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ऊंची उड़ान और हिमालय की चोटी को लांघकर पहुंचे झारखंड! जानें, कहां से आते हैं राजहंस - BAR HEADED GOOSE

विंटर विजिटर माइग्रेटरी बर्ड बार हेडेड गीज जिसे सरपट्टी राजहंस भी कहा जाता है. इस बार हजारीबाग का छड़वा डैम उनके आगमन से गुलजार है.

migratory birds Bar headed geese from Mongolia reached Hazaribag
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 4, 2025, 5:38 PM IST

हजारीबागः सिर पर दो काली पट्टी, पानी में ऐसे उतरते हैं मानो कोई फाइटर जेट लैंड कर रहा है. इनकी काबिलियत ऐसी कि ये पानी में दौड़ भी लगा सकते हैं और पानी में दौड़ते हुए वे हवा में उड़ान भरते हैं. ये और कोई नहीं विश्व की सुंदर प्रजाति की पक्षियों में से एक राजहंस है, जिसे बार हेडेड गीज भी कहा जाता है. ये मेहमान अपने देश से झारखंड पहुंचे हैं.

हजारीबाग जिला के कोने-कोने में प्राकृतिक सुंदरता बसी है. भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक सुंदरता के कारण विदेशी पक्षी भी आकर्षित होकर हजारीबाग पहुंचे हैं. ठंड के समय कई प्रवासी पक्षी दूसरे देश से हजारीबाग पहुंचते हैं. इस बार राजहंस का एक छोटा समूह हजारीबाग पहुंचा है. राजहंस की सुंदरता कुछ ऐसी है कि कवि भी इसकी सुंदरता का बखान कर चुके हैं. किस्मत वालों को ही इस पक्षी का दीदार होता है. आज ईटीवी भारत आपको विश्व की सबसे सुंदर पक्षियों में से एक राजहंस का दीदार करवाने जा रहा है.

प्रवासी पक्षियों से गुलजार हुआ हजारीबाग का छड़वा डैम (ETV Bharat)

हजारीबाग के छड़वा डैम में सरपट्टी राजहंस (Bar-headed geese) का छोटा समूह आ गया है. जिसे बार हेडेड गीज के नाम से भी जाना जाता है. राजहंस विंटर विजिटर माइग्रेटरी बर्ड हैं. विंटर विजिटर के रूप में आने वाले जलीय पक्षी राजहंस बड़े आकार के पक्षियों में से एक है. हजारीबाग के विभिन्न जलाशय में इनका आगमन मंगोलिया और उसके आसपास से होता है. इस पक्षी की खासियत यह है कि हिमालय के ऊपर से उड़कर भारत पहुंचते हैं. ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले पक्षियों में राजहंस दुनिया भर तीसरा स्थान रखता है.

migratory birds Bar headed geese from Mongolia reached Hazaribag
हजारीबाग के डैम में प्रवासी पक्षियों का समूह (ETV Bharat)

हिमालय की चोटी पार करके आते हैं राजहंस

राजहंस 29000 फीट की ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरते हैं. सबसे ऊंचाई पर उड़ान भरने वाला पक्षी रफल्स ग्रीफोन वल्चर (37000 फीट) है. दूसरे नंबर पर सारस (33000 फीट) है. राजहंस को मंगोलिया से हजारीबाग पहुंचने में 3 दिन लगता है. हजारीबाग से मंगोलिया की हवाई दूरी 3100 किलोमीटर है. मंगोलिया से हजारीबाग आने की पुष्टि वाटर बर्ड सेंसस में तीन बार हो चुका है. 2015 और 2022 में टैग लगा राजहंस बर्ड वाचर्स को मिला था. हरे रंग के लगे टैग से ही यह पहचान हुई कि विदेशी पक्षी राजहंस है.

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जानें, क्या है सरपट्टी राजहंस की खासियत (ETV Bharat)

राजहंस मंगोलिया से भारत आने में एक दिन में 1000 किलोमीटर उड़ते हैं. अधिकतर एयरक्राफ्ट हिमालय के ऊपर से उड़ान नहीं भरते हैं लेकिन राजहंस पहाड़ की चोटी के ऊपर से उड़कर उसे पार करता है. समान आकार के अन्य पक्षियों की तुलना में राजहंस का लंग्स बड़े होते हैं, इनके बड़े आकार के फेफड़े ऊंचाई पर उड़ान भरने में मदगादर साबित होता है. उड़ने के वक्त राजहंस अजीबोगरीब आवाज भी निकलते हैं, जिन्हें नीचे से ही देखकर और आवाज सुनकर इन्हें पहचाना जा सकता है.

migratory birds Bar headed geese from Mongolia reached Hazaribag
छड़वा डैम में सरपट्टी राजहंस का समूह (ETV Bharat)

उड़ते समय इनका ग्रुप अंग्रेजी के व्ही (V) लेटर का आकर बनाता है. सबसे आगे वाला पक्षी लीड बर्ड कहलाता है. रात में यह पानी में नहीं रहता बल्कि पास के जंगल में चले जाते हैं. फरवरी के अंत तक सुबह आठ बजे के बाद से शाम पांच बजे तक इनको पानी में देखा जा सकता है. इनके सिर पर दो काली पट्टियां रहती हैं. पानी में उतरते समय ये किसी फाइटर प्लेन की तरह लैंड करते हैं और पानी से निकलते समय वे पानी में थोड़ी दूर दौड़ने के बाद हवा में उड़ान भरते हैं.

