ETV Bharat / state

गिरिडीह में कोयले के उत्पादन को हरी झंडी, बस एक आदेश का इंतजार, जानें मंत्री ने क्या कहा! - OPENCAST MINES OF CCL IN GIRIDIH

गिरिडीह कोलियरी के ओपेनकास्ट माइंस का ईसी मिल चुका है. ऐसे में माइंस से कोयला उत्पादन जल्द ही शुरू हो सकता है.

OPENCAST MINES OF CCL IN GIRIDIH
सीसीएल अधिकारियों के संग मंत्री सुदिव्य कुमार (ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 3 hours ago

गिरिडीह: सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के ओपेनकास्ट माइंस से कोयला का उत्पादन जल्द ही आरंभ होने की संभावना बढ़ गई है. माइंस को पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी है. अब सीटीई (कंसर्ट टू स्टेब्लिश) और सीटीओ (कंसर्ट टू ऑपरेट) का इंतजार है. इन दोनों प्रमाण पत्र मिलते ही माइंस से उत्पादन शुरू हो जाएगा.

माइंस को जल्द से जल्द आरंभ करने के प्रयास में प्रबंधन के अलावा मंत्री सह गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार, गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन जुटे हुए हैं. इसे लेकर सीसीएल के जीएम बासब चौधरी, परियोजना पदाधिकारी गोपाल सिंह मीणा, पदाधिकारी अनिल पासवान, शम्मी कपूर और राजवर्धन कुमार ने मंत्री से मुलाकात की. इस दौरान मंत्री ने पूरा सहयोग करने तथा जल्द से जल्द सभी प्रमाण पत्र जारी करवाने का भरोसा दिलवाया है, ताकि चंद दिनों में माइंस से कोयला का उत्पादन शुरू हो सके.

ओपेनकास्ट माइंस को लेकर जानकारी देते मंत्री सुदिव्य कुमार (ईटीवी भारत)
इस संदर्भ में मंत्री सुदिव्य कुमार ने बताया कि माइंस को आरंभ करने का प्रयास निरंतर चल रहा था. इसे लेकर तीन माह पूर्व से ही जिलास्तर की उच्चस्तरीय बैठक करायी गई थी. जिसमें मंत्री के अलावा गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, जिला तथा सीसीएल प्रबंधन के अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक में यह निर्णय लिया था कि तकनीकी अड़चनों के चलते माइंस का उत्पादन बाधित है, उसे दूर किया जाना चाहिए.सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार 1980 से पहले यदि वन भूमि, जेजे लैंड ब्रोकेन है तो ऐसे में उसपर फॉरेस्ट कंजेर्वेशन एक्ट लागू नहीं होता है. सीसीएल की तरफ से 1980 से पहले के उत्पादन के तमाम दस्तावेज आंकड़े प्रस्तुत किए गए. इन आंकड़ों से डीएफओ इस बात से संतुष्ट हुए कि ओपेनकास्ट में कोयला का उत्पादन 1980 के पहले से हो रहा था.

इसी अहर्ता और यहां से गई रिपोर्ट के आधार पर पर्यावरण मंजूरी मिल गई है. अब दो और प्रमाण पत्र का इंतजार है, सीटीई और सीटीओ. मंत्री ने कहा कि पूरी उम्मीद है फरवरी में दोनों प्रमाण पत्र मिल जाएगा. जिससे फरवरी माह से ही उत्पादन शुरू हो सके. बता दें कि जनवरी 2022 से यह माइंस बंद पड़ा है. उत्पादन बंद रहने से करोड़ों का कारोबार ठप रहा, तो कई मजदूर पलायन कर गए. अब माइंस के फिर से शुरू होने के आसार बढ़ गए हैं. ऐसे में लोगों में खुशी देखी जा रही है.

