रांचीः पुलिस ने रातू थाना क्षेत्र में दो साल पहले हुए जमीन कारोबारी कमलेश दुबे की हत्या के मामले का खुलासा कर दिया है. पुलिस का दावा है कि इस मामले में एक सफेदपोश और पीएलएफआई की संलिप्तता सामने आई है. इस घटना का सूत्रधार एक सफेदपोश व्यक्ति है, उसी के इशारे पर पीएलएफआई सप्रीमो दिनेश गोप के खास शागिर्द संतोष यादव ने शूटर भेजकर कमलेश दुबे की हत्या कराई थी.
संतोष यादव है रिमांड पर
पुलिस का कहना है कि वारदात शूटर रॉकी पांडेय और सहजान अंसारी से कराई गई थी. इस पूरे मामले का खुलासा लोहरदगा पुलिस के हत्थे चढ़े संतोष यादव ने किया है. उसे रांची पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी. हालांकि, रांची पुलिस के पास संतोष का नाम और उसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पहले ही सामने आ चुके थे. संतोष ने पूछताछ में खुलासा किया है कि रातू के पाम रेस्टोरेंट के समीप एक बेशकीमती जमीन है. जिसे कमलेश दुबे ने अपने नाम से एग्रीमेंट करा लिया था. कमलेश ने इस पर कब्जा भी कर लिया था. इस जमीन को सतीश सिंह और अमित कच्छप नाम के व्यक्ति ने भी एग्रीमेंट करा रखा था. इन दोनों ने कमलेश दुबे को जमीन से हटने के लिए कहा था. सफेदपोश ने भी जमीन छोड़ देने की हिदायत दी थी. लेकिन कमलेश दुबे नहीं माना. इस पर उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई गई और सफेदपोश ने सतीश और अमित का संतोष यादव से संपर्क कराया. इसके बाद संतोष ने पहले कमलेश दुबे को जमीन छोड़ने के लिए पहले धमकाया, बात नहीं बनी तो शूटर भेजकर हत्या करा दी.
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संतोष दर्जनों मामलों में था वांछित
एसपी ग्रामीण नौशाद आलम ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले में पूर्व में ही रॉकी और सहजान गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं. घटना में इस्तेमाल हथियार पूर्व में ही बरामद कर लिए गए थे. एसपी आलम ने बताया कि संतोष उर्फ सूरज पीएलएफआई के लिए काम करता है. उसके खिलाफ हत्या व लेवी वसूली के कई मामले विभिन्न थानों में दर्ज है. लोहरदगा निवासी संतोष उर्फ सूरज के खिलाफ सेन्हा, लोहरदगा, पुसो और रातू में हत्या, लूट, रंगदारी, 17 सीएलए के मामले दर्ज हैं. वह फरार चल रहा था. जिसे दिसंबर 2020 को लोहरदगा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
यह था मामला
रातू थाना क्षेत्र के पिर्रा में 30 दिसंबर 2019 की शाम सवा सात बजे तीन नकाबपोश अपराधियों ने जमीन कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. अपराधियों ने इस वारदात को अंजाम उनके घर से 50 कदम की दूरी पर दिया था. कमलेश अपनी किराना की दुकान बंदकर दो कर्मियों के साथ घर जा रहे थे. इसी दौरान तीन नकाबपोश अपराधी पहुंचे. अपराधियों ने उन्हें तीन गोली दागी थी. इसके बाद तीनों बाइक से फरार हो गए. आनन-फानन में परिजन उन्हें रिम्स ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.