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कटिहार में महानंदा नदी के कारण आई बाढ़, तबाह हुई जूट की खेती - Flooding due to Mahananda River in Katihar

महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. इससे किसान काफी परेशान हैं. उनके सामने खाने-पीने का संकट आन पड़ा है.

Jute farming destroyed by flood in katihar
बिहार में बाढ़ का कहर
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Published : Aug 13, 2020, 4:54 PM IST

Updated : Aug 13, 2020, 5:04 PM IST

कटिहार: जिले में बाढ़ के कारण भारी तबाही देखने को मिल रही है. महानंदा नदी के बढ़ते जलस्तर के बीच अमदाबाद इलाके के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. इसका व्यापक असर खेती पर भी देखने को मिल रहा है. किसानों की मानें तो जूट की खेती पूरी तरह तबाह हो गई है.

किसान बताते हैं कि वे काफी परेशानी में हैं. उन्हें कुछ सुझ नहीं रहा है कि करें. नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर से उन्हें अब अपने आशियाने के तबाह होने की भी आशंका सता रही है.

खेतों में घुस गया पानी
अमदाबाद प्रखण्ड में बाढ़ का पानी निचले इलाके में घुसने के कारण खेतों में पानी फैल गया है. जिससे अगहनी धान के साथ जूट की बड़े पैमाने पर क्षति हुई है. पखवाड़े बाद जूट की फसल तैयार होने वाली थी. लेकिन क्रॉप तैयार होने से पहले सब कुछ तबाह हो गया. अब रबी फसलों की बुआई भी नहीं हो पा रही हैं.

इसे भी पढ़ें:- किसान ने अपने प्रयास से गांव को बनाया 'मिनी सारंडा', लोगों के बीच 'ट्री मैन' के नाम से मशहूर

किसानों ने बताई आपबीती
किसान शिवशंकर ठाकुर बताते हैं कि अचानक खेतों में पानी फैल जाने से जूट के पौधे में कमर भर पानी लग गया है. जिससे पौधे पीले पड़ गए हैं. किसान भोला प्रसाद बताते हैं कि कुछ समझ मे नहीं आ रहा कि क्या करें. अब जूट की फसल को तैयार करने का समय है और एकदम मुहाने पर पहुंच कर फसल बर्बाद होना बहुत बड़ी क्षति है.

खेती ही है जीविका का मुख्य आधार
बता दें कि कटिहार का अमदाबाद प्रखण्ड कृषि आधारित क्षेत्र है. जहां खेती ही किसानों की जीविका का मुख्य आधार है. यहां ग्रामीण जूट और धान की खेती ज्यादा करते हैं. जूट की फसलों के बाद खेतों में धान लगाते हैं. लेकिन सैलाब के सितम ने इस साल इन किसानों की कमर तोड़ दी है.

कटिहार: जिले में बाढ़ के कारण भारी तबाही देखने को मिल रही है. महानंदा नदी के बढ़ते जलस्तर के बीच अमदाबाद इलाके के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. इसका व्यापक असर खेती पर भी देखने को मिल रहा है. किसानों की मानें तो जूट की खेती पूरी तरह तबाह हो गई है.

किसान बताते हैं कि वे काफी परेशानी में हैं. उन्हें कुछ सुझ नहीं रहा है कि करें. नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर से उन्हें अब अपने आशियाने के तबाह होने की भी आशंका सता रही है.

खेतों में घुस गया पानी
अमदाबाद प्रखण्ड में बाढ़ का पानी निचले इलाके में घुसने के कारण खेतों में पानी फैल गया है. जिससे अगहनी धान के साथ जूट की बड़े पैमाने पर क्षति हुई है. पखवाड़े बाद जूट की फसल तैयार होने वाली थी. लेकिन क्रॉप तैयार होने से पहले सब कुछ तबाह हो गया. अब रबी फसलों की बुआई भी नहीं हो पा रही हैं.

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किसानों ने बताई आपबीती
किसान शिवशंकर ठाकुर बताते हैं कि अचानक खेतों में पानी फैल जाने से जूट के पौधे में कमर भर पानी लग गया है. जिससे पौधे पीले पड़ गए हैं. किसान भोला प्रसाद बताते हैं कि कुछ समझ मे नहीं आ रहा कि क्या करें. अब जूट की फसल को तैयार करने का समय है और एकदम मुहाने पर पहुंच कर फसल बर्बाद होना बहुत बड़ी क्षति है.

खेती ही है जीविका का मुख्य आधार
बता दें कि कटिहार का अमदाबाद प्रखण्ड कृषि आधारित क्षेत्र है. जहां खेती ही किसानों की जीविका का मुख्य आधार है. यहां ग्रामीण जूट और धान की खेती ज्यादा करते हैं. जूट की फसलों के बाद खेतों में धान लगाते हैं. लेकिन सैलाब के सितम ने इस साल इन किसानों की कमर तोड़ दी है.

Last Updated : Aug 13, 2020, 5:04 PM IST
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