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कांग्रेस ने बिजली विभाग और केबल कंपनी के खिलाफ खोला मोर्चा, CM से मुलाकात कर करेगा कार्रवाई की मांग

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Published : Jul 27, 2020, 5:33 PM IST

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने बिजली विभाग और केबल लगाने वाली कंपनी केईआई की लापरवाही के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 17 जुलाई को कोकर चौक पर गौतम दुबे की करंट की चपेट में आने के बाद कांग्रेस ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

jpcc demands action against negligence of electricity department and cable company in ranchi
jpcc demands action against negligence of electricity department and cable company in ranchi

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने सोमवार को कहा कि बिजली विभाग और केबल लगाने वाली कंपनी केईआई की लापरवाही उजागर होने लगी है, लेकिन अब भी जांच अधूरी है. दोषियों पर कार्रवाई होनी बाकी है. इसे लेकर पार्टी का एक शिष्टमंडल फिर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर कार्रवाई का आग्रह करेगा.

जेपीसीसी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके निर्देश पर इस पूरे मामले की जांच शुरू हुई तो धीरे-धीरे सच्चाई सामने आने लगी है. उन्होंने कहा कि 17 जुलाई को कोकर चौक पर गौतम दुबे की करंट की चपेट में आने के बाद कांग्रेस ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई जांच में प्रारंभिक तौर पर गंभीर अनियमितता का खुलासा हुआ है. बिजली विभाग के अधिकारियों की रिपोर्ट में जिक्र है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई है और शहर में जगह-जगह खुदे गड्ढे से लोगों की जान संकट में पड़ गई है. रिपोर्ट में यह भी बात सामने आई है कि केबल लगाने वाली कंपनी केईआई ने कई जगहों पर केवल के अंतिम छोर पर टर्मिनेशन किट को लगाकर खुली हालत में छोड़ दिया है. कोकर में इसी वजह से दुर्घटना हुई थी.

कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि जांच रिपोर्ट में केईआई की गलती की बात सामने आ गई है, लेकिन इस परियोजना के लिए एग्रीमेंट करने वाले बिजली विभाग के मुख्य अभियंता श्रवण कुमार की जिम्मेदारी भी खत्म नहीं हो जाती है. केबल लगाने के काम में हो रही लापरवाही की जिम्मेवारी उन पर ही आती है. ऐसे में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की मांग के साथ ही मुआवजे का भी आग्रह किया जाएगा. इसके साथ ही केईआई कंपनी को काली सूची में डालने, सजा देने और मुख्य अभियंता की गिरफ्तारी की मांग की जाएगी.

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने सोमवार को कहा कि बिजली विभाग और केबल लगाने वाली कंपनी केईआई की लापरवाही उजागर होने लगी है, लेकिन अब भी जांच अधूरी है. दोषियों पर कार्रवाई होनी बाकी है. इसे लेकर पार्टी का एक शिष्टमंडल फिर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर कार्रवाई का आग्रह करेगा.

जेपीसीसी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके निर्देश पर इस पूरे मामले की जांच शुरू हुई तो धीरे-धीरे सच्चाई सामने आने लगी है. उन्होंने कहा कि 17 जुलाई को कोकर चौक पर गौतम दुबे की करंट की चपेट में आने के बाद कांग्रेस ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई जांच में प्रारंभिक तौर पर गंभीर अनियमितता का खुलासा हुआ है. बिजली विभाग के अधिकारियों की रिपोर्ट में जिक्र है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई है और शहर में जगह-जगह खुदे गड्ढे से लोगों की जान संकट में पड़ गई है. रिपोर्ट में यह भी बात सामने आई है कि केबल लगाने वाली कंपनी केईआई ने कई जगहों पर केवल के अंतिम छोर पर टर्मिनेशन किट को लगाकर खुली हालत में छोड़ दिया है. कोकर में इसी वजह से दुर्घटना हुई थी.

कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि जांच रिपोर्ट में केईआई की गलती की बात सामने आ गई है, लेकिन इस परियोजना के लिए एग्रीमेंट करने वाले बिजली विभाग के मुख्य अभियंता श्रवण कुमार की जिम्मेदारी भी खत्म नहीं हो जाती है. केबल लगाने के काम में हो रही लापरवाही की जिम्मेवारी उन पर ही आती है. ऐसे में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की मांग के साथ ही मुआवजे का भी आग्रह किया जाएगा. इसके साथ ही केईआई कंपनी को काली सूची में डालने, सजा देने और मुख्य अभियंता की गिरफ्तारी की मांग की जाएगी.

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