रांचीः विपक्ष के महागठबंधन का चेहरा आखिरकार साफ हो गया है. सीट शेयरिंग की अधिकृत घोषणा के साथ ही ये भी साफ हो गया है कि महागठबंधन में फिलहाल कोई भी अल्पसंख्यक कैंडिडेट चुनावी मैदान में नहीं उतरेगा. बल्कि राज्यसभा चुनाव में अल्पसंख्यक कैंडिडेट को महागठबंधन की ओर से प्राथमिकता दी जाएगी.
ईटीवी भारत ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि महागठबंधन के तहत सीट शेयरिंग में अल्पसंख्यक कैंडिडेट को फिलहाल जगह मिलने की उम्मीद नहीं है. हालांकि महागठबंधन की ओर से यह घोषणा जरूर की गई है कि राज्यसभा चुनाव में अल्पसंख्यक कैंडिडेट को महागठबंधन की ओर से प्राथमिकता दी जाएगी.
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने अल्पसंख्यक कैंडिडेट के मामले पर कहा है कि महागठबंधन व्यक्ति विशेष को लेकर राजनीति नहीं करती है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का उद्देश्य देश और प्रदेश की सत्ता से बीजेपी को उखाड़ फेंकना है. ऐसे में आने वाले समय में राज्यसभा में अल्पसंख्यक कैंडिडेट को प्राथमिकता दी जाएगी.
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने राजद के लिए एक सीट छोड़े जाने की घोषणा के बाद कहा है कि विपक्षी महागठबंधन सभी दलों को एक साथ लेकर चलना चाहती है और यह प्रयास जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक में जो सीट शेयरिंग का फार्मूला तय हुआ था उसी के तहत घोषणा की गई है. इसमें कोई फेरबदल नहीं किया गया है. यही वजह है कि राजद की ट्रेडिशनल सीट पलामू को छोड़ा गया है और आरजेडी को महागठबंधन में शामिल मानते हुए ही यह निर्णय लिया गया है.