रांची: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर पूरे भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह मनाया जा रहा है. इसको लेकर महिलाओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया जा रहा है. इसी को लेकर रांची रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को लोहरदगा टोरी एक्सप्रेस ट्रेन की जिम्मेदारी के पूर्ण रूप से महिलाओं को दी गई.
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यहां ट्रेन की सुरक्षा में तैनात रेलवे पुलिसकर्मी, रेलवे चालक, ट्रेन मैनेजर, टिकट कलेक्टर के साथ ट्रेन में तैनात गुड्स गार्ड्स के रूप में सभी कर्मचारी महिला ही कार्यरत रहीं. लोहरदगा टोरी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर रेलवे की सीनियर डीओएम श्रेया सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह सिर्फ मनाने का अवसर नहीं है बल्कि इसको धरातल पर लाने की आवश्यकता है.
उन्होंने बताया कि रेलवे प्रशासन की तरफ से 10 मार्च को एक ट्रेन की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिला के दी गई है. जिससे लोगों के बीच में यह संदेश जाए कि महिलाएं भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सकती हैं. ट्रेन की चालक के रूप में दीपाली अमृत दिखीं तो ट्रेन की मैनेजर अनुपलता ने पूरे ट्रेन का जिम्मा लिया. वहीं को पायलट के रूप में गीता कुमारी खलखो ने लोको पायलट को असिस्ट किया. वहीं ट्रेन में आरपीएफ के रूप में चंद्रानी विश्वास, कल्पना कुमारी, सरस्वती, पिंकी कच्छप, सरोज तिर्की, पूजा बारला सहित कई सुरक्षाकर्मी मौजूद रहीं.
लोको पायलट दीपाली अमृत ने बताया कि आज उन्हें काफी गर्व हो रहा है और रेलवे प्रशासन को वो धन्यवाद देना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल कर समाज में यह संदेश दिया कि आधी आबादी के बगैर देश का विकास नहीं हो सकता है. रांची रेलवे जोन की वरिष्ठ पदाधिकारी सीनियर डीओएम ने श्रेया सिंह ने बताया कि रेलवे के द्वारा यह पहल इसलिए किया गया है कि महिलाओं का मनोबल बढ़े और किसी भी परिस्थिति में महिलाएं अपने आपको मजबूत रख सकें.
महिलाओं के द्वारा रांची से रवाना हुई लोहरदगा टोरी एक्सप्रेस करीब 11:00 बजे लोहरदगा पहुंचेगी और फिर उन्हीं महिलाओं के द्वारा ही ट्रेन को 2 बजे तक वापस रांची आयेगी. स्टेशन की सारी जिम्मेदारी महिलाओं को दी गई है. काउंटर से लेकर स्टेशन मास्टर तक शुक्रवार को सिर्फ महिलाओं को नियुक्त किया गया है. इसको लेकर रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि जब तक महिलाएं मजबूत नहीं होंगी तब तक समाज आगे नहीं बढ़ेगा.
रांची रेलवे प्रबंधन द्वारा रांची रेलवे स्टेशन पर महिलाओं को सारी जिम्मेदारी देने को लेकर अधिकारी निशांत कुमार ने बताया कि इस पहल के माध्यम से वो समाज के वैसे लोगों को संदेश देना चाहते हैं जो आज भी महिलाओं को घर में बिठाकर रखना चाहते हैं. आज भी सुदूर इलाके के कई ऐसे गांव हैं जहां पर यह माना जाता है कि महिलाएं सिर्फ घर का काम कर सकती हैं. इसलिए रांची लोहरदगा ट्रेन जितने भी ग्रामीण क्षेत्रों से गुजरेगी उन क्षेत्रों के लोगों को यह बताया जाएगा कि महिलाएं सिर्फ घर ही नहीं बल्कि ट्रेन और हवाई जहाज भी चला सकती हैं. रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम आए दिन किए जाएंगे ताकि रेलवे की पहल के माध्यम से महिलाओं का विकास होते रहे.