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झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन, काजल यादव बनीं अध्यक्ष

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Published : Nov 29, 2022, 1:14 PM IST

Updated : Nov 29, 2022, 2:27 PM IST

सरकार ने झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन कर दिया(State Commission for Protection of Child Rights constituted) है. आयोग में 6 सदस्य बनाए गए हैं. आयोग की अध्यक्ष काजल यादव को बनाया गया है.

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रांचीः राज्य सरकार ने झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन कर दिया है(State Commission for Protection of Child Rights constituted). समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. जमशेदपुर के सोनारी की रहने वाली काजल यादव को अध्यक्ष बनाया गया है.

आयोग में 6 सदस्य भी मनोनीत कर दिए गए हैं. इनमें विकास दोदराजका, उज्ज्वल प्रकाश तिवारी, सुनील कुमार वर्मा, रुचि, मिनहाज उल हक और डॉक्टर आभा वीरेंद्र अकिंचन के नाम शामिल हैं. राज्य सरकार ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम की धारा 18 और झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग नियमावली के नियम 7 के तहत आयोग का गठन किया गया है.

आयोग का काम माइनर बच्चों का अधिकार सुनिश्चित कराना होता है. राज्य में संचालित बाल सुधार गृह और बच्चों के लिए बने शेल्टर होम की व्यवस्था पर यह आयोग नजर रखता है. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में साल 2019 में सरकार बनी थी. उसके कुछ माह पहले से ही झारखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन लंबित था. बच्चों के अधिकार सुनिश्चित करने के मद्देनजर इस आयोग के गठन को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी.

रांचीः राज्य सरकार ने झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन कर दिया है(State Commission for Protection of Child Rights constituted). समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. जमशेदपुर के सोनारी की रहने वाली काजल यादव को अध्यक्ष बनाया गया है.

आयोग में 6 सदस्य भी मनोनीत कर दिए गए हैं. इनमें विकास दोदराजका, उज्ज्वल प्रकाश तिवारी, सुनील कुमार वर्मा, रुचि, मिनहाज उल हक और डॉक्टर आभा वीरेंद्र अकिंचन के नाम शामिल हैं. राज्य सरकार ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम की धारा 18 और झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग नियमावली के नियम 7 के तहत आयोग का गठन किया गया है.

आयोग का काम माइनर बच्चों का अधिकार सुनिश्चित कराना होता है. राज्य में संचालित बाल सुधार गृह और बच्चों के लिए बने शेल्टर होम की व्यवस्था पर यह आयोग नजर रखता है. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में साल 2019 में सरकार बनी थी. उसके कुछ माह पहले से ही झारखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन लंबित था. बच्चों के अधिकार सुनिश्चित करने के मद्देनजर इस आयोग के गठन को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी.

Last Updated : Nov 29, 2022, 2:27 PM IST
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