रांची: कोरोना के इस वैश्विक महामारी के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे अधिवक्ताओं की मांग पर झारखंड स्टेट बार काउंसिल की बैठक में 28 दिसंबर मंगलवार को अहम निर्णय लिया गया है. बार काउंसिल ने यह निर्णय लिया है कि 4 जनवरी तक अगर राज्य के विभिन्न न्यायालयों में फिजिकल कोर्ट प्रारंभ नहीं किया गया तो अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चल रहे कोर्ट से अपने को अलग कर लेंगे.
झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से करेंगे मुलाकात
बैठक में सर्वसम्मति से पूरे झारखंड में वर्चुवल कोर्ट के बदले फिजिकल कोर्ट कराने पर सहमति बनी और 4 जनवरी 2021 तक झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मिलकर झारखंड स्टेट बार काउंसिल की आम सभा की भावना से अवगत कराने का निर्णय लिया गया. यदि काउंसिल के भवनाओं के अनुरूप पूरे राज्य में वर्चुअल कोर्ट के बदले फिजिकल कोर्ट का निर्देश नहीं जारी होता है तो झारखंड स्टेट बार काउंसिल की आम सभा में पारित किए गए प्रस्ताव के अनुरूप पूरे राज्य में अधिवक्ता वर्चुअल कोर्ट से अपने को अलग कर लेंगे. बैठक में कहा गया कि इस संबंध में पत्र मुख्य न्यायाधीश झारखंड को सभी जिला अधिवक्ता संघ की भावनाओं के अनुरुप झारखंड राज्य बार काउंसिल द्वारा भेजा गया है.
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मृत अधिवक्ताओं की आत्मा को शांति के लिए प्रार्थना
बैठक में काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल ने झारखंड राज्य बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन और सिनियर एडवोकेट स्व. प्रेम चन्द रिपाठी, झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश स्व. विक्रमादित्य प्रसाद, संयुक्त झारखंड के महाधिवक्ता रहे स्व. राम बालक महतो के निधन पर शोक प्रस्ताव रखा. उसके बाद 2 मिनट मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई.
झारखंड बार काउंसिल मुख्यालय में बैठक
सभा झारखंड बार काउंसिल मुख्यालय रांची में हुई, जिसकी अध्यक्षता झारखंड राज्य बार काउंसिल के चेयरमैन राजेन्द्र कृष्णा ने किया. बैठक में झारखंड राज्य बार काउंसिल के वाईस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य प्रशान्त कुमार सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे.