ETV Bharat / state

राष्ट्रीय बैंक के बाद झारखंड के ग्रामीण बैंक ऑफिसर भी आंदोलन की राह पर, जानिए क्यों हैं सरकार से नाराज

ग्रामीण बैंक के अधिकार और कर्मचारी भी अब भारत सरकार से नाराज हैं. ये लोग सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में हैं.

meeting of Gramin Bank Officers Association
meeting of Gramin Bank Officers Association
author img

By

Published : May 27, 2023, 8:14 PM IST

Updated : May 27, 2023, 8:43 PM IST

संघ के पदाधिकारियों के बयान

रांची: राष्ट्रीय बैंक के बाद झारखंड ग्रामीण बैंक के कर्मी भी सरकार से खफा हैं. निजीकरण और बैंक पॉलिसी में बदलाव से नाराज बैककर्मियों ने सरकार के खिलाफ उलगुलान करने की तैयारी में हैं. शनिवार को झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक अधिकारी संघ की अरगोड़ा के लेक गार्डेन में हुए त्रैवार्षिक सम्मेलन में कई प्रस्तावों पर मुहर लगी है. संघ का मानना है कि केन्द्र सरकार बैंकों के साथ मनमानी पर उतर आई है जिसके खिलाफ बैंककर्मियों द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा है. इसके बाबजूद केन्द्र सरकार मानने को तैयार नहीं है.

झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक अधिकारी संघ के सम्मेलन में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर.

  1. भारतीय राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना का प्रस्ताव
  2. ग्रामीण बैंकों में भारत सरकार के 50 प्रतिशत शेयर पूंजी को कम करके ग्रामीण बैंकों का निजीकरण करने के विरुद्ध प्रस्ताव
  3. राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण के खिलाफ प्रस्ताव
  4. श्रम कानूनों में तथाकथित सुधारों का विरोध
  5. नई पेंशन योजना को समाप्त कर सभी के लिए एक समान पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए एवं सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन अपडेशन हेतू.
  6. 20 वर्षों से कार्यरत अस्थायी एवं दैनिक मजदूरों की सेवा ग्रामीण बैंकों में नियमित करने का प्रस्ताव.
  7. बैंक में कार्यरत महिला कर्मचारियों के संदर्भ में प्रस्ताव.
  8. अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति एवं इसकी प्रभावी तिथि के संबंध में प्रस्ताव.
  9. कार्यकारणी समिति में एक सलाहकार के पद सृजित करने संबंधी प्रस्ताव.
  10. संघ के सदस्यों का मासिक सहयोग राशि को 100 प्रतिमाह से बढ़ाकर 150 प्रतिमाह करने का प्रस्ताव.


झारखंड में ग्रामीण बैंकों की 442 हैं शाखा: झारखंड में ग्रामीण बैंकों की करीब 442 शाखाएं हैं जहां हजारों कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं. ये बैंककर्मी राष्ट्रीय बैंक यूनियन से संबद्ध हैं. ऐसे में ये समय समय पर राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले आंदोलन में भाग लेते रहे हैं. झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक अधिकारी संघ के महासचिव केशव भारद्वाज कहते हैं कि यदि केन्द्र सरकार मांगों को नहीं मानती है तो संघ आने वाले समय में उग्र आंदोलन करेगी जिसके लिए रणनीति बनाई जा रही है. वहीं एनएफआरआरबीओ के राष्ट्रीय महासचिव एम महाराणा कहते हैं कि आरबीआई प्रावधानों में लगातार हो रहे बदलाव से बैंककर्मी परेशान हैं. श्रम कानून में बदलाव कर सरकार मजदूरों के हितों पर कुठराघात करने का काम की है. सम्मेलन में संघ के नये कार्यसमिति का गठन किया गया.

संघ के पदाधिकारियों के बयान

रांची: राष्ट्रीय बैंक के बाद झारखंड ग्रामीण बैंक के कर्मी भी सरकार से खफा हैं. निजीकरण और बैंक पॉलिसी में बदलाव से नाराज बैककर्मियों ने सरकार के खिलाफ उलगुलान करने की तैयारी में हैं. शनिवार को झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक अधिकारी संघ की अरगोड़ा के लेक गार्डेन में हुए त्रैवार्षिक सम्मेलन में कई प्रस्तावों पर मुहर लगी है. संघ का मानना है कि केन्द्र सरकार बैंकों के साथ मनमानी पर उतर आई है जिसके खिलाफ बैंककर्मियों द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा है. इसके बाबजूद केन्द्र सरकार मानने को तैयार नहीं है.

झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक अधिकारी संघ के सम्मेलन में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर.

  1. भारतीय राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना का प्रस्ताव
  2. ग्रामीण बैंकों में भारत सरकार के 50 प्रतिशत शेयर पूंजी को कम करके ग्रामीण बैंकों का निजीकरण करने के विरुद्ध प्रस्ताव
  3. राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण के खिलाफ प्रस्ताव
  4. श्रम कानूनों में तथाकथित सुधारों का विरोध
  5. नई पेंशन योजना को समाप्त कर सभी के लिए एक समान पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए एवं सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन अपडेशन हेतू.
  6. 20 वर्षों से कार्यरत अस्थायी एवं दैनिक मजदूरों की सेवा ग्रामीण बैंकों में नियमित करने का प्रस्ताव.
  7. बैंक में कार्यरत महिला कर्मचारियों के संदर्भ में प्रस्ताव.
  8. अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति एवं इसकी प्रभावी तिथि के संबंध में प्रस्ताव.
  9. कार्यकारणी समिति में एक सलाहकार के पद सृजित करने संबंधी प्रस्ताव.
  10. संघ के सदस्यों का मासिक सहयोग राशि को 100 प्रतिमाह से बढ़ाकर 150 प्रतिमाह करने का प्रस्ताव.


झारखंड में ग्रामीण बैंकों की 442 हैं शाखा: झारखंड में ग्रामीण बैंकों की करीब 442 शाखाएं हैं जहां हजारों कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं. ये बैंककर्मी राष्ट्रीय बैंक यूनियन से संबद्ध हैं. ऐसे में ये समय समय पर राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले आंदोलन में भाग लेते रहे हैं. झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक अधिकारी संघ के महासचिव केशव भारद्वाज कहते हैं कि यदि केन्द्र सरकार मांगों को नहीं मानती है तो संघ आने वाले समय में उग्र आंदोलन करेगी जिसके लिए रणनीति बनाई जा रही है. वहीं एनएफआरआरबीओ के राष्ट्रीय महासचिव एम महाराणा कहते हैं कि आरबीआई प्रावधानों में लगातार हो रहे बदलाव से बैंककर्मी परेशान हैं. श्रम कानून में बदलाव कर सरकार मजदूरों के हितों पर कुठराघात करने का काम की है. सम्मेलन में संघ के नये कार्यसमिति का गठन किया गया.

Last Updated : May 27, 2023, 8:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.