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झारखंड में कृषि कानून के विरोध में उतरे वामदल, 8 दिसंबर के भारत बंद का करेंगे समर्थन

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून के विरोध में 8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद का वामदल समर्थन करेंगे. वामदल, कई अन्य दलों और सामाजिक संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी.

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झारखंड में कृषि कानून के विरोध में उतरे वामदल
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Published : Dec 6, 2020, 8:29 PM IST

रांची: केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून के विरोध में आगामी 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है. इसे समर्थन देने के लिए वामदल के दलों समेत राजद की इकाई और कई सामाजिक संगठनों ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर पत्रकारों को जानकारी दी है.

देखें पूरी खबर

इसे लेकर पूर्व सांसद और सीपीआई राज्य सचिव भुनेश्वर मेहता ने कहा कि किसानों के इस आंदोलन का वे लोग हर तरह से समर्थन करेंगे. जिस प्रकार से दिल्ली में पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ केंद्र सरकार ने जुर्म किया है, वह कहीं से भी केंद्र सरकार के मानवीय चेहरा को नहीं दिखलाता है. उन्होंने कहा कि किसानों के समर्थन में 8 दिसंबर को वामदल भी भारत बंद में मदद करेंगे.

ये भी पढ़ें-कोरोनाकाल में सात हजार युवाओं ने मांगा रोजगार, जानें नियोजन दफ्तर कितनों को दिला सका काम

किसानों के साथ खड़े रहने की घोषणा

वहीं वाम दल की संयुक्त प्रेस वार्ता में मौजूद राजद के राजेश यादव ने भी किसानों के इस आंदोलन में अपनी ओर से संयुक्त रूप से समर्थन देने और किसानों के साथ खड़े रहने की घोषणा की है. मौके पर मौजूद सीपीएम नेता प्रकाश विप्लव ने इस कानून को कुख्यात कानून बताया है. उन्होंने कहा है कि सिर्फ पंजाब-हरियाणा नहीं, बल्कि झारखंड में भी आंदोलन जोरदार देखने को मिलेगा. इसके लिए सोमवार को मशाल जुलूस और तमाम नेशनल और स्टेट हाईवे में प्रदर्शन होगा.

केंद्र सरकार के इस कृषि कानून के खिलाफ जिस तरह से किसानों के साथ छोटे-बड़े दल एकजुट हो रहे हैं. यह कहीं न कहीं भाजपा सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. अब देखना होगा कि किसानों के इस आंदोलन से केंद्र की भाजपा सरकार पर कितना असर पड़ता है.

रांची: केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून के विरोध में आगामी 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है. इसे समर्थन देने के लिए वामदल के दलों समेत राजद की इकाई और कई सामाजिक संगठनों ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर पत्रकारों को जानकारी दी है.

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इसे लेकर पूर्व सांसद और सीपीआई राज्य सचिव भुनेश्वर मेहता ने कहा कि किसानों के इस आंदोलन का वे लोग हर तरह से समर्थन करेंगे. जिस प्रकार से दिल्ली में पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ केंद्र सरकार ने जुर्म किया है, वह कहीं से भी केंद्र सरकार के मानवीय चेहरा को नहीं दिखलाता है. उन्होंने कहा कि किसानों के समर्थन में 8 दिसंबर को वामदल भी भारत बंद में मदद करेंगे.

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किसानों के साथ खड़े रहने की घोषणा

वहीं वाम दल की संयुक्त प्रेस वार्ता में मौजूद राजद के राजेश यादव ने भी किसानों के इस आंदोलन में अपनी ओर से संयुक्त रूप से समर्थन देने और किसानों के साथ खड़े रहने की घोषणा की है. मौके पर मौजूद सीपीएम नेता प्रकाश विप्लव ने इस कानून को कुख्यात कानून बताया है. उन्होंने कहा है कि सिर्फ पंजाब-हरियाणा नहीं, बल्कि झारखंड में भी आंदोलन जोरदार देखने को मिलेगा. इसके लिए सोमवार को मशाल जुलूस और तमाम नेशनल और स्टेट हाईवे में प्रदर्शन होगा.

केंद्र सरकार के इस कृषि कानून के खिलाफ जिस तरह से किसानों के साथ छोटे-बड़े दल एकजुट हो रहे हैं. यह कहीं न कहीं भाजपा सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. अब देखना होगा कि किसानों के इस आंदोलन से केंद्र की भाजपा सरकार पर कितना असर पड़ता है.

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