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किसान आंदोलन के समर्थन में वामदल नई ऊर्जा के साथ फूंकेगा बिगुल, 17 मई को रांची में विशाल रैली का आयोजन

झारखंड राज्य किसान सभा के बैनर तले वामदलों के नेताओं की बैठक आयोजित की गई, जिसमें पार्टी के अलावा एटक किसान सभा एआईवाईएफ, एआईएसएफ सहित महिला समाज के नेताओं ने भाग लिया. बैठक में उपस्थित नेताओं ने किसान आंदोलन को समर्थन करते हुए 17 माई को रांची के मोराबादी मैदान में एक विशाल रैली आयोजित की जा रही है.

रांची
किसान सभा के बैनर तले वामदलों की बैठक
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Published : Mar 8, 2021, 7:07 AM IST

रांची: झारखंड राज्य किसान सभा के बैनर तले वामदलों के नेताओं की बैठक हुई. जिसमें पार्टी के अलावा एटक किसान सभा एआईवाईएफ, एआईएसएफ सहित महिला समाज के नेताओं ने भाग लिया. बैठक में उपस्थित नेताओं ने किसान आंदोलन को समर्थन करते हुए 17 माई को रांची के मोरहाबादी मैदान में एक विशाल रैली आयोजित करने की बात कही.

यह भी पढ़ेंःपाकुड़ की कॉस्ट्यूम ज्वेलरी असली की खूबसूरती को दे रही मात, कारोबार से 'तेजस्विनी' बन रहीं युवतियां

सार्वजनिक क्षेत्र के कारखानों को किया जा रहा निजीकरण

बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों को रद्द करने, एमएसपी कानून बनाने, स्वामीनाथन कमीशन की अनुशंसा को लागू करने और गैरमजरूआ जमीन की रसीद कटवाने की प्रक्रिया शुरू करनी होगा. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के कारखानों का निजीकरण किया जा रहा है. इससे युवाओं को रोजगार मिलना मुश्किल हो जाएगा. किसान संघर्ष कर रहे हैं. इन किसानों की मांगों को मोदी सरकार नहीं मान रही है. सरकार के इस रवैये से जनतंत्र खतरे में है.

पंचायत से लेकर जिला स्तर तक कार्यक्रम

उन्होंने कहा कि 17 मई को रांची के मोरहाबादी मैदान में एक विशाल रैली आयोजित की गई है. इस रैली को लेकर पंचायत से लेकर जिला स्तर तक कार्यक्रम किए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग रैली में जुट सकें और झारखंड के किसानों और वाम दलों के नेताओं की आवाज दिल्ली की सरकार तक पहुंच सके. बैठक में वाम दल के नेता अजय कुमार, सुजीत सिन्हा, सुफल महतो, प्रफुल्ल लिंडा, राजेंद्र यादव, महेंद्र पाठक, अजय सिंह, उमेश नजीर सहित दर्जनों नेता उपस्थित थे.

रांची: झारखंड राज्य किसान सभा के बैनर तले वामदलों के नेताओं की बैठक हुई. जिसमें पार्टी के अलावा एटक किसान सभा एआईवाईएफ, एआईएसएफ सहित महिला समाज के नेताओं ने भाग लिया. बैठक में उपस्थित नेताओं ने किसान आंदोलन को समर्थन करते हुए 17 माई को रांची के मोरहाबादी मैदान में एक विशाल रैली आयोजित करने की बात कही.

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सार्वजनिक क्षेत्र के कारखानों को किया जा रहा निजीकरण

बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों को रद्द करने, एमएसपी कानून बनाने, स्वामीनाथन कमीशन की अनुशंसा को लागू करने और गैरमजरूआ जमीन की रसीद कटवाने की प्रक्रिया शुरू करनी होगा. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के कारखानों का निजीकरण किया जा रहा है. इससे युवाओं को रोजगार मिलना मुश्किल हो जाएगा. किसान संघर्ष कर रहे हैं. इन किसानों की मांगों को मोदी सरकार नहीं मान रही है. सरकार के इस रवैये से जनतंत्र खतरे में है.

पंचायत से लेकर जिला स्तर तक कार्यक्रम

उन्होंने कहा कि 17 मई को रांची के मोरहाबादी मैदान में एक विशाल रैली आयोजित की गई है. इस रैली को लेकर पंचायत से लेकर जिला स्तर तक कार्यक्रम किए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग रैली में जुट सकें और झारखंड के किसानों और वाम दलों के नेताओं की आवाज दिल्ली की सरकार तक पहुंच सके. बैठक में वाम दल के नेता अजय कुमार, सुजीत सिन्हा, सुफल महतो, प्रफुल्ल लिंडा, राजेंद्र यादव, महेंद्र पाठक, अजय सिंह, उमेश नजीर सहित दर्जनों नेता उपस्थित थे.

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