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रांचीः प्रवासी मजदूरों को ग्रामीणों ने गांव में नहीं दी एंट्री, विधायक की पहल पर भेजा गया क्वॉरेंटाइन सेंटर - रांची न्यूज

रांची के मकुंदा गांव पहुंचे पांच मजदूरों को ग्रामीणों ने गांव में घुसने नहीं दिया. विधायक बंधु तिर्की को इसकी सूचना मिलने के बाद सभी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया.

Migrant workers were not allowed to enter the village
प्रवासी मजदूरों को गांव में नहीं दिया घुसने
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Published : May 19, 2020, 12:27 PM IST

रांची: जिले के इटकी थाना के मकुंदा गांव पहुंचे पांच प्रवासी मजदूरों को ग्रामीमों ने गांव के अंदर नहीं घुसने दिया. जिसके बाद चार दिनों तक एक पेड़ के नीचे समय व्यतीत करने के बाद सोमवार को क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया.

जानकारी के अनुसार तमिलनाडु राज्य से प्रकाश कुजूर, रवि कुजूर, बिमल कुजूर, संदीप कुजूर और अजय कुजूर विगत 15 मई को ट्रेन से हटिया स्टेशन पहुंचे. प्रशासन ने जांच करने के बाद मजदूरों को बस से घर भेजा गया, लेकिन बसकर्मियों ने मजदूरों को रात करीब 11 बजे पलमा गांव के निकट हाईवे पर उतार दिया. सभी मजदूर करीब पांच किमी पैदल चलकर गांव पहुंचे. मजदूरों ने रात में ही पंचायत की मुखिया रीना शांडिल्य को गांव पहुंचने की सूचना दी, वहीं अधिक रात हो जाने के कारण मजदूरों ने गांव के बाहर एक पेड़ के नीचे रात गुजारी. दूसरे दिन मजदूरों के आने की सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने मजदूरों को गांव में रखे जाने का विरोध किया.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्य सरकार को लिखा पत्र, आंध्र से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की मांग

वहीं, चार दिनों से एक पेड़ के नीचे मजदूरों के रहने की सूचना विधायक बंधु तिर्की को मिली. जिसके बाद विधायक ने प्रखंड प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई किये जाने का निर्देश दिये. बीडीओ पंकज कुमार ने जानकारी दी कि सभी मजदूरों को मकुंदा स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. इनको खाने सहित अन्य मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी मुखिया को दी गई है.

रांची: जिले के इटकी थाना के मकुंदा गांव पहुंचे पांच प्रवासी मजदूरों को ग्रामीमों ने गांव के अंदर नहीं घुसने दिया. जिसके बाद चार दिनों तक एक पेड़ के नीचे समय व्यतीत करने के बाद सोमवार को क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया.

जानकारी के अनुसार तमिलनाडु राज्य से प्रकाश कुजूर, रवि कुजूर, बिमल कुजूर, संदीप कुजूर और अजय कुजूर विगत 15 मई को ट्रेन से हटिया स्टेशन पहुंचे. प्रशासन ने जांच करने के बाद मजदूरों को बस से घर भेजा गया, लेकिन बसकर्मियों ने मजदूरों को रात करीब 11 बजे पलमा गांव के निकट हाईवे पर उतार दिया. सभी मजदूर करीब पांच किमी पैदल चलकर गांव पहुंचे. मजदूरों ने रात में ही पंचायत की मुखिया रीना शांडिल्य को गांव पहुंचने की सूचना दी, वहीं अधिक रात हो जाने के कारण मजदूरों ने गांव के बाहर एक पेड़ के नीचे रात गुजारी. दूसरे दिन मजदूरों के आने की सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने मजदूरों को गांव में रखे जाने का विरोध किया.

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वहीं, चार दिनों से एक पेड़ के नीचे मजदूरों के रहने की सूचना विधायक बंधु तिर्की को मिली. जिसके बाद विधायक ने प्रखंड प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई किये जाने का निर्देश दिये. बीडीओ पंकज कुमार ने जानकारी दी कि सभी मजदूरों को मकुंदा स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. इनको खाने सहित अन्य मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी मुखिया को दी गई है.

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