रांची: झारखंड में सरकारी नौकरियों में ओबीसी आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 फीसदी करने सहित 13 सूत्री मांगों को लेकर आगामी 26 नवंबर 2023 को रांची में आरक्षण अधिकार महारैला का आयोजन किया जाएगा. रविवार को रांची के पुराना विधानसभा परिसर सभागार में झारखंड ओबीसी आरक्षण मंच द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय वार्षिक सम्मेलन में इसकी घोषणा की गई.
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ओबीसी समुदाय की हो रही हकमारी: इस बैठक में वक्ताओं ने झारखंड में ओबीसी समुदाय की हकमारी के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जिसकी सबसे अधिक आबादी है, उसकी ही लोकतंत्र में हकमारी की जा रही है. पूर्व मंत्री गौतम सागर राणा ने कहा कि कुल मतदाताओं में अकेले 40 प्रतिशत वोटर ओबीसी समुदाय से आते हैं. अगर यह वर्ग एकजुट होकर वोटिंग करे तो अपनी मर्जी की सरकार बना सकता है. लेकिन भाजपा धर्म का अफीम खिलाकर अपना हित साध रही है. उन्होंने कहा कि आज बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान में जो हक और अधिकार ओबीसी को मिला है, उसे भी छीना जा रहा है. ऐसे में वक्त आ गया है कि ओबीसी समाज के लोग एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई तेज करें.
सभी आयोग ने माना देश में ओबीसी की बहुतायत: पूर्व विधान पार्षद बिहार विनोद कुमार यादवेन्दु ने कहा कि बिहार के मंत्री रहे मुंगेरीलाल की अध्यक्षता में बना आयोग हो या बीपी मंडल की अध्यक्षता वाला आयोग सभी ने माना कि देश में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी से ऊपर है. बावजूद इसके हमें अपना हक नहीं मिल रहा है. वहीं कांग्रेस के बरही से विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि वह विधानसभा के अंदर और बाहर ओबीसी के हितों की आवाज उठाते रहे हैं और आगे भी यह आवाज बुलंद होगी. उन्होंने कहा कि लोहिया, कर्पूरी ठाकुर, लालू प्रसाद और मुलायम सिंह यादव की विचारधारा को जन जन तक ले जाने की जरूरत है.
संविधान दिवस रांची में आरक्षण के सवाल पर रैला: आज झारखंड ओबीसी आरक्षण मंच द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन में पारित हुए 13 प्रस्ताव की जानकारी देते हुए मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि आगामी 26 नवंबर को संविधान दिवस के दिन रांची में विशाल आरक्षण अधिकार महारैला का आयोजन किया जाएगा. जिसमें बड़ी संख्या में ओबीसी समुदाय के लोग अपने हक और अधिकार की मांग को लेकर शिरकत करेंगे.
इन प्रस्तावों को किया गया पारित: इस बैठक में जो प्रस्ताव पारित हुए उसमें एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव यह भी है कि राज्य में आयोग बोर्ड और निगम में पिछड़े समाज के लोगों को पर्याप्त भागीदारी दी जाए. इसके साथ-साथ झारखंड राज्य में जल्द मदरसा शिक्षा बोर्ड और वक्फ बोर्ड का गठन किया जाए. राज्य में विस्थापन और पुनर्वास आयोग, किसान आयोग, महादलित आयोग और जनलोकपाल आयोग के गठन की मांग से संबंधित प्रस्ताव को भी पारित किया गया. बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि राज्य में ओबीसी आरक्षण और ओबीसी के हक और अधिकार की मांग को लेकर जल्द ही ओबीसी आरक्षण मंच का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलकर उन्हें अपनी मांगों से अवगत कराएंगे.
झारखंड ओबीसी आरक्षण मंच के वार्षिक सम्मेलन में मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव के साथ-साथ वर्तमान कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला, पूर्व मंत्री गौतम सागर राणा, पूर्व विधान पार्षद विनोद कुमार यादवेन्दु, उपेंद्र कुशवाहा, आबिद अली, रामकुमार यादव सहित मंच के सभी 24 जिलों से आये प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.