रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने तीन दिवसीय झारखंड दौरे के बाद दिल्ली रवाना हो गईं. राष्ट्रपति का झारखंड दौरा कई मायनों में खास रहा. उन्होंने यहां देश के सबसे भव्य हाईकोर्ट का उद्घाटन किया. इसके अलावा आदिवासी महिलाओं से भी मिलीं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के दूसरे दीक्षांत समारोह में भी शामिल हुईं. यहां उन्होंने 109 छात्र छात्रों को डिग्री दी.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज अपने विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गईं. लेकिन पिछले दो दिन जो उन्होंने झारखंड में बिताएं वे बेहद खास थे. इस दौरान ना सिर्फ उन्होंने देश के सबसे बेहतरीन हाई कोर्ट का उद्घाटन किया बल्कि यहां आदिवासी महिलाओं से भी मुलाकात की और अपने अनुभवों को साझा किया.
खूंटी के बिरसा मुंडा कॉलेज में आयोजित महिला स्वयं सहायता सम्मेलन में उन्होंने 24 हजार महिलाओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में जन्म लेना गर्व की बात है. उन्होंने ये भी आग्रह किया कि आगे बढ़ जाने के बाद अपने समाज के दूसरे लोगों को भी आगे बढ़ाना है. इसके साथ ही उन्होंने आधुनिक समय में आदिवासी संस्कृति को भी बचाने की अपील की.
राष्ट्रपति ने महिलाओं को संबोधित करते ये हुए अपनी यादें भी साझा की. उन्होंने बताया कि कैसे उनकी दादी उन्हें रात को दो बजे महुआ चुनने के लिए उठा देती थीं. तब वे महुआ चुनकर लाती थीं और उसे सुखाती थीं. उन्होंने भी बताया कि उनके जीवन में कभी कभी ऐसा भी वक्त आया जब उनके घर में खाने के लिए कुछ नहीं होता था. ऐसे वक्त में वे महुआ को उबाल कर खा लिया करती थीं. यहां उन्होंने झारखंड से रिश्ते को भी बेहद खास बताया. झारखंड से राष्ट्रपति को कितना प्यार है इसका अंदाजा उनके इस बयान से लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा भले ही वे ओडिशा की हैं लेकिन उनके रगों में जो खून बह रहा है वह झारखंड का है.