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जानिए कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की को किस बात की सता रही है चिंता

पांचवें झारखंड विधानसभा में बंधु तिर्की सहित कई ऐसे विधायक हैं जिनपर पर भ्रष्टाचार के मामले विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं. कोरोना के कारण फिजिकल कोर्ट नहीं होने के कारण ऐसे केसों में सुनवाई पूरी नहीं हो पा रही है. संभावना जताई जा रही है कि अगस्त के बाद न्यायालय का कामकाज सामान्य होते ही सुनवाई शुरू हो.

Congress MLA Bandhu Tirkey
विधायक बंध तिर्की
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Published : Jul 16, 2021, 8:07 PM IST

Updated : Jul 17, 2021, 11:36 AM IST

रांची: आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसे मांडर विधायक बंधु तिर्की की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. सीबीआई कोर्ट में चल रहे आय से अधिक संपत्ति मामले की सुनवाई अंतिम दौर में है. कोरोना के कारण फिजिकल कोर्ट नहीं होने की वजह से अन्य केस की तरह इस केस की भी सुनवाई बाधित है.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रीय खेल घोटाला: झारखंड के पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की गिरफ्तार

संभावना यह जताई जा रही है कि अगस्त के बाद फिजिकल कोर्ट शुरू होते ही इस केस में सुनवाई पूरी कर फैसला आ जाए. अधिवक्ता अमित तिवारी के अनुसार कोरोना के कारण पिछले डेढ़ वर्षों से कोई भी फैसला नहीं आ रहा है. संवैधानिक प्रावधान के अनुसार जनप्रतिनिधियों को दो वर्ष से ज्यादा की सजा मुकर्रर होने पर सदस्यता समाप्त हो जाती है.

देखें पूरी खबर

बंधु तिर्की पर यह है आरोप

आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपी बने मांडर विधायक बंधु तिर्की पर 6.44 लाख रुपया आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. सीबीआई ने बंधु तिर्की के खिलाफ 11 अगस्त 2010 को प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआइ ने अवैध संपत्ति को लेकर मई 2005 से 30 जून 2009 तक की अवधि को चेक पीरियड मानते हुए जांच शुरू की थी. इस दौरान सीबीआई ने बंधु की आय 13 लाख 37 हजार रुपये आंकी थी. इस मामले में अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को अभियोजन साक्ष्य बंद करते हुए आरोपित के बयान दर्ज करने की तिथि तय की थी.

2018 में हुए गिरफ्तार

सीबीआई ने इस मामले में 21 गवाहों को प्रस्तुत किया है. अदालत ने पिछले साल की 16 जनवरी को बंधु के खिलाफ आरोप तय किया था. इस मामले में सीबीआई की टीम ने बंधु तिर्की को उनके बनहौरा स्थित आवास से 12 दिसंबर 2018 को गिरफ्तार भी किया था. बाद में हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिली थी.

ये भी पढ़ें- पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित, चुनाव लड़ने की मिली इजाजत

आरोपी विधायकों पर राजनीति

पांचवें विधानसभा में बंधु तिर्की सहित कई ऐसे विधायक हैं जिनपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. 2019 में चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल होने वाले भानू प्रताप शाही, उमाशंकर अकेला, शशि भूषण मेहता सहित कई पर अदालत में मुकदमा चल रहा है. कांग्रेस ने बंधु तिर्की मामले में सुनवाई न्यायालय अधीन होने की बात कहते हुए बीजेपी पर तंज कसा है. कांग्रेस प्रवक्ता किशोरनाथ शाहदेव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी में भ्रष्टाचार के आरोपी विधायकों की लंबी लिस्ट है. चुनाव के वक्त बीजेपी में शामिल हुए कई नेता क्या भाजपा में जाने के बाद आरोप मुक्त हो गए हैं.

बीजेपी में कोई सजायाफ्ता नहींः प्रवक्ता

इधर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल नाथ शाहदेव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस में टूजी, थ्रीजी सहित कई घोटालों में लिप्त नेताओं की लंबी फेहरिस्त है. उन्होंने बंधु तिर्की मामले में अदालत में चल रही सुनवाई पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि बीजेपी में कोई भी नेता सजायाफ्ता नहीं है.

रांची: आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसे मांडर विधायक बंधु तिर्की की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. सीबीआई कोर्ट में चल रहे आय से अधिक संपत्ति मामले की सुनवाई अंतिम दौर में है. कोरोना के कारण फिजिकल कोर्ट नहीं होने की वजह से अन्य केस की तरह इस केस की भी सुनवाई बाधित है.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रीय खेल घोटाला: झारखंड के पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की गिरफ्तार

संभावना यह जताई जा रही है कि अगस्त के बाद फिजिकल कोर्ट शुरू होते ही इस केस में सुनवाई पूरी कर फैसला आ जाए. अधिवक्ता अमित तिवारी के अनुसार कोरोना के कारण पिछले डेढ़ वर्षों से कोई भी फैसला नहीं आ रहा है. संवैधानिक प्रावधान के अनुसार जनप्रतिनिधियों को दो वर्ष से ज्यादा की सजा मुकर्रर होने पर सदस्यता समाप्त हो जाती है.

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बंधु तिर्की पर यह है आरोप

आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपी बने मांडर विधायक बंधु तिर्की पर 6.44 लाख रुपया आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. सीबीआई ने बंधु तिर्की के खिलाफ 11 अगस्त 2010 को प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआइ ने अवैध संपत्ति को लेकर मई 2005 से 30 जून 2009 तक की अवधि को चेक पीरियड मानते हुए जांच शुरू की थी. इस दौरान सीबीआई ने बंधु की आय 13 लाख 37 हजार रुपये आंकी थी. इस मामले में अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को अभियोजन साक्ष्य बंद करते हुए आरोपित के बयान दर्ज करने की तिथि तय की थी.

2018 में हुए गिरफ्तार

सीबीआई ने इस मामले में 21 गवाहों को प्रस्तुत किया है. अदालत ने पिछले साल की 16 जनवरी को बंधु के खिलाफ आरोप तय किया था. इस मामले में सीबीआई की टीम ने बंधु तिर्की को उनके बनहौरा स्थित आवास से 12 दिसंबर 2018 को गिरफ्तार भी किया था. बाद में हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिली थी.

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आरोपी विधायकों पर राजनीति

पांचवें विधानसभा में बंधु तिर्की सहित कई ऐसे विधायक हैं जिनपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. 2019 में चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल होने वाले भानू प्रताप शाही, उमाशंकर अकेला, शशि भूषण मेहता सहित कई पर अदालत में मुकदमा चल रहा है. कांग्रेस ने बंधु तिर्की मामले में सुनवाई न्यायालय अधीन होने की बात कहते हुए बीजेपी पर तंज कसा है. कांग्रेस प्रवक्ता किशोरनाथ शाहदेव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी में भ्रष्टाचार के आरोपी विधायकों की लंबी लिस्ट है. चुनाव के वक्त बीजेपी में शामिल हुए कई नेता क्या भाजपा में जाने के बाद आरोप मुक्त हो गए हैं.

बीजेपी में कोई सजायाफ्ता नहींः प्रवक्ता

इधर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल नाथ शाहदेव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस में टूजी, थ्रीजी सहित कई घोटालों में लिप्त नेताओं की लंबी फेहरिस्त है. उन्होंने बंधु तिर्की मामले में अदालत में चल रही सुनवाई पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि बीजेपी में कोई भी नेता सजायाफ्ता नहीं है.

Last Updated : Jul 17, 2021, 11:36 AM IST
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