रांची: सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट ने झारखंड की राजनीति में उबाल ला दिया है. मंगलवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे दिल्ली से रांची पहुंचे. यहां मीडिया से बात के दौरान सांसद ने कहा कि दो-तीन दिन में झारखंड की राजनीति में तूफान आएगा. दुबे के इस बयान ने सियासी तपिश बढ़ाई ही थी कि उनका ट्वीट ने उबाल ला दिया. सांसद निशिकांद दुबे के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा कि ईडी पूरे मंत्रिमंडल को पूछताछ के लिए बुला सकती है.
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एयरपोर्ट परिसर के बाहर क्या कहा सांसद नेः रांची में एयरपोर्ट परिसर के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में बहुत जल्दी राजनीतिक धमाका होगा, अपने ट्विटर के माध्यम से प्रत्येक दिन चर्चा में रहने वाले निशिकांत दुबे ने एक बार फिर राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया. सांसद ने कहा कि पूरा मंत्रिमंडल ही गलत तरीके से राज्य में काम कर रहा है.
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि माइनिंग की बात करें, बालू की बात करें या उत्पाद विभाग की बात करें सभी करप्शन में डूबे हुए हैं. इसका परिणाम राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भुगतना पड़ेगा. वहीं जेएमएम की ओर से महुआ माजी के राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने और उनने नॉमिनेशन पर कहा कि हो सकता है कांग्रेस भी कोई बड़ा राजनीतिक धमाका कर सकती है.
निशिकांत दुबे का ट्वीटः बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को ट्वीट किया कि झारखंड में डायरेक्टर ईडी ने माइनिंग पॉलिसी, शराब पॉलिसी, सभी विभागों की ट्रांसफर और पोस्टिंग पॉलिसी, स्मार्ट सिटी पॉलिसी, उद्योग नीति इत्यादि को समझने के लिए पूरे मंत्रिमंडल के सदस्यों को ससम्मान बुलाने का निर्णय किया है.
कांग्रेस ने की दुबे के ट्वीट की आलोचनाः इधर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट ने सियासी गलियारे में हलचल बढ़ा दी है. कांग्रेस ने दुबे के ट्वीट की तीखी आलोचना की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने निशिकांत दुबे पर ईडी और सीबीआई के प्रतिनिधि के रूप में काम करने का आरोप लगाया है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि मैं उनको ट्विटर पर फॉलो नहीं करता हूं. उन्होंने कहा कि झारखंड के वे सांसद हैं, यदि विकास के मुद्दे पर कभी पीएम नरेंद्र मोदी को गुहार लगाते हुए ट्वीट करते तो लगता कि आपने कोई काम किया है मगर हाल के दिनों में ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों की जानकारी पहले शेयर कर रहे हैं, उससे लगता है कि वे केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं.