रांची: लोक जनशक्ति पार्टी झारखंड प्रदेश कार्यालय में कार्यसमिति की बैठक की गई. इस बैठक में विधानसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा की गई. इसके साथ ही झारखंड में लोजपा का जनाधार किस तरह से बनाया जाए इस पर विचार-विमर्श किया गया. ताकि 2024 के चुनाव में एक मजबूत जनाधार के साथ पार्टी उभर कर सामने आ सके.
बीजेपी पर फोड़ा हार का ठीकरा
झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर गठबंधन के तमाम एनडीए घटक दल अलग-अलग चुनाव लड़े थे. लोजपा ने भी विधानसभा चुनाव में अलग चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था लेकिन चुनावी परिणाम में लोजपा को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान ने हार का ठीकरा भारतीय जनता पार्टी पर फोड़ा.
ये भी पढ़ें- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव को है विश्वास, BJP में शामिल नहीं होंगे बाबूलाल मरांडी
साथ लड़ने पर परिणाम अलग होता
वीरेंद्र प्रधान ने कहा कि बीजेपी ने अंतिम समय में धोखा देने का काम किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रघुवर दास के गलत रवैये के कारण तमाम NDA घटक दल अलग-अलग चुनाव लड़े. भारतीय जनता पार्टी को लगा कि राम मंदिर मुद्दा, CAA, NRC के मुद्दे पर अकेले बहुमत की सरकार बनाएगी और इस गलतफहमी के कारण तमाम एनडीए घटक दलों को दरकिनार कर दिया गया. यदि एनडीए घटक दल एक साथ चुनाव लड़ते तो झारखंड में एक मजबूत जनाधार NDA को मिलता