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जानिए क्यों रिम्स के बाहर खुले में फेंके गए बेड, इसपर बीजेपी ने क्या कहा? - बेड

रिम्स के ऑन्कोलॉजी विभाग (oncology department) के बाहर बड़ी संख्या में बेड खुले में फेंक दिए गए हैं. इसपर बीजेपी ने रिम्स के बहाने हेमंत सरकार (Hemant government) पर निशाना साधा है.

large number of beds thrown outside the oncology department of RIMS in ranchi
जानिए आखिर क्यों रिम्स के बाहर खुले में फेंके गए बेड, बीजेपी ने साधा हेमंत सरकार पर निशाना
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Published : Jun 14, 2021, 11:16 AM IST

Updated : Jun 14, 2021, 11:59 AM IST

रांची: राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स (rims) यूं तो कोरोना की महामारी की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में लगा है. लेकिन कोविड वार्ड (covid ward) बनाने के नाम पर नए-नए बेड लगाए जा रहे हैं. कुछ साल पहले सवा-सवा लाख रुपये के बेड ये कहते हुए लगाए गए कि ये विश्व के सर्वोत्तम बेड हैं. अब इसपर लगातार सवाल उठ रहे हैं.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- होम आइसोलेशन गाइडलाइन में बदलाव, संक्रमित पाए जाने पर अब कोविड केयर सेंटर में रहना होगा

अब नए बेड्स की जरूरत क्यों?
रिम्स के ऑन्कोलॉजी विभाग (oncology department) के बाहर बड़ी संख्या में बेड खुले में फेंक दिए गए हैं, तो ICU के बेड्स को भी कचड़े में डाल दिया गया है. इसपर बीजेपी ने रिम्स के बहाने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. रिम्स में सैकड़ों की संख्या में बेहतरीन बेड्स को कचड़ा बताकर फेंक देने और नए बेड लगाने के मामले की जांच कराने की मांग की और कहा कि जब सरकार की नाक के नीचे सबकुछ हो रहा है, तो सरकार की जवाबदेही बनती है. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा (BJP spokesperson Pradeep Sinha) ने कहा कि रिम्स को नए बेड खरीद की उपयोगिता सिद्ध करनी चाहिए.



रिम्स प्रबंधन की दलील
रिम्स में बढ़िया बेड को बेकार घोषित कर नए बेड की खरीद और आपदा में अवसर के आरोप पर रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. डीके सिन्हा ने कहा कि रिम्स ने महज 100 बेड की ही खरीदी है, जबकि 500 बेड FREZA नाम के संगठन ने चैरिटी में दिया है. हालांकि उन्होंने माना कि कुछ बढ़िया बेड्स को जरूर गलती से कचड़े में फेंक दिया गया था. डॉ. डीके सिन्हा ने कहा कि ऑन्कोलॉजी सुपर स्पेशलिटी (Oncology Super Specialty) का बेड मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग (multi storage building) में भेजा जा रहा है.

रांची: राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स (rims) यूं तो कोरोना की महामारी की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में लगा है. लेकिन कोविड वार्ड (covid ward) बनाने के नाम पर नए-नए बेड लगाए जा रहे हैं. कुछ साल पहले सवा-सवा लाख रुपये के बेड ये कहते हुए लगाए गए कि ये विश्व के सर्वोत्तम बेड हैं. अब इसपर लगातार सवाल उठ रहे हैं.

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अब नए बेड्स की जरूरत क्यों?
रिम्स के ऑन्कोलॉजी विभाग (oncology department) के बाहर बड़ी संख्या में बेड खुले में फेंक दिए गए हैं, तो ICU के बेड्स को भी कचड़े में डाल दिया गया है. इसपर बीजेपी ने रिम्स के बहाने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. रिम्स में सैकड़ों की संख्या में बेहतरीन बेड्स को कचड़ा बताकर फेंक देने और नए बेड लगाने के मामले की जांच कराने की मांग की और कहा कि जब सरकार की नाक के नीचे सबकुछ हो रहा है, तो सरकार की जवाबदेही बनती है. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा (BJP spokesperson Pradeep Sinha) ने कहा कि रिम्स को नए बेड खरीद की उपयोगिता सिद्ध करनी चाहिए.



रिम्स प्रबंधन की दलील
रिम्स में बढ़िया बेड को बेकार घोषित कर नए बेड की खरीद और आपदा में अवसर के आरोप पर रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. डीके सिन्हा ने कहा कि रिम्स ने महज 100 बेड की ही खरीदी है, जबकि 500 बेड FREZA नाम के संगठन ने चैरिटी में दिया है. हालांकि उन्होंने माना कि कुछ बढ़िया बेड्स को जरूर गलती से कचड़े में फेंक दिया गया था. डॉ. डीके सिन्हा ने कहा कि ऑन्कोलॉजी सुपर स्पेशलिटी (Oncology Super Specialty) का बेड मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग (multi storage building) में भेजा जा रहा है.

Last Updated : Jun 14, 2021, 11:59 AM IST
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