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झारखंड में नागालैंड से फर्जी हथियार का लाइसेंस बनाने वाला गिरोह सक्रिय, जारी हुआ अलर्ट

झारखंड में नागालैंड से फर्जी हथियार का लाइसेंस बनाने वाला गिरोह सक्रिय हो चुका है. गिरोह की सहायता से झारखंड में आपराधिक प्रवृति के लोग भी फर्जी लाइसेंस बनवाकर हथियार खरीद रहे हैं. फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने वाले गिरोह की सक्रियता को लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने अलर्ट जारी किया है.

making duplicate arms license Gang active in Jharkhand
पुलिस मुख्यालय
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Published : Apr 2, 2021, 12:08 AM IST

Updated : Apr 2, 2021, 6:21 AM IST

रांची: नागालैंड के फर्जी आर्म्स लाइसेंस के आधार पर झारखंड में हथियार खरीदे जा रहे हैं. फर्जी आर्म्स लाइसेंस के जरिये कई लोग हथियार भी खरीद चुके हैं. मामले को लेकर और फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने वाले गिरोह की सक्रियता को लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने अलर्ट जारी किया है.

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क्या है पूरा मामला
झारखंड में नागालैंड से फर्जी हथियार का लाइसेंस बनाने वाला गिरोह सक्रिय हो चुका है. गिरोह की सहायता से झारखंड में आपराधिक प्रवृति के लोग भी फर्जी लाइसेंस बनवाकर हथियार खरीद रहे हैं. मामला संज्ञान में आने के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय ने नागालैंड से हथियार खरीदने वाले गिरोह की सक्रियता के साथ ही उसके इस्तेमाल को लेकर सभी जिलों को विशेष तौर पर अलर्ट भी किया है. पुलिस मुख्यालय को नागालैंड से बन रहे फर्जी आर्म्स लाइसेंस को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक पत्र भेजा था, जिसमें यह बताया गया था कि नागालैंड का फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने वाला गिरोह झारखंड में सक्रिय है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के पत्र के बाद मुख्यालय ने नागालैंड से आर्म्स लाइसेंस लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है. झारखंड में पहले भी नागालैंड से हथियार की तस्करी कराने वाले गिरोह का खुलासा हो चुका है. एनआईए की जांच में भी यह बात आ चुकी थी, कि नागालैंड का अलगाववादी नेता आंगन संथानम के लोगों के द्वारा उग्रवादी संगठन को हथियार उपलब्ध कराने के साथ साथ फर्जी तरीके से आर्म्स लाइसेंस रैकेट भी चलाया जाता है.



आपराधिक किस्म के लोग खरीद रहे हथियार
नागालैंड से फर्जी तरीके से हथियार की नेशनल परमिट संबंधी लाइसेंस बनवाए जाते हैं. इसके बाद कोलकाता से महंगे हथियार की खरीद उसी लाइसेंस के आधार पर कर ली जाती है. रांची समेत कई जिलों में आपराधिक और दबंग किस्म के लोग इसी लाइसेंस के जरिए हथियार की खरीद कर रहे हैं.

इसे भी पढे़ं: भारी सुरक्षा के बीच होगा मधुपुर विधानसभा उपचुनाव, केन्द्रीय बलों के साथ राज्य पुलिस के जवान रहेंगे तैनात



जांच के आदेश
राज्य पुलिस मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि राज्य में कहीं भी कोई व्यक्ति नागालैंड के आर्म्स की लाइसेंस का इस्तेमाल कर हथियार की खरीद करता है, तो उसकी जांच कराई जाए. नागालैंड से हथियार लाइसेंस की रिपोर्ट लेकर इस संबंध में कार्रवाई की जाए. नागालैंड से जारी लाइसेंस फर्जी निकलता है, तो इस मामले में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है.



राजधानी में एक दर्जन से अधिक है नागालैंड के लाइसेंसधारी
तीन साल पहले राजधानी रांची में नागालैंड से आर्म्स लाइसेंस बनवा कर हथियार खरीदने वालों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया गया था. इस दौरान कई आर्म्स लाइसेंस फर्जी पाए गए थे, जिसके बाद फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, लेकिन धीरे-धीरे यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. मामला ठंडा होने के बाद एक बार नए सिरे से नागालैंड का गिरोह झारखंड में सक्रिय हो गया और कई लोगों ने फर्जी कागजात के आधार पर आर्म्स लाइसेंस बनाकर हथियार भी खरीद लिए हैं. मिली जानकारी के अनुसार अगर पूरे मामले की गहराई से जांच की जाए तो फर्जी लाइसेंस के आधार पर हथियार खरीदने वाले दर्जनों लोग इस मामले में पकड़ में आ सकते हैं.

