॉप्ट किया है। इसके तहत राज्य के पेयजल स्वच्छता एवं जल संसाधन विभाग के मंत्री रामचन्द्र सहिस राजधानी रांची में अपना जनता दरबार लगा रहे हैं। लेकिन उस जनता दरबार में समस्या और समाधान से ज्यादा मंत्री की लेटलतीफी को लेकर लोग परेशान दिख रहे हैं। मंगलवार को ऐसा ही नजारा आजसू मुख्यालय में देखने को मिला जब मंत्री सहिस का जनता दरबार 2 घंटे देर से शुरू हुआ। इस कारण कुछ लोग अपना आवेदन यूं ही जमा कर चले गए।


Body:मंत्री के विभाग की समस्या कम, दूसरे विभागों को लेकर लोग परेशान
मंगलवार को करीब 14 लोगों ने अपनी समस्याओं को लेकर मंत्री सहित के समक्ष फरियाद रखी। इनमें से ज्यादातर लोग, नगर निगम, शहरी विकास, शिक्षा और अन्य विभागों की कार्यप्रणाली से परेशान दिखे। इनमें फरियाद शहरी विकास की कार्यप्रणाली से काफी असंतुष्ट नजर आए।
हालांकि 2 घंटे के बाद पहुंचे मंत्री ने दावा किया कि उनके जनता दरबार को प्रॉपर मिस कॉल मिल रहा है और उन्होंने देर से पहुंचने की वाजिब वजह भी बताई।


Conclusion:केस स्टडी
1 हरमू इलाके की पूनम देवी अपना राशन कार्ड जमा कराने को लेकर जिला प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि जिला प्रशासन के अधिकारी बार-बार डालकर उन्हें बैरंग लौटा दे रहे हैं। इसीलिए वो अपनी समस्या को लेकर मंत्री सहिस के जनता दरबार पहुंची, लेकिन इंतजार करने के बाद भी मंत्री महोदय नहीं आए। उन्होंने कहा कि अगर जनप्रतिनिधि सही समय पर नहीं पहुंचेंगे तो आम लोगों की समस्याएं कैसे दूर होगी।

वहीं दूसरी तरफ चुटिया के प्रदीप कुमार नंदी के घर में पिछले 20 वर्षों से पानी की एक बूंद नहीं आई लेकिन उन्हें 24 हजार रुपये का वाटर टैक्स पकड़ा दिया गया है। वह अपने वाटर टैक्स में रिवीजन को लेकर मंत्री के दरबार पहुंचे जहां उन्हें लगभग डेढ़ घंटे के इंतजार के बाद मंत्री से मुलाकात हो पाई। नंदी ने काफी पहले वॉटर कनेक्शन लिया था और उन्हें 2006 से अब तक का बिल भेज दिया गया है। वाटर टैक्स में सुधार के लिए उन्होंने नगर निगम को लगभग 5 चिट्ठियां भेजी और निगम के निर्देश के बाद बकायदा मीटर भी लगवाया लेकिन पानी की बूंद तो नहीं आई लेकिन बिल घर जरूर आ गया।
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