रांचीः राजधानी के लालपुर थाना क्षेत्र स्थित गहना घर ज्वेलर्स दुकान में सोमवार दिनदहाड़े लूट की घटना हुई. इसमें हुए फायरिंग में घायल दो सगे भाई राहुल और रोहित अब खतरे से बाहर हैं. वहीं, दूसरी ओर घटना में शामिल अपराधियों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है. इसे लेकर राज्य और राज्य के बाहर भी लगातार छापेमारी की जा रही है. सीसीटीवी फुटेज से मिले अपराधियों की तस्वीर के जरिए गिरफ्तारी के लगातार प्रयास कर किए जा रहे हैं. जांच के दौरान पुलिस को यह जानकारी मिली है कि इस वारदात को अंजाम देने में झारखंड के बाहर के अपराधियों का भी हाथ है.
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गया और औरंगाबाद गिरोह पर शक
मिली जानकारी के अनुसार, इस वारदात को अंजाम देने में बिहार के गया के एक कुख्यात गिरोह का हाथ है. यह गिरोह गया और औरंगाबाद में बेहद सक्रिय है. इस गिरोह के कुछ अपराधी एक साल पहले रांची से धर दबोचे गए थे. जिनकी निशानदेही पर पुलिस ने 50 लाख से अधिक के लूट के सामान भी बरामद किए थे. इस गिरोह ने बिहार में कई बड़ी लूट की वारदातों को अंजाम दिया गया है. इस मामले की गुत्थी को सुलझाने के लिए रांची पुलिस लगातार बिहार पुलिस के संपर्क में है.
5 टीम लगातार कर रही काम
मामले में एसएसपी अनीश गुप्ता ने एसआइटी का गठन किया है. इसमें सिटी डीएसपी, सदर डीएसपी, कोतवाली डीएसपी सहित राजधानी के कई थानेदारों को शामिल किया गया है. वारदात के दौरान अपराधी दुकान पर ही 2 हेलमेट छोड़ गए हैं. जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. घटना के बाद वहां एफएसएल की टीम पहुंची थी. एक्सपर्ट ने फिंगर प्रिंट सैंपल भी इकट्ठा किया है.फिंगर प्रिंट् का सैंपल बिहार पुलिस को भी भेजा गया है.
कॉल डंप स्टेटस खंगाल रही पुलिस
अपरधियो के जेवलर्स दुकान में वारदात को अंजाम देने से ठीक पहले और बाद में उस इलाके में कौन-कौन मोबाइल नंबर सक्रिय थे. उन नंबरों से किन-किन ने कॉल किया था या कॉल रिसीव किया गया था. उसका कॉल डंप स्टेटस पुलिस ने निकाल लिया है. इसमें पुलिस को कुछ चौकाने वाले नंबर हाथ लगे हैं. पुलिस कॉल डंप को अनुसंधान में महत्वपूर्ण कड़ी मान रही है. इसके अलावा पुलिस सभी संदिग्धों की सीडीआर भी खंगालने में जुटी है. पुलिस का मानकर चल रही है कि लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए अपराधियों ने कई दिनों तक ज्वेलर्स दुकान की रेकी की होगी. पुलिस घटनास्थल के पास के 15 दिनों का कॉल डंप भी निकाल रही है. जिससे उस दौरान अगर किसी लोकल अपराधी की संलिप्तता हो तो उसे भी पकड़ा जा सके.
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फर्जी नंबर लगी बाइक से पहुंचे थे अपराधी
पांचों अपराधी फर्जी नंबर लगी बाइक से पहुंचे थे. दोनों नंबरों की जांच करने पर पता चला कि एक अपाची में लगी नंबर (जेएच-01सीएस-0167) बुलेट बाइक का निकला. दूसरा नंबर स्कूटी का है. अपराधियों ने बाइक के नंबर पर कागज से लिखा हुआ फर्जी नंबर लगा रखा था.
वहीं, इस मामले को लेकर रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. पुलिस की कई टीमें अलग-अलग स्थानों पर रेड कर रही है. जल्द ही पुलिस को सफलता हाथ लगेगी.