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झामुमो ने कहा- किसानों के समर्थन में हाइवे चक्का जाम सफल, बजट सत्र में कृषि कानून वापस ले सरकार

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कृषि कानून के खिलाफ और किसानों के समर्थन में चक्का जाम को सफल बताया है. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से यह साबित हो गया है कि केंद्र सरकार की नीयत और सोच कैसी है. सरकार बजट सत्र में ही कृषि कानून को वापस ले और किसानों के हित में कानून बनाए. केंद्र सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो यह आंदोलन जारी रहेगा.

jmm on chakkajam movement by farmers
किसानों के चक्काजाम पर झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रतिक्रिया.
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Published : Feb 6, 2021, 6:59 PM IST

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देश के 7 परिवारों के लिए 70 करोड़ किसानों को खून के आंसू रुलाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री के इशारों पर कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से किसानों के लिए कृषि कानून बनाया गया है, इसे झारखंड मुक्ति मोर्चा कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. जब तक किसानों का आंदोलन चलेगा तब तक झामुमो उनके साथ खड़ा रहेगा. सरकार बजट सत्र में ही कृषि कानून को वापस ले और किसानों के हित में कानून बनाए. केंद्र सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो यह आंदोलन जारी रहेगा.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कृषि कानून के खिलाफ और किसानों के समर्थन में प्रदेश के कई जिलों में हुए चक्का जाम को सफल बताया है. उन्होंने कहा कि इस सफल आंदोलन से यह साबित हो गया है कि केंद्र सरकार की नीयत और सोच कैसी है.

देखिये पूरी खबर

यह भी पढ़ें: अब नक्सल इलाकों में कहर बरपाएंगी कोबरा बटालियन की महिला कमांडो

झामुमो महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर एक भी सांसद गांव में जाकर कृषि कानून के बारे में नहीं बोल पाए. इस कानून के संबंध में भाजपा के लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं. लेकिन उनके पास कृषि कानून को लेकर जनसभा को संबोधित करने की ताकत नहीं है. यह आंदोलन तो सिर्फ चेतावनी थी, अब देश नहीं रुकेगा और केंद्र सरकार की गलत नीतियों को रोकेगा. झारखंड से इसकी शुरुआत पहले ही हो चुकी है. आने वाले समय में किसानों के आंदोलन को और धार दिया जाएगा.

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देश के 7 परिवारों के लिए 70 करोड़ किसानों को खून के आंसू रुलाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री के इशारों पर कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से किसानों के लिए कृषि कानून बनाया गया है, इसे झारखंड मुक्ति मोर्चा कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. जब तक किसानों का आंदोलन चलेगा तब तक झामुमो उनके साथ खड़ा रहेगा. सरकार बजट सत्र में ही कृषि कानून को वापस ले और किसानों के हित में कानून बनाए. केंद्र सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो यह आंदोलन जारी रहेगा.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कृषि कानून के खिलाफ और किसानों के समर्थन में प्रदेश के कई जिलों में हुए चक्का जाम को सफल बताया है. उन्होंने कहा कि इस सफल आंदोलन से यह साबित हो गया है कि केंद्र सरकार की नीयत और सोच कैसी है.

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झामुमो महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर एक भी सांसद गांव में जाकर कृषि कानून के बारे में नहीं बोल पाए. इस कानून के संबंध में भाजपा के लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं. लेकिन उनके पास कृषि कानून को लेकर जनसभा को संबोधित करने की ताकत नहीं है. यह आंदोलन तो सिर्फ चेतावनी थी, अब देश नहीं रुकेगा और केंद्र सरकार की गलत नीतियों को रोकेगा. झारखंड से इसकी शुरुआत पहले ही हो चुकी है. आने वाले समय में किसानों के आंदोलन को और धार दिया जाएगा.

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