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रांचीः गंदगी से कांके डैम का पानी हुआ काला, दूषित पानी की हो रही सप्लाई - रांची न्यूज

रांची के कांके डैम की स्थिति काफी खराब है. गंदगी की वजह से पानी प्रदूषित होता जा रहा है. इसका रंग हरा और काला हो गया है. फिर भी पूरे शहर में यहां से पानी सप्लाई की जाती है.

कांके डैम का दूषित पानी
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Published : May 22, 2019, 9:12 AM IST

रांची: राजधानी की आबादी लगभग 16 लाख से ज्यादा है. जिनकी प्यास तीन जलाशय बुझाती है. जो हैं रुक्का डैम, कांके डैम और हटिया डैम. इन तीनों जलाशयों से शहर में रोजाना 40 से 45 एमजीडी पानी की आपूर्ति की जाती है. लेकिन गर्मी आते ही जलाशय में जल संचयन की क्षमता घट जाती है. वहीं, सबसे दयनीय स्थिति कांके डैम की हो जाती है.

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रांची का सबसे पुराना जलाशय कांके डैम है. जिसका निर्माण साल 1954-55 में किया गया था. लेकिन आज तक निर्माण के बाद डैम की साफ-सफाई का कोई भी कार्य नहीं किया गया है. हर तरफ गंदगी का अंबार है, 3 बड़े नाले जिसका पानी शहर के प्रमुख इलाकों से इस डैम की और छोड़ दिया जाता है. जिस वजह से डैम का पूरा पानी दूषित हो गया है.

गंदगी की वजह से कई जगहों पर पानी का रंग हरा और काला हो गया है. जिस वजह से पानी से दुर्गंध आना शुरू हो गया है. इस डैम में पर्याप्त मात्रा में पानी तो है लेकिन पीने योग्य पानी नहीं. वहीं, पानी इतना ज्यादा दूषित हो गया है कि फिल्टर के बावजूद पीने योग्य नहीं रहता है. इस डैम में अभी भी लगभग 2117 फिट पानी है. जिसमें 210 7 फीट तक पानी आपूर्ति करने लायक रहता है. ऐसे में अभी कांके डैम 2 महीने तक पानी सप्लाई करने की क्षमता है.

सबसे आश्चर्य की बात है कि इतना पर्याप्त पानी होने के बावजूद लोग इस पानी को पीने और घरेलू इस्तेमाल के लिए उपयोग नहीं कर पाते हैं. वहीं, स्थानीय निवासी बलराम का कहना है कि नाले से होकर चारों तरफ से दूषित पानी इस डैम में आ जाता है. जिस कारण से डैम का पूरा पानी दूषित हो गया है. इस जलाशय की सप्लाई शहर के तमाम जगहों में की जाती है. लेकिन आज तक इस डैम की साफ-सफाई पर किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया है.

रांची: राजधानी की आबादी लगभग 16 लाख से ज्यादा है. जिनकी प्यास तीन जलाशय बुझाती है. जो हैं रुक्का डैम, कांके डैम और हटिया डैम. इन तीनों जलाशयों से शहर में रोजाना 40 से 45 एमजीडी पानी की आपूर्ति की जाती है. लेकिन गर्मी आते ही जलाशय में जल संचयन की क्षमता घट जाती है. वहीं, सबसे दयनीय स्थिति कांके डैम की हो जाती है.

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रांची का सबसे पुराना जलाशय कांके डैम है. जिसका निर्माण साल 1954-55 में किया गया था. लेकिन आज तक निर्माण के बाद डैम की साफ-सफाई का कोई भी कार्य नहीं किया गया है. हर तरफ गंदगी का अंबार है, 3 बड़े नाले जिसका पानी शहर के प्रमुख इलाकों से इस डैम की और छोड़ दिया जाता है. जिस वजह से डैम का पूरा पानी दूषित हो गया है.

गंदगी की वजह से कई जगहों पर पानी का रंग हरा और काला हो गया है. जिस वजह से पानी से दुर्गंध आना शुरू हो गया है. इस डैम में पर्याप्त मात्रा में पानी तो है लेकिन पीने योग्य पानी नहीं. वहीं, पानी इतना ज्यादा दूषित हो गया है कि फिल्टर के बावजूद पीने योग्य नहीं रहता है. इस डैम में अभी भी लगभग 2117 फिट पानी है. जिसमें 210 7 फीट तक पानी आपूर्ति करने लायक रहता है. ऐसे में अभी कांके डैम 2 महीने तक पानी सप्लाई करने की क्षमता है.

