रांचीः झारखंड पुलिस सेवा में हमेशा तत्पर है. दौर कोई भी हो, वक्त कैसा भी हो, पुलिस का सहयोग जनता को हमेशा मिला है. संक्रमण के दौर में भी झारखंड पुलिस अपना फर्ज निभा रही है. यहां तक की कोरोना को मात देने के बाद प्लाज्मा डोनेट कर संक्रमितों की मदद कर रही है.
कोविड के दौर में अपराध का नया चेहरा
कोविड के दौर में अपराध के नए ट्रेंड से निपटना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. रांची के एसएसपी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि बढ़ती बेरोजगारी के कारण युवा पीढ़ी गुमराह हो सकती है. रांची पुलिस क्राइम कंट्रोल के बेसिक तरीकों पर काम कर रही है. जैसे हिस्ट्रीशीटर्स की ट्रैकिंग, पुराने आपराधिक छवि वाले लोगों पर नजर रखना. साथ ही परिवार वालों से भी अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने की अपील की जा रही है. पब्लिक पुलिसिंग के तहत आज लोगों का विश्वास पुलिस के प्रति कामय हुआ है.
साइबर क्राइम से निपटने में पुलिस सक्षम
साइबर क्रिमिनल से निपटने के लिए झारखंड पुलिस सशक्त हो चुकी है. एसएसपी ने कहा कि पुलिस ने कई केस अपने बलबूते सुलझाए हैं. हमारे पास तकनीक और गैजेट मौजूद हैं. जिससे हम साइबर क्रिमिनल्स पर नकेल कस सकें. एसएसपी मानते हैं कि जामताड़ा जैसे इलाकों मे सुनियोजित तरीके से काम हो रहा है. इंटरनेट कॉल इसी की एक बानगी है. तकनीक के मामले में साइबर अपराधी स्मार्ट हो रहे हैं लेकिन हमारे टेक्नीशियन भी उनसे किसी मामले में कम नहीं है. हर शातिर अपराधी अपने पीछे जो सबूत छोड़ता है. हमारी एक्सपर्ट टीम उसे पहचाने और उन्हें पकड़ने में सक्षम है.
सेफ है हमारा कैपिटल
पिछले दिनों कई नामचीन नक्सलियों की गिरफ्तारी रांची से हुई है. इससे यह नहीं कहा जा सकता है कि रांची को नक्सली ऑपरेटिंग मॉड्यूल बना रहे हैं. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा कहते हैं कि नक्सल फ्रंट पर पुलिस ने अच्छा काम किया है. राजधानी रांची बिल्कुल सेफ है. हम लगातार कंप्रेसिव और एक्सटेंसिव ऑपरेशन चला रहे हैं, जिससे उनके पांव उखड़ गए हैं, अब नक्सली छिपते फिर रहे हैं. उन्हें भी ढूंढ कर पकड़ा जा रहा है. इसी कड़ी में ही रांची से कई बड़े नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है.
इसे भी पढ़ें- हाईटेक क्रिमिनल पुलिस के लिए सिर दर्द, इंटरनेट से बुनते हैं 'मायाजाल'
किराएदार का वेरिफिकेशन कराएं
राजधानी में अवसर की गुंजाइश ज्यादा होती है. इसलिए बाहर से लोग यहां पहुंचते हैं और किराएदार बनकर अपने आगे का सफर शुरू करते हैं. आमतौर पर लोग अपने परिचित या सगे-संबंधियों के हवाले से किराए का मकान लेते हैं, उनका पुलिस वैरिफिकेशन नहीं हो पाता है. इसको लेकर एसएसपी ने आम लोगों से अपील की है कि राजधानी में किसी भी नए किराएदार का पुलिस वैरिफिकेशन जरूर कराएं. साथ ही जिला और स्थानीय स्तर पर सर्कुलर जारी कर समय-समय पर इलाके में नए लोगों की जांच की दिशा में काम किया जा रहा है. कौन कब आया, किसके यहां आया, कौन है, ऐसे लोगों के सत्यापन से किसी भी तरह की अनहोनी या आगामी खतरे से निपटने में मदद मिलती है.