इसे भी पढ़ें- प्रवासी पक्षियों का घटने लगा भारत प्रेम, 12 की जगह चार प्रजातियों का हो रहा है आगमन - MIGRATORY BIRDS

इसे भी पढ़ें- प्रवासी पक्षियों के कोलाहल से गुलजार हुआ लातेहार, वन विभाग ने शुरू की पक्षी गणना - पक्षियों की गणना

इसे भी पढ़ें- ठंड के दौरान यहां लगता है प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा, अब तक 140 प्रजाति के पक्षी किए गए चिन्हित - पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष

हजारीबागः सिर पर दो काली पट्टी, पानी में ऐसे उतरते हैं मानो कोई फाइटर जेट लैंड कर रहा है. इनकी काबिलियत ऐसी कि ये पानी में दौड़ भी लगा सकते हैं और पानी में दौड़ते हुए वे हवा में उड़ान भरते हैं. ये और कोई नहीं विश्व की सुंदर प्रजाति की पक्षियों में से एक राजहंस है, जिसे बार हेडेड गीज भी कहा जाता है. ये मेहमान अपने देश से झारखंड पहुंचे हैं.

हजारीबाग जिला के कोने-कोने में प्राकृतिक सुंदरता बसी है. भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक सुंदरता के कारण विदेशी पक्षी भी आकर्षित होकर हजारीबाग पहुंचे हैं. ठंड के समय कई प्रवासी पक्षी दूसरे देश से हजारीबाग पहुंचते हैं. इस बार राजहंस का एक छोटा समूह हजारीबाग पहुंचा है. राजहंस की सुंदरता कुछ ऐसी है कि कवि भी इसकी सुंदरता का बखान कर चुके हैं. किस्मत वालों को ही इस पक्षी का दीदार होता है. आज ईटीवी भारत आपको विश्व की सबसे सुंदर पक्षियों में से एक राजहंस का दीदार करवाने जा रहा है.

प्रवासी पक्षियों से गुलजार हुआ हजारीबाग का छड़वा डैम (ETV Bharat)

हजारीबाग के छड़वा डैम में सरपट्टी राजहंस (Bar-headed geese) का छोटा समूह आ गया है. जिसे बार हेडेड गीज के नाम से भी जाना जाता है. राजहंस विंटर विजिटर माइग्रेटरी बर्ड हैं. विंटर विजिटर के रूप में आने वाले जलीय पक्षी राजहंस बड़े आकार के पक्षियों में से एक है. हजारीबाग के विभिन्न जलाशय में इनका आगमन मंगोलिया और उसके आसपास से होता है. इस पक्षी की खासियत यह है कि हिमालय के ऊपर से उड़कर भारत पहुंचते हैं. ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले पक्षियों में राजहंस दुनिया भर तीसरा स्थान रखता है.

migratory birds Bar headed geese from Mongolia reached Hazaribag
हजारीबाग के डैम में प्रवासी पक्षियों का समूह (ETV Bharat)

हिमालय की चोटी पार करके आते हैं राजहंस

राजहंस 29000 फीट की ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरते हैं. सबसे ऊंचाई पर उड़ान भरने वाला पक्षी रफल्स ग्रीफोन वल्चर (37000 फीट) है. दूसरे नंबर पर सारस (33000 फीट) है. राजहंस को मंगोलिया से हजारीबाग पहुंचने में 3 दिन लगता है. हजारीबाग से मंगोलिया की हवाई दूरी 3100 किलोमीटर है. मंगोलिया से हजारीबाग आने की पुष्टि वाटर बर्ड सेंसस में तीन बार हो चुका है. 2015 और 2022 में टैग लगा राजहंस बर्ड वाचर्स को मिला था. हरे रंग के लगे टैग से ही यह पहचान हुई कि विदेशी पक्षी राजहंस है.

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जानें, क्या है सरपट्टी राजहंस की खासियत (ETV Bharat)

राजहंस मंगोलिया से भारत आने में एक दिन में 1000 किलोमीटर उड़ते हैं. अधिकतर एयरक्राफ्ट हिमालय के ऊपर से उड़ान नहीं भरते हैं लेकिन राजहंस पहाड़ की चोटी के ऊपर से उड़कर उसे पार करता है. समान आकार के अन्य पक्षियों की तुलना में राजहंस का लंग्स बड़े होते हैं, इनके बड़े आकार के फेफड़े ऊंचाई पर उड़ान भरने में मदगादर साबित होता है. उड़ने के वक्त राजहंस अजीबोगरीब आवाज भी निकलते हैं, जिन्हें नीचे से ही देखकर और आवाज सुनकर इन्हें पहचाना जा सकता है.

migratory birds Bar headed geese from Mongolia reached Hazaribag
छड़वा डैम में सरपट्टी राजहंस का समूह (ETV Bharat)

उड़ते समय इनका ग्रुप अंग्रेजी के व्ही (V) लेटर का आकर बनाता है. सबसे आगे वाला पक्षी लीड बर्ड कहलाता है. रात में यह पानी में नहीं रहता बल्कि पास के जंगल में चले जाते हैं. फरवरी के अंत तक सुबह आठ बजे के बाद से शाम पांच बजे तक इनको पानी में देखा जा सकता है. इनके सिर पर दो काली पट्टियां रहती हैं. पानी में उतरते समय ये किसी फाइटर प्लेन की तरह लैंड करते हैं और पानी से निकलते समय वे पानी में थोड़ी दूर दौड़ने के बाद हवा में उड़ान भरते हैं.

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