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जेवीएम ने जारी किया मैनिफेस्टो, कानून व्यवस्था में सुधार होगी पहली प्राथमिकता

जेवीएम ने बुधवार को अपना घोषणापत्र जारी किया है. इस घोषणापत्र में कानून व्यवस्था में सुधार को सबसे पहली प्राथमिकता के रूप में शामिल किया गया है.

Jvm released manifesto in context of jharkhand assembly election 2019
घोषणापत्बार जारी करते बाबूलाल मरांडी
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Published : Nov 27, 2019, 7:46 PM IST

रांची: झारखंड में 30 नवंबर से विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में सभी पार्टियों ने अपना घोषणापत्र जारी करना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को केंद्रीय कार्यालय में घोषणापत्र जारी किया है. जेवीएम के घोषणापत्र में राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार को पहली प्राथमिकता के रूप में शामिल किया गया है. इसके साथ ही घोषणापत्र में शिक्षा पर भी विशेष फोकस किए जाने की बात कही गई है.

देखें पूरी खबर


अपने घोषणापत्र को करेगी पूरा
इस दौरान जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में लोगों की बुनियादी जरूरतों को लगातार जानने का प्रयास किया है और उन्हीं से जुड़े हुए मुद्दों को घोषणा पत्र में जारी किया गया है ताकि राज्य की जनता को उन बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि अगर जनादेश मिलेगा तो जेवीएम अपने घोषणा पत्र को पूरा करेगी. इसके साथ ही जरूरत के हिसाब से अन्य मुद्दों को भी जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था जिस तरह से चरमराई हुई है, उसके सुधार के लिए कानून बनाने की जरूरत है. इसलिए विधि व्यवस्था को घोषणा पत्र में सबसे पहले रखा गया है. इसके साथ ही अनुसूचित जाति उत्थान के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाने और ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किए जाने की भी घोषणा की गई है.

ये भी पढ़ें: झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: घाटशिला विधानसभा सीट पर बीजेपी रचेगी इतिहास या होगा तख्ता पलट

वहीं घोषणा पत्र में शिक्षा, रोजगार, बिजली, मनरेगा, स्वास्थ्य, पेयजल, परिवहन, ग्रामीण विकास, उद्योग, खनिज, पर्यटन, वन और पर्यावरण, विस्थापन और पलायन, कला संस्कृति और खेल, महिला सरकारी पेंशन योजना, अल्पसंख्यक, आदिवासी, दलित को शामिल किया गया है, जिसके लिए सत्ता में आने पर पार्टी काम करेगी.

रांची: झारखंड में 30 नवंबर से विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में सभी पार्टियों ने अपना घोषणापत्र जारी करना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को केंद्रीय कार्यालय में घोषणापत्र जारी किया है. जेवीएम के घोषणापत्र में राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार को पहली प्राथमिकता के रूप में शामिल किया गया है. इसके साथ ही घोषणापत्र में शिक्षा पर भी विशेष फोकस किए जाने की बात कही गई है.

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अपने घोषणापत्र को करेगी पूरा
इस दौरान जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में लोगों की बुनियादी जरूरतों को लगातार जानने का प्रयास किया है और उन्हीं से जुड़े हुए मुद्दों को घोषणा पत्र में जारी किया गया है ताकि राज्य की जनता को उन बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि अगर जनादेश मिलेगा तो जेवीएम अपने घोषणा पत्र को पूरा करेगी. इसके साथ ही जरूरत के हिसाब से अन्य मुद्दों को भी जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था जिस तरह से चरमराई हुई है, उसके सुधार के लिए कानून बनाने की जरूरत है. इसलिए विधि व्यवस्था को घोषणा पत्र में सबसे पहले रखा गया है. इसके साथ ही अनुसूचित जाति उत्थान के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाने और ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किए जाने की भी घोषणा की गई है.

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वहीं घोषणा पत्र में शिक्षा, रोजगार, बिजली, मनरेगा, स्वास्थ्य, पेयजल, परिवहन, ग्रामीण विकास, उद्योग, खनिज, पर्यटन, वन और पर्यावरण, विस्थापन और पलायन, कला संस्कृति और खेल, महिला सरकारी पेंशन योजना, अल्पसंख्यक, आदिवासी, दलित को शामिल किया गया है, जिसके लिए सत्ता में आने पर पार्टी काम करेगी.

Intro:रांची.झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को केंद्रीय कार्यालय में घोषणापत्र जारी की है। जिसमें सबसे पहली प्राथमिकता राज्य में विधि व्यवस्था के सुधार के रूप में रखा गया है। साथ ही शिक्षा पर भी विशेष फोकस किए जाने की बात कही गई है।


Body:इस दौरान जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में लोगों की बुनियादी जरूरतों को लगातार जानने का प्रयास किया है और उन्हीं से जुड़े हुए मुद्दों को घोषणा पत्र में जारी किया गया है। ताकि राज्य की जनता को उन बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा है कि अगर जनादेश मिलेगा तो जेवीएम अपनी घोषणा पत्र को पूरा करेगी। साथ ही जरूरत के हिसाब से अन्य मुद्दों को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था जिस तरह से चरमराई हुई है। उसके सुधार के लिए कानून बनाने की जरूरत है। इसलिए विधि व्यवस्था को घोषणा पत्र में सबसे पहले रखा गया है। साथ ही अनुसूचित जाति उत्थान के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाने और ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किए जाने की भी घोषणा की गई है।


Conclusion:वहीं घोषणा पत्र में शिक्षा,रोजगार, बिजली, मनरेगा, स्वास्थ्य, पेयजल, परिवहन, ग्रामीण विकास,उद्योग, खनिज, पर्यटन, वन एवं पर्यावरण, विस्थापन एवं पलायन, कला संस्कृति और खेल, महिला सरकारी पेंशन योजना, अल्पसंख्यक, आदिवासी,दलित को शामिल किया गया है। जिसके लिए सत्ता में आने पर पार्टी द्वारा काम किया जाएगा।
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