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झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ ने किया ऐलान, मांगे पूरी न होने तक जारी रहेगी हड़ताल - रांची में मनरेगा कर्मचारी संघ

रांची में मनरेगा कर्मचारी संघ ने मांगे पूरी हुए बिना हड़ताल से नहीं लौटने की घोषणा की है. संघ ने बताया कि मनरेगा कर्मियों की हड़ताल विफल करने के लिए तमाम तरह के षड्यंत्र किए जा रहे हैं. मनरेगा में किसी भी विंग का अलग संगठन नहीं है.

mgnrega employees union
रांची में मनरेगा कर्मचारी संघ की हड़ताल.
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Published : Aug 2, 2020, 2:56 PM IST

रांचीः राजधानी में मनरेगा कर्मचारी संघ ने अपनी मांगे पूरी हुए बिना हड़ताल से नहीं लौटने की घोषणा की है. संघ ने विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि विभाग बहला-फुसलाकर हड़ताल से वापस लाने का निरर्थक प्रयास कर रही है, लेकिन मनरेगा कर्मी बहकावे में आने वाले नहीं है. संघ ने बताया कि मनरेगा कर्मियों की हड़ताल विफल करने के लिए तमाम तरह के षड्यंत्र किए जा रहे हैं. मनरेगा में किसी भी विंग का अलग संगठन नहीं है.

मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल
प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, लेखा सहायक, कंप्यूटर सहायक, ग्राम रोजगार सेवक सभी को मिलाकर एक ही संग है, जो अपनी वाजिब मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे है. मनरेगा कर्मचारियों ने कहा कि जब तक मांगों को पूरा करने के लिए सरकार से सकारात्मक नहीं हो जाती, तब तक कर्मचारियों का हड़ताल से लौटने का कोई इरादा नहीं है.

इसे भी पढ़ें- रांची: विधायक सीपी सिंह की कोरोना रिपोर्ट आई निगेटिव

मांगों को पूरा करने की मांग
मनरेगा कर्मचारियों ने कहा गया कि उन्होंने मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री से आग्रह किया है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के बहकावे में आकर मनरेगा कर्मियों की अनदेखी न करें. यह अधिकारी सरकार और कर्मचारियों के बीच दूरी बनाने का काम कर रहे है, जितना जल्दी हो सके मनरेगा कर्मियों के साथ सकारात्मक वार्ता कर मांगों को पूरा किया जाए.

मजदूरी भत्ता की मांग
राज्य सरकार के अधिकारियों की तरफ से मनरेगा मजदूरों को नो वर्क नो पे का फरमान जारी किया गया था. इसका खंडन करते हुए महासंघ ने राज्य सरकार से अपनी मानदेय और लॉकडाउन के दौरान के मजदूरी भत्ता की मांग की है.

रांचीः राजधानी में मनरेगा कर्मचारी संघ ने अपनी मांगे पूरी हुए बिना हड़ताल से नहीं लौटने की घोषणा की है. संघ ने विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि विभाग बहला-फुसलाकर हड़ताल से वापस लाने का निरर्थक प्रयास कर रही है, लेकिन मनरेगा कर्मी बहकावे में आने वाले नहीं है. संघ ने बताया कि मनरेगा कर्मियों की हड़ताल विफल करने के लिए तमाम तरह के षड्यंत्र किए जा रहे हैं. मनरेगा में किसी भी विंग का अलग संगठन नहीं है.

मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल
प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, लेखा सहायक, कंप्यूटर सहायक, ग्राम रोजगार सेवक सभी को मिलाकर एक ही संग है, जो अपनी वाजिब मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे है. मनरेगा कर्मचारियों ने कहा कि जब तक मांगों को पूरा करने के लिए सरकार से सकारात्मक नहीं हो जाती, तब तक कर्मचारियों का हड़ताल से लौटने का कोई इरादा नहीं है.

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मांगों को पूरा करने की मांग
मनरेगा कर्मचारियों ने कहा गया कि उन्होंने मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री से आग्रह किया है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के बहकावे में आकर मनरेगा कर्मियों की अनदेखी न करें. यह अधिकारी सरकार और कर्मचारियों के बीच दूरी बनाने का काम कर रहे है, जितना जल्दी हो सके मनरेगा कर्मियों के साथ सकारात्मक वार्ता कर मांगों को पूरा किया जाए.

मजदूरी भत्ता की मांग
राज्य सरकार के अधिकारियों की तरफ से मनरेगा मजदूरों को नो वर्क नो पे का फरमान जारी किया गया था. इसका खंडन करते हुए महासंघ ने राज्य सरकार से अपनी मानदेय और लॉकडाउन के दौरान के मजदूरी भत्ता की मांग की है.

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