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दिल्ली जाने से पूर्व लालू यादव की रिपोर्ट रही नॉर्मल, डॉक्टरों ने कहा- RIMS में संसाधन की कमी के कारण भेजा गया एम्स

रिम्स में इलाजरत लालू यादव को शनिवार को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स भेज दिया गया है, लेकिन जिस प्रकार से लालू यादव का सभी रिपोर्ट सामान्य होने के बावजूद सिर्फ निमोनिया के इलाज के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में रेफर किया गया है, वह कहीं न कहीं रिम्स की व्यवस्था पर सवाल भी खड़ा करता है.

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दिल्ली जाने से पूर्व लालू यादव का रिपोर्ट रहा नॉर्मल
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Published : Jan 23, 2021, 11:08 PM IST

रांची: रिम्स के पेइंग वार्ड में पिछले साढे 3 साल से ज्यादा समय से इलाज करा रहे लालू यादव को शनिवार को रिम्स में बनाए गए मेडिकल बोर्ड की ओर से दिल्ली जाने पर सहमति बना दी गई. डॉक्टर जे के मित्रा के नेतृत्व में आठ डॉक्टरों की टीम के मंतव्य के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि लालू यादव फिलहाल निमोनिया से ग्रसित है, जिस वजह से उनके लंग्स में इन्फेक्शन हो गया है, साथ ही उनकी उम्र भी अत्यधिक है. ऐसे में जरूरी है कि उन्हें बेहतर संसाधन के बीच डॉक्टरों की परामर्श मिले, ताकि उनके लंग्स की इन्फेक्शन पर त्वरित नियंत्रण पाया जा सके.

देखें पूरी खबर
निमोनिया के लक्षण बढ़ती उम्र के लिए खतरनाक गुरुवार को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने चिंता जाहिर करते हुए उनके सभी रिपोर्ट की जांच की, जिसमें इको रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट, एचआरसीटी चेस्ट रिपोर्ट, यूएसजी kubp रिपोर्ट सहित कोरोना और शुगर जांच भी की गई. डॉक्टरों की मानें तो लालू यादव का एक्सरे और एचआरसीटी चेस्ट रिपोर्ट अवलोकन करने के बाद उनमें निमोनिया के लक्षण पाए गए, जो कि बढ़ती उम्र के लिए खतरनाक हो सकता है, इसीलिए जरूरी है कि एक बार दिल्ली के एम्स अस्पताल में बेहतर संसाधन के बीच डॉक्टरों की जांच कराई जाए, ताकि उनके निमोनिया पर काबू पाया जा सके.

ये भी पढ़ें-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से तेज प्रताप और तेजस्वी यादव ने की मुलाकात, लालू यादव को AIIMS ले जाने पर हुई चर्चा


रिम्स की व्यवस्था पर सवाल

डॉक्टर उमेश प्रसाद की मानें तो निमोनिया के केस में लंग्स में पानी आना ज्यादा चिंता की बात नहीं है, लेकिन बढ़ती उम्र को देखते हुए उनके इलाज के लिए बेहतर संसाधन की जरूरत है, इसीलिए सभी डॉक्टरों के विचार विमर्श के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल रेफर किया गया. उन्होंने कहा कि अगर स्थिति बिगड़ती है तो वैसी परिस्थिति में रिम्स अस्पताल के संसाधन काफी नहीं है, इसीलिए भी एम्स रेफर करना जरूरी माना गया. अब ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भले ही रिम्स प्रबंधन अपनी व्यवस्था की लाख दावें कर ले, लेकिन जिस प्रकार से लालू यादव का सभी रिपोर्ट सामान्य होने के बावजूद भी सिर्फ निमोनिया के इलाज के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में रेफर किया गया है, वह कहीं न कहीं रिम्स की व्यवस्था पर सवाल भी खड़ा करता है.

रांची: रिम्स के पेइंग वार्ड में पिछले साढे 3 साल से ज्यादा समय से इलाज करा रहे लालू यादव को शनिवार को रिम्स में बनाए गए मेडिकल बोर्ड की ओर से दिल्ली जाने पर सहमति बना दी गई. डॉक्टर जे के मित्रा के नेतृत्व में आठ डॉक्टरों की टीम के मंतव्य के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि लालू यादव फिलहाल निमोनिया से ग्रसित है, जिस वजह से उनके लंग्स में इन्फेक्शन हो गया है, साथ ही उनकी उम्र भी अत्यधिक है. ऐसे में जरूरी है कि उन्हें बेहतर संसाधन के बीच डॉक्टरों की परामर्श मिले, ताकि उनके लंग्स की इन्फेक्शन पर त्वरित नियंत्रण पाया जा सके.

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निमोनिया के लक्षण बढ़ती उम्र के लिए खतरनाक गुरुवार को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने चिंता जाहिर करते हुए उनके सभी रिपोर्ट की जांच की, जिसमें इको रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट, एचआरसीटी चेस्ट रिपोर्ट, यूएसजी kubp रिपोर्ट सहित कोरोना और शुगर जांच भी की गई. डॉक्टरों की मानें तो लालू यादव का एक्सरे और एचआरसीटी चेस्ट रिपोर्ट अवलोकन करने के बाद उनमें निमोनिया के लक्षण पाए गए, जो कि बढ़ती उम्र के लिए खतरनाक हो सकता है, इसीलिए जरूरी है कि एक बार दिल्ली के एम्स अस्पताल में बेहतर संसाधन के बीच डॉक्टरों की जांच कराई जाए, ताकि उनके निमोनिया पर काबू पाया जा सके.

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रिम्स की व्यवस्था पर सवाल

डॉक्टर उमेश प्रसाद की मानें तो निमोनिया के केस में लंग्स में पानी आना ज्यादा चिंता की बात नहीं है, लेकिन बढ़ती उम्र को देखते हुए उनके इलाज के लिए बेहतर संसाधन की जरूरत है, इसीलिए सभी डॉक्टरों के विचार विमर्श के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल रेफर किया गया. उन्होंने कहा कि अगर स्थिति बिगड़ती है तो वैसी परिस्थिति में रिम्स अस्पताल के संसाधन काफी नहीं है, इसीलिए भी एम्स रेफर करना जरूरी माना गया. अब ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भले ही रिम्स प्रबंधन अपनी व्यवस्था की लाख दावें कर ले, लेकिन जिस प्रकार से लालू यादव का सभी रिपोर्ट सामान्य होने के बावजूद भी सिर्फ निमोनिया के इलाज के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में रेफर किया गया है, वह कहीं न कहीं रिम्स की व्यवस्था पर सवाल भी खड़ा करता है.

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