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सीएम सोरेन की अध्यक्षता में SEGC की बैठक, सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के दिए निर्देश - झारखंड मंत्रालय में SEGC की बैठक

रांची में झारखंड मंत्रालय में झारखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक सीएम सोरेन की अध्यक्षता में संपंन्न हुई. बैठक में उन्होंने कहा कि लोगों की आय में वृद्धि सरकार की पहली प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि योजनाओं का संचालन रिजल्ट ओरिएंटेड होना चाहिए.

SEGC  की बैठक
SEGC की बैठक
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Published : Feb 19, 2021, 10:31 PM IST

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद (SEGC) की बैठक हुई. बैठक में मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य में मनरेगा योजना के प्रभावी संचालन के लिए कार्यशैली में बदलाव लाएं. प्रत्येक वर्ष निर्धारित समय पर झारखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक आयोजित हो, यह सुनिश्चित करें. मनरेगा के तहत रोजगार सृजन के लिए कई महत्वकांक्षी योजनाएं चलायी जा रही हैं.

यह भी पढ़ेंः पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की सीएम सोरेन पर विवादित टिप्पणी, कहा-बुद्धि में अक्षम हैं

इन योजनाओं से लाभुकों के जीवन स्तर पर क्या बदलाव हो रहा है, इसका आकलन करें. सभी योजनाओं की नियमित समीक्षा हो, योजनाओं को शत-प्रतिशत धरातल पर उतारा जाए एवं जिनके लिए योजनाएं चल रही हैं उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव हो, यह सुनिश्चित करें.

आय में वृद्धि सरकार की प्राथमिकता

उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज झारखंड मंत्रालय में आयोजित झारखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक में कहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं का संचालन रिजल्ट ओरिएंटेड होना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में लोगों की आय में वृद्धि हो, यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है. गरीब, मजदूर, किसान सभी वर्ग एवं समुदाय के परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव हेतु सरकार कार्य कर रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में मेढ़बंदी कार्य मिशन मोड में चलाएं. वर्तमान समय में वाटर रिसोर्स बहुत इंपॉर्टेंट है. खेत एवं टांड़ में मेढ़बंदी होने से कृषि के लिए जलस्तर के ठहराव में मदद मिलेगी.

माइक्रो नर्सरी का लाभ दिलाएं

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि ग्रामीण स्तर पर माइक्रो नर्सरी खोलें. माइक्रो नर्सरी का लाभ कृषि से जुड़े लोगों को मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि खास तौर पर ऐसे किसान जो सालों भर सब्जी, फल इत्यादि की खेती करते हैं

उन्हें ग्रामीण नर्सरी का लाभ शत-प्रतिशत मिल सकेगा. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कंपोस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को दुरुस्त करने का निर्देश अधिकारियों को दिया.

सिंगल विंडो सिस्टम डेवलप करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं के सफल संचालन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम डेवलप करें. इससे लाभुकों को समय की बचत हो सकेगी और रोजगार ससमय अधिक से अधिक मिल सकेगा.

सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर लाभुकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाएं. बैठक में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा योजनाओं की प्रगति, महत्वपूर्ण निर्णयों और उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी पीपीटी के माध्यम से रखी.

उन्होंने मुख्यमंत्री को वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्य योजना से अवगत कराया.

योजनाएं और लक्ष्य इस प्रकार हैं.

  • 11 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य
  • 25 हजार एकड़ में बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत बागवानी
  • एक लाख हेक्टेयर टांड़ भूमि का उपचार (नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना)
  • 5 लाख परिवारों हेतु दीदी बाड़ी योजना
  • 1500 अतिरिक्त खेल मैदान का विकास (वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना)
  • 20 हजार सिंचाई कूप का निर्माण
  • 25 हजार पशु शेड का निर्माण
  • 50 हजार सोक पीट का निर्माण
  • 25 हजार कंपोस्ट पीट का निर्माण
  • 2600 आंगनबाड़ी का निर्माण

बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सभी विभाग के प्रधान सचिव/सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, विभिन्न जिलों के उप विकास आयुक्त सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद (SEGC) की बैठक हुई. बैठक में मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य में मनरेगा योजना के प्रभावी संचालन के लिए कार्यशैली में बदलाव लाएं. प्रत्येक वर्ष निर्धारित समय पर झारखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक आयोजित हो, यह सुनिश्चित करें. मनरेगा के तहत रोजगार सृजन के लिए कई महत्वकांक्षी योजनाएं चलायी जा रही हैं.

यह भी पढ़ेंः पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की सीएम सोरेन पर विवादित टिप्पणी, कहा-बुद्धि में अक्षम हैं

इन योजनाओं से लाभुकों के जीवन स्तर पर क्या बदलाव हो रहा है, इसका आकलन करें. सभी योजनाओं की नियमित समीक्षा हो, योजनाओं को शत-प्रतिशत धरातल पर उतारा जाए एवं जिनके लिए योजनाएं चल रही हैं उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव हो, यह सुनिश्चित करें.

आय में वृद्धि सरकार की प्राथमिकता

उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज झारखंड मंत्रालय में आयोजित झारखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक में कहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं का संचालन रिजल्ट ओरिएंटेड होना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में लोगों की आय में वृद्धि हो, यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है. गरीब, मजदूर, किसान सभी वर्ग एवं समुदाय के परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव हेतु सरकार कार्य कर रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में मेढ़बंदी कार्य मिशन मोड में चलाएं. वर्तमान समय में वाटर रिसोर्स बहुत इंपॉर्टेंट है. खेत एवं टांड़ में मेढ़बंदी होने से कृषि के लिए जलस्तर के ठहराव में मदद मिलेगी.

माइक्रो नर्सरी का लाभ दिलाएं

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि ग्रामीण स्तर पर माइक्रो नर्सरी खोलें. माइक्रो नर्सरी का लाभ कृषि से जुड़े लोगों को मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि खास तौर पर ऐसे किसान जो सालों भर सब्जी, फल इत्यादि की खेती करते हैं

उन्हें ग्रामीण नर्सरी का लाभ शत-प्रतिशत मिल सकेगा. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कंपोस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को दुरुस्त करने का निर्देश अधिकारियों को दिया.

सिंगल विंडो सिस्टम डेवलप करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं के सफल संचालन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम डेवलप करें. इससे लाभुकों को समय की बचत हो सकेगी और रोजगार ससमय अधिक से अधिक मिल सकेगा.

सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर लाभुकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाएं. बैठक में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा योजनाओं की प्रगति, महत्वपूर्ण निर्णयों और उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी पीपीटी के माध्यम से रखी.

उन्होंने मुख्यमंत्री को वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्य योजना से अवगत कराया.

योजनाएं और लक्ष्य इस प्रकार हैं.

  • 11 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य
  • 25 हजार एकड़ में बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत बागवानी
  • एक लाख हेक्टेयर टांड़ भूमि का उपचार (नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना)
  • 5 लाख परिवारों हेतु दीदी बाड़ी योजना
  • 1500 अतिरिक्त खेल मैदान का विकास (वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना)
  • 20 हजार सिंचाई कूप का निर्माण
  • 25 हजार पशु शेड का निर्माण
  • 50 हजार सोक पीट का निर्माण
  • 25 हजार कंपोस्ट पीट का निर्माण
  • 2600 आंगनबाड़ी का निर्माण

बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सभी विभाग के प्रधान सचिव/सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, विभिन्न जिलों के उप विकास आयुक्त सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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