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रांची हिंसा: होटल-लॉज में आकर छिपे थे उपद्रव के मास्टरमाइंड, गनी बैग में भरकर लाया गया था पत्थर - Jharkhand News

रांची हिंसा मामले में पुलिस की जांच जारी है, इस जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जिससे साफ होता है कि यह हिंसा पूरी तरह प्रायोजित थी. बताया जा रहा है उपद्रव में शामिल लोग लॉज और होटलों में छिपे थे. रांची पुलिस (Ranchi Police) पूरी गहनता से मामले की जांच में जुटी है.

mastermind of Ranchi Violence
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Published : Jun 15, 2022, 7:36 AM IST

Updated : Jun 15, 2022, 7:43 AM IST

रांची: राजधानी में 10 जून को हुई हिंसा (Ranchi Violence) पूरी तरह प्रायोजित बताई जा रही है. पूरे मामले में रांची पुलिस की अनुसंधान में जो तथ्य आए हैं, वह काफी चौंकाने वाले हैं. जानकारी के अनुसार राजधानी में जुमे की नमाज के बाद उपद्रव की पूरी योजना लगभग एक सप्ताह से तैयार की जा रही थी. उपद्रव में शामिल लोग लॉज और होटलों में पनाह लिए हुए थे.

इसे भी पढ़ें: रांची हिंसा: पुलिस को मिली कामयाबी, गैंग्स ऑफ वासेपुर का एडमिन गिरफ्तार


जांच में जुटी पुलिस: पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि रांची के अलग अलग होटल व लॉज में बाहर से कई लोग आए थे, इसकी सत्यता की पड़ताल के लिए पुलिस तकनीकी साक्ष्य जुटा रही है. रांची पुलिस ने सभी टेलीकॉम कंपनियों से पत्र लिखकर यह जानकारी मांगी है कि रांची के लोअर बाजार, हिंदपीढ़ी, कोतवाली, चुटिया इलाकों में कौन कौन से मोबाइल नंबर चार से दस जून तक एक्टिव थे. एक्टिव नंबरों में कौन कौन से नंबर बाद में दूसरे जगह एक्टिव हैं, इसकी पड़ताल की जा रही है. पुलिस को उम्मीद है कि आज, बुधवार की शाम तक पुलिस के समक्ष ऐसे सारे लोगों की सूची उपलब्ध होगी जो रांची दंगों को उकसाने के लिए यहां आए थे.

गनी बैग में भरकर लाया गया था पत्थर: अनुसंधान से जुड़े एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने पुष्टि की है कि रांची में शुक्रवार की हिंसा सुनियोजित थी. पुलिस को प्रदर्शनकारियों के बीच की कई वीडियो फुटेज मिली है. इन वीडियो फुटेज में स्पष्ट दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी अपने साथ गनी बैग में पत्थर भर कर लाए थे. जैसे ही प्रदर्शनकारी डेली मार्केट स्थित धर्म स्थल के पास पहुंचे, पुलिस और धर्मस्थल पर पथराव किया जाने लगा. वीडियो फूटेज में स्पष्ट है कि गनी बैग से पत्थर निकालकर उपद्रवी पथराव कर रहे हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस को यह भी सूचना मिली थी कि रांची में हिंसा के लिए बाहर से असलहे भी मंगाए गए हैं, जिसके बाद पुलिस ने संबंधित ठिकाने पर छापेमारी की. हालांकि पुलिस को वहां कोई असला तो नहीं मिला, लेकिन यूपी नंबर की एक गाड़ी जब्त की गई. पुलिस अब इन पहलुओं पर जांच कर रही है.

जांच के केंद्र बिंदू में पीएफआई: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India PFI) की पॉलिटिकल विंग सोशल डेमाक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानि एसडीपीआई की भूमिका की जांच हो रही है. प्रदर्शन में कुछ लोग एसडीपीआई का झंडा थामे हुए थे. वहीं फेसबुक पोस्ट के जरिए भी यह बात सामने आयी है कि एसडीपीआई ने कई लोगों को प्रदर्शन के लिए उकसाया था.

रांची: राजधानी में 10 जून को हुई हिंसा (Ranchi Violence) पूरी तरह प्रायोजित बताई जा रही है. पूरे मामले में रांची पुलिस की अनुसंधान में जो तथ्य आए हैं, वह काफी चौंकाने वाले हैं. जानकारी के अनुसार राजधानी में जुमे की नमाज के बाद उपद्रव की पूरी योजना लगभग एक सप्ताह से तैयार की जा रही थी. उपद्रव में शामिल लोग लॉज और होटलों में पनाह लिए हुए थे.

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जांच में जुटी पुलिस: पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि रांची के अलग अलग होटल व लॉज में बाहर से कई लोग आए थे, इसकी सत्यता की पड़ताल के लिए पुलिस तकनीकी साक्ष्य जुटा रही है. रांची पुलिस ने सभी टेलीकॉम कंपनियों से पत्र लिखकर यह जानकारी मांगी है कि रांची के लोअर बाजार, हिंदपीढ़ी, कोतवाली, चुटिया इलाकों में कौन कौन से मोबाइल नंबर चार से दस जून तक एक्टिव थे. एक्टिव नंबरों में कौन कौन से नंबर बाद में दूसरे जगह एक्टिव हैं, इसकी पड़ताल की जा रही है. पुलिस को उम्मीद है कि आज, बुधवार की शाम तक पुलिस के समक्ष ऐसे सारे लोगों की सूची उपलब्ध होगी जो रांची दंगों को उकसाने के लिए यहां आए थे.

गनी बैग में भरकर लाया गया था पत्थर: अनुसंधान से जुड़े एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने पुष्टि की है कि रांची में शुक्रवार की हिंसा सुनियोजित थी. पुलिस को प्रदर्शनकारियों के बीच की कई वीडियो फुटेज मिली है. इन वीडियो फुटेज में स्पष्ट दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी अपने साथ गनी बैग में पत्थर भर कर लाए थे. जैसे ही प्रदर्शनकारी डेली मार्केट स्थित धर्म स्थल के पास पहुंचे, पुलिस और धर्मस्थल पर पथराव किया जाने लगा. वीडियो फूटेज में स्पष्ट है कि गनी बैग से पत्थर निकालकर उपद्रवी पथराव कर रहे हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस को यह भी सूचना मिली थी कि रांची में हिंसा के लिए बाहर से असलहे भी मंगाए गए हैं, जिसके बाद पुलिस ने संबंधित ठिकाने पर छापेमारी की. हालांकि पुलिस को वहां कोई असला तो नहीं मिला, लेकिन यूपी नंबर की एक गाड़ी जब्त की गई. पुलिस अब इन पहलुओं पर जांच कर रही है.

जांच के केंद्र बिंदू में पीएफआई: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India PFI) की पॉलिटिकल विंग सोशल डेमाक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानि एसडीपीआई की भूमिका की जांच हो रही है. प्रदर्शन में कुछ लोग एसडीपीआई का झंडा थामे हुए थे. वहीं फेसबुक पोस्ट के जरिए भी यह बात सामने आयी है कि एसडीपीआई ने कई लोगों को प्रदर्शन के लिए उकसाया था.

Last Updated : Jun 15, 2022, 7:43 AM IST
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