सबसे आश्चर्य की बात है कि इतना पर्याप्त पानी होने के बावजूद लोग इस पानी को पीने और घरेलू इस्तेमाल के लिए उपयोग नहीं कर पाते हैं. वहीं, स्थानीय निवासी बलराम का कहना है कि नाले से होकर चारों तरफ से दूषित पानी इस डैम में आ जाता है. जिस कारण से डैम का पूरा पानी दूषित हो गया है. इस जलाशय की सप्लाई शहर के तमाम जगहों में की जाती है. लेकिन आज तक इस डैम की साफ-सफाई पर किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया है.

Intro:रांची
डे प्लान... स्पेशल खबर
बाइट---बलराम स्थानीय निवासी( चेक टी-शर्ट)
बाइट--- पंप ऑपरेटर कांके डैम( ब्लू टी-शर्ट)


राजधानी रांची की आबादी लगभग 16 लाख से ज्यादा है जिनकी प्यास तीन जलाशय बुझाती है। जिनमें प्रमुख जलाशय रुक्का डैम, कांके डैम और हटिया डैम है। इन तीनों जलाशयों से शहर में रोजाना 40 से 45 एमजीडी पानी की आपूर्ति की जाती है लेकिन गर्मी आते हैं और राजधानी की प्यास बुझाने वाले इन तीनों जलाशय जल संचयन की क्षमता घट जाती है। और सबसे दयनीय स्थिति कांके डैम की हो जाती है एक तरफ साफ सफाई नहीं होने के कारण कांके डैम का पूरा पानी दूषित हो गया है वहीं दूसरी ओर कांके डैम चारों ओर से अतिक्रमण का भी शिकार हो चुका है। जिसके कारण कांके डैम का क्षेत्रफल सिमटता जा रहा है।


Body:शहर का सबसे पुराना जलाशय कांके डैम है जिसका निर्माण वर्ष 1954-55 में किया गया था लेकिन आज तक निर्माण के बाद डेम का साफ सफाई का कोई भी कार्य नहीं किया गया है हर तरफ गंदगी का अंबार है और 3 बड़े नाले जो शहर के प्रमुख इलाकों से कांके डैम की और छोड़ दिया जाता है जिसके कारण कांके डैम का पूरा पानी दूषित हो गया है। इससे डैम का पानी गंदा व दूषित हो गया है कई जगह पर पानी का रंग हरा बा काला है और इसके वजह से पानी से दुर्गंध आना शुरू हो गया है। कांके डैम में पर्याप्त मात्रा में पानी तो है लेकिन पीने योग्य नहीं है क्योंकि इतना पानी दूषित हो गया है कि फिल्टर के बावजूद भी पीने योग्य नहीं होता है


Conclusion:कांके डैम में अभी 2117 फिट लगभग पानी है जिसमें 210 7 फीट तक पानी आपूर्ति करने लायक रहता है ऐसे में अभी कांके डैम 2 महीने तक पानी सप्लाई करने के लायक है उसके बाद फिर बरसात शुरू हो जाने के बाद दिक्कत कम हो जाती है क्योंकि बारिश के पानी से डैम में पूरा पानी हो जाता है लेकिन सबसे आश्चर्य की बात है जितना पर्याप्त पानी होने के बावजूद लोग इस पानी को पीने के लिए तो घरेलू इस्तेमाल के लिए भी उपयोग नहीं कर पाते स्थानीय निवासी बलराम की मानें तो चारों तरफ से दूषित पानी इसका के डैम में आ जाता है जिसके कारण डैम का पूरा पानी दूषित हो गया है। इस जलाशय शहर की घनी आबादी जैसे कांके रोड, मोराबादी के इलाके,अप्पर बाजार के इलाके, रातू रोड के इलाके इन तमाम जगहों पर इस डैम से पानी सप्लाई की जाती है लेकिन आज तक इस डैम की साफ सफाई पर सरकार ध्यान नहीं दिया है
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