रांचीः दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए झारखंड की हेमंत सरकार दिन-रात जुटी हुई है. इस कड़ी में आज झारखंड एक और इतिहास का गवाह बनने जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल से लद्दाख के बटालिक स्थित लेह के गोरगोदोह गांव में फंसे 60 प्रवासी श्रमिकों को विशेष विमान से रांची लाया जा रहा है.
स्पाइस जेट का विमान आज 12 बजे लेह से दिल्ली के लिए उड़ान भरेगा. यह विमान 2:00 बजे दिल्ली पहुंचेगा और शाम को 6:00 बजे इंडिगो की एक फ्लाइट दिल्ली से रांची के लिए उड़ान भरेगी जो शाम 8:00 बजे रांची पहुंचेगी. संभव है कि मजदूरों के स्वागत के लिए खुद मुख्यमंत्री भी एयरपोर्ट पहुंचंगे.
9 मई से बननी शुरू हुई थी रणनीति
दरअसल 9 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जानकारी मिली थी कि कारगिल सेक्टर में झारखंड के 150 श्रमिक फंसे हुए हैं. जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने एक टीम गठित कर लद्दाख प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने को कहा था.
कारगिल सेक्टर के बटालिक में बीआरओ के प्रोजेक्ट में काम करने वाले इन मजदूरों को सबसे पहले राशन पानी की व्यवस्था करायी गयी.
12 मई को झारखंड के मुख्य सचिव ने श्रमिकों को एअर लिफ्ट की अनुमति देने के लिए केंद्रीय गृह सचिव को पत्र भेजा. इस पत्र में अंडमान, लद्दाख और नॉर्थ ईस्ट में फंसे प्रवासी श्रमिकों को विशेष विमान से लाने की अनुमति का आग्रह किया गया था.
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20 मई तक किसी तरह का रिस्पांस न मिलने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम पत्र भेजा, लेकिन इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला.
हालांकि सरकार संबंधित केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों के साथ संपर्क में रही. इस बीच डोमेस्टिक फ्लाइट सेवा शुरू होने के बाद लेह से मजदूरों को लाने का रास्ता साफ हो गया.
8 लाख होंगे खर्च
तमाम प्रक्रिया पूरी करने के बाद झारखंड के प्रवासी श्रमिकों को लेह से ट्रांजिट कैंप में 28 मई को लाया गया. इसके लिए सड़क मार्ग से 6 घंटे का सफर तय करना पड़ा.
झारखंड के प्रवासी श्रमिकों को विमान से लाने पर करीब 8 लाख का खर्च होगा जिससे झारखंड सरकार वाहन कर रही है. 60 मजदूरों में ज्यादातर संथाल के हैं. सीएम ऑफिस की तरफ से बताया गया है कि अंडमान में फंसे करीब 320 प्रवासी श्रमिकों को विशेष विमान से लाने की तैयारी भी करीब-करीब पूरी कर ली गई है.