रांचीः झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ पिछले 10 दिनों से राजभवन के समक्ष अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठा हुआ है. इसमें मुख्य रूप से वार्षिक वेतन वृद्धि की मांग की गई है. ऐसे में संघ ने 17 फरवरी तक मांगें नहीं पूरी किए जाने पर आमरण अनशन पर जाने का मन बनाया है.
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अधिकारी अनियमितता बरत रहे
झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ की ओर से विभागीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि किसी जिले में वार्षिक वेतन वृद्धि की गई है, तो किसी में नहीं की गई है. साथ ही विभाग की ओर से परीक्षाएं भी ली जा रही है, जबकि जिनकी नियुक्ति ढाई साल पहले हुई है उनकी परीक्षा पहले ही हो चुकी है. कहीं ना कहीं संघ का मानना है कि विभाग के अधिकारी अनियमितता बरत रहे हैं.
दोहरा प्रावधान
संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोरंजन कुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य स्तरीय धरना पिछले 10 दिनों से चल रहा है और मुख्य रूप से वार्षिक वेतन वृद्धि देने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि ढाई साल पहले उनकी नियुक्ति हुई थी, लेकिन कुछ जिलों में वार्षिक वृद्धि वेतन दी गई है, जबकि कुछ जिलों में नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं दोहरा प्रावधान अपनाया जा रहा है. इससे विभाग की अनियमितता साफ दिख रही है. ऐसे में अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो संघ 17 फरवरी से आमरण अनशन पर बैठेगा.