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आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र उठाए कारगर कदम: कांग्रेस

1 फरवरी को 2021-22 का आम बजट आने वाला है. इसे लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने जनता की तरफ से सरकार से कई अपेक्षाएं की हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बजट के माध्यम से आम लोगों को राहत देने के लिए कारगर कदम उठाए और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक पहल करे.

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Published : Jan 31, 2021, 6:51 PM IST

JPCC spokesperson Alok Dubey statement on general budget 2021
आम बजट पर आलोक दूबे का बयान

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने आम बजट को लेकर अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जब से केंद्रीय वित्तमंत्री डॉ. निर्मला सीतारमण ने यह दावा किया है कि आने वाला बजट 2021-22 ऐसा होगा, जो पहले सौ साल से कभी देखा नहीं गया है. तब से लोगों को बजट से स्वभाविक रूप से ज्यादा उम्मीद हो गई है और देश को इस क्रांतिकारी बजट का बेसब्री से इंतजार है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बजट के माध्यम से आम लोगों को राहत देने के लिए कारगर कदम उठाए और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक पहल करें.

आलोक दूबे का बयान
पांच लाख तक की आय को टैक्स फ्री किया जाएप्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि बजट से सबसे ज्यादा उम्मीद टैक्स में छूट पाने की रहती है. जब से जीएसटी काउंसिल बनी है तब से वस्तु और सेवाओं के दाम बढ़ाने घटाने का काम जीएसटी काउंसिल करती है. ऐसे में लोगों की उत्सुकता आयकर के स्लैब में बदलाव को लेकर रहती है. पांच लाख तक की आय को पूरी तरह से टैक्स फ्री किया जाए. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन महामारी में मिडिल क्लास परिवार की आय घटी है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए. अभी जो लोग इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं, वे आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट के हकदार हैं. उनका निवेश या खर्च नियम के मुताबिक है. यह धारा ज्यादा प्रचलित इसलिए है कि इसमें तमाम विकल्प हैं, जिनमें निवेश करने से आयकरदाता को छूट मिलती है.

ये भी पढ़ें-आर्थिक सर्वेक्षणः झारखंड के लोगों की सालाना आय 79 हजार 873 रुपए

करदाताओं को मिलनी चाहिए अधिक छूट
झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 2014 में एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये तक की छूट की गई थी. इसके बाद महंगाई काफी बढ़ चुकी है, इसलिए इस सीमा को तीन लाख रुपये किया जाय, क्योंकि 80-C धारा के अंतर्गत 15 तरह के विकल्प भरे जाते हैं. इसलिए आम आयकर दाताओं को इसका फायदा नहीं मिल पाता है. एलआईसी, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, नेशनल पेंशन स्कीम, पीपीएफ, ईपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, 5 साल का फिक्स्ड डिपॉजिट बैंक या डाकघर में, होमलोन के मूलधन के भुगतान, दो बच्चों की स्कूल-कॉलेज की फीस प्रमुख होता है. इसलिए करदाताओं को और अधिक छूट मिले, यह जरूरी है.


जीवन बीमा प्रीमियम पर मिलने वाली छूट को अलग करने की मांग

आलोक दूबे ने कहा कि होम लोन में मूलधन के भुगतान पर अभी डेढ़ लाख रुपये सलाना छूट है. पार्टी यह मांग करती है कि इसे बढ़ाकर 4 लाख रुपये किया जाए. उन्होंने यह भी मांग की कि होम लोन को धारा 80 से अलग किया जाए और जीवन बीमा के प्रीमियम पर मिलने वाली छूट को भी अलग किया जाए, ताकि लोग बड़ी कवरेज के लिए जीवन बीमा की पॉलिसी को चुन सकें.

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने आम बजट को लेकर अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जब से केंद्रीय वित्तमंत्री डॉ. निर्मला सीतारमण ने यह दावा किया है कि आने वाला बजट 2021-22 ऐसा होगा, जो पहले सौ साल से कभी देखा नहीं गया है. तब से लोगों को बजट से स्वभाविक रूप से ज्यादा उम्मीद हो गई है और देश को इस क्रांतिकारी बजट का बेसब्री से इंतजार है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बजट के माध्यम से आम लोगों को राहत देने के लिए कारगर कदम उठाए और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक पहल करें.

आलोक दूबे का बयान
पांच लाख तक की आय को टैक्स फ्री किया जाएप्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि बजट से सबसे ज्यादा उम्मीद टैक्स में छूट पाने की रहती है. जब से जीएसटी काउंसिल बनी है तब से वस्तु और सेवाओं के दाम बढ़ाने घटाने का काम जीएसटी काउंसिल करती है. ऐसे में लोगों की उत्सुकता आयकर के स्लैब में बदलाव को लेकर रहती है. पांच लाख तक की आय को पूरी तरह से टैक्स फ्री किया जाए. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन महामारी में मिडिल क्लास परिवार की आय घटी है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए. अभी जो लोग इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं, वे आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट के हकदार हैं. उनका निवेश या खर्च नियम के मुताबिक है. यह धारा ज्यादा प्रचलित इसलिए है कि इसमें तमाम विकल्प हैं, जिनमें निवेश करने से आयकरदाता को छूट मिलती है.

ये भी पढ़ें-आर्थिक सर्वेक्षणः झारखंड के लोगों की सालाना आय 79 हजार 873 रुपए

करदाताओं को मिलनी चाहिए अधिक छूट
झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 2014 में एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये तक की छूट की गई थी. इसके बाद महंगाई काफी बढ़ चुकी है, इसलिए इस सीमा को तीन लाख रुपये किया जाय, क्योंकि 80-C धारा के अंतर्गत 15 तरह के विकल्प भरे जाते हैं. इसलिए आम आयकर दाताओं को इसका फायदा नहीं मिल पाता है. एलआईसी, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, नेशनल पेंशन स्कीम, पीपीएफ, ईपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, 5 साल का फिक्स्ड डिपॉजिट बैंक या डाकघर में, होमलोन के मूलधन के भुगतान, दो बच्चों की स्कूल-कॉलेज की फीस प्रमुख होता है. इसलिए करदाताओं को और अधिक छूट मिले, यह जरूरी है.


जीवन बीमा प्रीमियम पर मिलने वाली छूट को अलग करने की मांग

आलोक दूबे ने कहा कि होम लोन में मूलधन के भुगतान पर अभी डेढ़ लाख रुपये सलाना छूट है. पार्टी यह मांग करती है कि इसे बढ़ाकर 4 लाख रुपये किया जाए. उन्होंने यह भी मांग की कि होम लोन को धारा 80 से अलग किया जाए और जीवन बीमा के प्रीमियम पर मिलने वाली छूट को भी अलग किया जाए, ताकि लोग बड़ी कवरेज के लिए जीवन बीमा की पॉलिसी को चुन सकें.

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