रांचीः झारखंड की सियासत हर मिनट नई चीजें जोड़ रही है. मुख्यमंत्री आवास में 27 अगस्त को 11:00 बजे से बैठक होनी थी, विधायकों की जिसमें रणनीति तय होती लेकिन उसके पहले ही फरमान आ गया कि सभी विधायक बैग लेकर आएंगे शायद कहीं जाना है.
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झारखंड की सियासत में जो चीजें चल रही है उसमें ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में हेमंत सोरेन की सत्ता जानी है. मीटिंग के लिए विधायकों को बैग लेकर बुलाया गया कि शायद कहीं जाना है और इसकी तैयारी करके विधायक पहुंच भी रहे हैं.
इस बाबत सत्ता की काफी करीबी और बयान देने में तेजतर्रार विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि विधायकों को वीकेंड मनाने का भी हक है और विधायक वीकेंड मनाने जा रहे हैं. सवाल यह है कि झारखंड की राजनीति में जो चीजें चल रही हैं, वह इस वीक के एंड तक कहां जा रही हैं.
वीकेंड या वीक एंडः पिछले 72 घंटे से सियासत की नजर राजभवन पर टिकी हुई है कि राजभवन की तरफ से इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को क्या दिया जाता है. वहीं सत्ता के गलियारे में इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि हेमंत सोरेन किस तरीके से गद्दी पर रहेंगे या झारखंड की गद्दी किस तरीके से चलेगी.
इस पर अलग-अलग तरह की बयानबाजी चल रही है लेकिन अब जो बातें निकलकर आ रहीं हैं. उसमें विधायक वीकेंड मनाने जा रहे हैं, जगह कौन सी है, राज्य कौन सा है, यह कुछ भी अभी तय नहीं हुआ है या पहले भी तो पार्टी के बड़े नेता समझें कि वीकेंड मनाने का असली मजा कहां आएगा. लेकिन विधायकों की मानें तो हक तो उनके पास भी है कि वह भी वीक एंड मनाएं.
ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले से आया भूचालः झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में लगे आरोप उनकी वर्तमान विधायकी के वीक एंडिंग के तौर पर देखा जा रहा है. दावे में भले हेमंत सोरेन यह कह रहे हैं कि आदिवासी के बेटे हैं डरते नहीं हैं.
लेकिन झारखंड की राजनीति जिन चीजों से सामना करते हुए खुद को देख रही है. उसमें एक बात तो साफ है कि पैसा कमाने के लालच और नियम को ताख पर रखने का जो काम और कार्रवाई झारखंड में हुई है. वह इस वीक में किसी न किसी सियासी एंड तक जरूर पहुंचेगी. यह अलग बात है कि विधायक वीक एंड पर हैं.
बहरहाल अब देखना यह होगा कि बैग पैक कर मुख्यमंत्री आवास पहुंच रहे विधायकों का कहां जाने का सिलसिला शुरू हो रहा है और कहां पर वीकेंड होगा और लौटने के बाद नए सप्ताह का आगाज क्या होगा लेकिन झारखंड की सियासत में जो चल रहा है उसमें एक बात तो साफ है कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में वर्तमान हेमंत सोरेन की सदस्यता ही जाएगी यह तय है.