रांची: 1 अगस्त से शुरू हो रहे अनलॉक-3 को लेकर झारखंड में किसी तरह की रियायत वह मिलने की उम्मीद नहीं है. इस बाबत गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इशारा कर दिया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि फिलहाल पूर्ण लॉकडाउन करने की स्थिति नहीं है और हर घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगले कुछ दिनों में एक लाख कोविड टेस्ट करने जा रही है. इस पर बहुत तेजी से काम हो रहा है.
कोरोना वायरस की प्रकृति का हो रहा है अध्ययन
सीएम ने कहा कि दरअसल एक फार्मूला तैयार किया गया है, जिसके तहत कोरोना वायरस की राज्य में प्रकृति का अध्ययन किया जा रहा है. इतना ही नहीं किस तरह से संक्रमण में उतार-चढ़ाव हो रहा है इसको लेकर भी अध्ययन हो रहा है. जैसे ही इससे जुड़ी रिपोर्ट सामने आएगी उसके बाद राज्य सरकार समुचित निर्णय लेगी. हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद 31 जुलाई तक उसे फॉलो किया जा रहा है. वहीं, राज्य सरकार ने इसे 31 अगस्त तक बढ़ाने का निर्देश दिया है. इस दौरान चीजें यथावत बनी रहेंगी. अगर कोई उतार-चढ़ाव होता है, तो उस पर नजर रखी जाएगी.
प्रयोग के नतीजों के बाद लिया जाएगा फैसला
हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में एक प्रयोग करने की तैयारी में है. उसका नतीजा सामने के आने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. उस प्रयोग के तहत ज्यादा टेस्टिंग की जाएगी और कोरोना वायरस के पैटर्न को भी स्टडी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल पलामू में एक नया टेस्टिंग लैब खोला गया है. उसी तरह संथाल परगना में भी लैब अगले कुछ दिन में काम करने लगेगा.
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अभी तक नहीं खुले हैं मंदिरों के दरवाजे और सैलून
दरअसल, देश के कई राज्यों में सैलून और मंदिरों के दरवाजे खोल दिए गए थे, लेकिन झारखंड में अनलॉक-2 में भी कोई खास रियायत नहीं दी गई थी. राज्य सरकार के अनुसार जो रियायत अनलॉक-2 में दी गई थी उन्हें मेंटेन किया जाएगा. वहीं, गुरुवार को राज्य सरकार ने होम क्वॉरेंटाइन को लेकर एक प्रोटोकॉल भी जारी किया है, जिसमें बाहर से झारखंड आने वाले लोगों को कैसे होम क्वॉरेंटाइन किया जाना है. इसका दिशा-निर्देश दिया गया है.
होम क्वॉरेंटाइन का प्रोटोकॉल
बता दें कि झारखंड सरकार ने इंटर स्टेट क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल जारी किया है. इसके तहत होम क्वॉरेंटाइन को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए है. वहीं, होम क्वॉरेंटाइन किए गए व्यक्ति के घर के बाहर पोस्टर चिपकाया जाएगा, जिसमें होम क्वॉरेंटाइन की अवधि और व्यक्ति का नाम लिखा जाएगा. वहीं, इंटरस्टेट क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल के अनुसार हर व्यक्ति को होम क्वॉरेंटाइन ऑर्डर की कॉपी दी जाए, जिसमें उन्हें यह बताया जाए कि उन्हें क्या करने और क्या नहीं करना है.