रांची: सुखाड़ से निपटने के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड मंत्रालय में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक (Disaster Management Authority Meeting) हुई. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, आपदा सचिव अमिताभ कौशल, स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह आदि मौजूद थे. बैठक में राज्य में सुखाड़ की स्थिति का आकलन किया गया जिसमें राज्य के 145 प्रखंड ऐसे हैं जो गंभीर रुप से सुखाड़ की चपेट में है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुखाड़ की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा है कि राज्य सरकार इसको लेकर तैयारी में जुटी है. रोजगार सृजन के साथ साथ पलायन रोकने और किसानों, पशुपालकों को भविष्य में होने वाली परेशानी की रोकथाम के लिए तैयारी की जा रही है. अब सर्वजन पेंशन के तहत लोगों को एक महीना पहले ही पैसे मिल जायेंगे. सरकार सभी वैसी कदम उठा रही है जिससे लोगों को परेशानी से बचाया जा सके.
राज्य सरकार ने सुखाड़ से निपटने के लिए एक्शन प्लान बनाया है जिसके तहत राज्य में 1 लाख तालाब और एक लाख कुएं का निर्माण होगा. राज्य सरकार सुखाड़ से निपटने के लिए 2500 करोड़ रुपए खर्च करेगी. रोजी रोजगार बढ़ाने के अलावे कृषि, पशुपालकों और किसानों के लिए सरकार इन पैसों को खर्च करेगी. पेयजल सुविधा के ऊपर भी सरकार ने आज की बैठक में प्लान तैयार किया है. स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि सरकार सुखाड़ को लेकर बेहद चिंतित है. राज्य के करीब करीब सभी हिस्सों में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में मनरेगा के तहत मिलने वाले रोजगार और कार्यों को बढ़ाया जायेगा. कृषि मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सुखाड़ फिलहाल अभी घोषित नहीं किया जायेगा इससे किसानों को प्रोत्साहन राशि की क्षति होगी. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी चीजों का आकलन कर रही है जिसमें 145 प्रखंड गंभीर रुप से सुखाड़ की चपेट में है.
कृषि मित्रों का बढ़ा प्रोत्साहन राशि: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई बैठक में कृषि मित्रों को मिलने वाली मासिक प्रोत्साहन राशि में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है. निर्णय के अनुसार अब कृषि मित्रों को प्रतिमाह 1000 के बजाय 2000 रुपए प्रोत्साहन राशि मिलेगी. कृषि मंत्री बादल ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने सर्वजन पेंशन के तहत मिलने वाली राशि को अग्रिम के रूप में हर माह 5 तारीख को ही देने का निर्णय लिया है. अमूमन यह राशि महीना खत्म होने के बाद दूसरी माह के 5 तारीख को लाभुकों को मिलता था.