ये भी पढ़ें- गिरिडीह कोलियरी के बहुरेंगे दिन, इस एक्ट से शुरू होगा कोयला का उत्पादन, बैठक में लिया गया निर्णय - Giridih Colliery

Giridih News: कोयले की अवैध तस्करी पर कार्रवाई, बैलगाड़ी जब्त, दो गिरफ्तार

कोयला मंत्री और सीएम हेमंत सोरेन की बैठक, झारखंड सरकार की मांग पर मंत्री ने साधी चुप्पी!

गिरिडीह: सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के ओपेनकास्ट माइंस से कोयला का उत्पादन जल्द ही आरंभ होने की संभावना बढ़ गई है. माइंस को पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी है. अब सीटीई (कंसर्ट टू स्टेब्लिश) और सीटीओ (कंसर्ट टू ऑपरेट) का इंतजार है. इन दोनों प्रमाण पत्र मिलते ही माइंस से उत्पादन शुरू हो जाएगा.

माइंस को जल्द से जल्द आरंभ करने के प्रयास में प्रबंधन के अलावा मंत्री सह गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार, गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन जुटे हुए हैं. इसे लेकर सीसीएल के जीएम बासब चौधरी, परियोजना पदाधिकारी गोपाल सिंह मीणा, पदाधिकारी अनिल पासवान, शम्मी कपूर और राजवर्धन कुमार ने मंत्री से मुलाकात की. इस दौरान मंत्री ने पूरा सहयोग करने तथा जल्द से जल्द सभी प्रमाण पत्र जारी करवाने का भरोसा दिलवाया है, ताकि चंद दिनों में माइंस से कोयला का उत्पादन शुरू हो सके.

ओपेनकास्ट माइंस को लेकर जानकारी देते मंत्री सुदिव्य कुमार (ईटीवी भारत)
इस संदर्भ में मंत्री सुदिव्य कुमार ने बताया कि माइंस को आरंभ करने का प्रयास निरंतर चल रहा था. इसे लेकर तीन माह पूर्व से ही जिलास्तर की उच्चस्तरीय बैठक करायी गई थी. जिसमें मंत्री के अलावा गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, जिला तथा सीसीएल प्रबंधन के अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक में यह निर्णय लिया था कि तकनीकी अड़चनों के चलते माइंस का उत्पादन बाधित है, उसे दूर किया जाना चाहिए.सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार 1980 से पहले यदि वन भूमि, जेजे लैंड ब्रोकेन है तो ऐसे में उसपर फॉरेस्ट कंजेर्वेशन एक्ट लागू नहीं होता है. सीसीएल की तरफ से 1980 से पहले के उत्पादन के तमाम दस्तावेज आंकड़े प्रस्तुत किए गए. इन आंकड़ों से डीएफओ इस बात से संतुष्ट हुए कि ओपेनकास्ट में कोयला का उत्पादन 1980 के पहले से हो रहा था.

इसी अहर्ता और यहां से गई रिपोर्ट के आधार पर पर्यावरण मंजूरी मिल गई है. अब दो और प्रमाण पत्र का इंतजार है, सीटीई और सीटीओ. मंत्री ने कहा कि पूरी उम्मीद है फरवरी में दोनों प्रमाण पत्र मिल जाएगा. जिससे फरवरी माह से ही उत्पादन शुरू हो सके. बता दें कि जनवरी 2022 से यह माइंस बंद पड़ा है. उत्पादन बंद रहने से करोड़ों का कारोबार ठप रहा, तो कई मजदूर पलायन कर गए. अब माइंस के फिर से शुरू होने के आसार बढ़ गए हैं. ऐसे में लोगों में खुशी देखी जा रही है.

ये भी पढ़ें- गिरिडीह कोलियरी के बहुरेंगे दिन, इस एक्ट से शुरू होगा कोयला का उत्पादन, बैठक में लिया गया निर्णय - Giridih Colliery

Giridih News: कोयले की अवैध तस्करी पर कार्रवाई, बैलगाड़ी जब्त, दो गिरफ्तार

कोयला मंत्री और सीएम हेमंत सोरेन की बैठक, झारखंड सरकार की मांग पर मंत्री ने साधी चुप्पी!

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.