रांची: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर झारखंड में हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. वर्ष 2016 में शुरू हुई चयन प्रक्रिया पिछले सात वर्षों से चल रही है. नियोजन नीति को लेकर चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में जुटी है, लेकिन हकीकत यह है कि विज्ञापन में निकाली गई रिक्तियों के मुताबिक कई विषयों के अभ्यर्थी आयोग को नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में खाली पदों को अगली रिक्तियों में समाहित करने का निर्णय शिक्षा विभाग ने लिया है.
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क्षेत्रीय भाषा के नहीं मिल रहे शिक्षकः इस संबंध में शिक्षा सचिव रवि कुमार ने बताया कि चयन प्रक्रिया में प्राथमिक शिक्षकों के लिए 25% आरक्षित सीटों में अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं. इसके पीछे कई वजह हैं. पहले से प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को दूसरे जिले में पोस्टिंग होने का डर है. जिससे वो हाईस्कूल शिक्षक नहीं बनना चाहते हैं. जिन विषयों में शिक्षक अभ्यर्थी नहीं मिल पा रहे हैं उसमें अधिकांशतः क्षेत्रीय भाषा शामिल है. इसके अलावे अंग्रेजी, अर्थशास्त्र जैसे विषय शामिल हैं.
दुमका में करीब 700 अभ्यर्थियों को मिलेगा नियुक्ति पत्रः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के बाद शुरू हुई चयन प्रक्रिया के तहत झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से अनुशंसित 3469 शिक्षकों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 19 मई 2023 को नियुक्ति पत्र सौंपा था. उसके बाद शेष बचे अभ्यर्थियों के चयन प्रक्रिया अभी भी जारी है. शिक्षा विभाग के अनुसार अगस्त के अंतिम सप्ताह में दुमका में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन कर करीब 700 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा.
कुल 17572 पदों पर होनी थी नियुक्तिः गौरतलब है कि 2016 में निकाले गई विज्ञप्ति में राज्य के अनुसूचित जिलों में 8,423 और गैर अनुसूची जिलों में 9,149 पदों पर हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इस तरह से विज्ञापन के अनुसार कुल 17572 पदों पर नियुक्ति होनी थी. 15 दिसंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायादेश के वक्त 8586 पद खाली बचे थे. इन पदों में से आयोग के द्वारा 3469 पदों पर चयन की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है. शेष 5117 पदों पर अभी भी चयन होना बाकी है.
एक बार फिर मामला पहुंचा हाईकोर्टः इधर, यह मामला एक बार फिर झारखंड हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि मेरिट लिस्ट से ज्यादा नंबर होने के बावजूद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन का उन्हें मौका नहीं दिया है. ऐसे में झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को मेरिट लिस्ट विषयवार जारी करने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नियुक्ति हुई है या नहीं इस पर रिपोर्ट मांगी है.