रांची: नागालैंड के फर्जी आर्म्स लाइसेंस के आधार पर झारखंड में हथियार खरीदे जा रहे हैं. फर्जी आर्म्स लाइसेंस के जरिये कई लोग हथियार भी खरीद चुके हैं. मामले को लेकर और फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने वाले गिरोह की सक्रियता को लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने अलर्ट जारी किया है.

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क्या है पूरा मामला
झारखंड में नागालैंड से फर्जी हथियार का लाइसेंस बनाने वाला गिरोह सक्रिय हो चुका है. गिरोह की सहायता से झारखंड में आपराधिक प्रवृति के लोग भी फर्जी लाइसेंस बनवाकर हथियार खरीद रहे हैं. मामला संज्ञान में आने के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय ने नागालैंड से हथियार खरीदने वाले गिरोह की सक्रियता के साथ ही उसके इस्तेमाल को लेकर सभी जिलों को विशेष तौर पर अलर्ट भी किया है. पुलिस मुख्यालय को नागालैंड से बन रहे फर्जी आर्म्स लाइसेंस को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक पत्र भेजा था, जिसमें यह बताया गया था कि नागालैंड का फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने वाला गिरोह झारखंड में सक्रिय है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के पत्र के बाद मुख्यालय ने नागालैंड से आर्म्स लाइसेंस लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है. झारखंड में पहले भी नागालैंड से हथियार की तस्करी कराने वाले गिरोह का खुलासा हो चुका है. एनआईए की जांच में भी यह बात आ चुकी थी, कि नागालैंड का अलगाववादी नेता आंगन संथानम के लोगों के द्वारा उग्रवादी संगठन को हथियार उपलब्ध कराने के साथ साथ फर्जी तरीके से आर्म्स लाइसेंस रैकेट भी चलाया जाता है.



आपराधिक किस्म के लोग खरीद रहे हथियार
नागालैंड से फर्जी तरीके से हथियार की नेशनल परमिट संबंधी लाइसेंस बनवाए जाते हैं. इसके बाद कोलकाता से महंगे हथियार की खरीद उसी लाइसेंस के आधार पर कर ली जाती है. रांची समेत कई जिलों में आपराधिक और दबंग किस्म के लोग इसी लाइसेंस के जरिए हथियार की खरीद कर रहे हैं.

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जांच के आदेश
राज्य पुलिस मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि राज्य में कहीं भी कोई व्यक्ति नागालैंड के आर्म्स की लाइसेंस का इस्तेमाल कर हथियार की खरीद करता है, तो उसकी जांच कराई जाए. नागालैंड से हथियार लाइसेंस की रिपोर्ट लेकर इस संबंध में कार्रवाई की जाए. नागालैंड से जारी लाइसेंस फर्जी निकलता है, तो इस मामले में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है.



राजधानी में एक दर्जन से अधिक है नागालैंड के लाइसेंसधारी
तीन साल पहले राजधानी रांची में नागालैंड से आर्म्स लाइसेंस बनवा कर हथियार खरीदने वालों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया गया था. इस दौरान कई आर्म्स लाइसेंस फर्जी पाए गए थे, जिसके बाद फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, लेकिन धीरे-धीरे यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. मामला ठंडा होने के बाद एक बार नए सिरे से नागालैंड का गिरोह झारखंड में सक्रिय हो गया और कई लोगों ने फर्जी कागजात के आधार पर आर्म्स लाइसेंस बनाकर हथियार भी खरीद लिए हैं. मिली जानकारी के अनुसार अगर पूरे मामले की गहराई से जांच की जाए तो फर्जी लाइसेंस के आधार पर हथियार खरीदने वाले दर्जनों लोग इस मामले में पकड़ में आ सकते हैं.

Last Updated : Apr 2, 2021, 6:21 AM IST
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