रांचीः संसद से कृषि संबंधित तीन बिल पास किए गए हैं, जिसके बाद से ही विपक्ष सदन से लेकर सड़क तक विरोध में लग गई है. कई राज्यों में किसानों ने भी इस बिल का विरोध किया है. पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने किसान बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह बिल किसानों के अधिकारों के हनन के लिए लाया गया है. इस बिल के आने के बाद कॉर्पोरेट घरानों को लाभ मिलेगा और वो किसानों को मजदूर बनाकर रखेंगे. खेती पर कॉर्पोरेट घरानों का ही राज होगा.
प्रदीप यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले से ही रेलवे और एयरपोर्ट का निजीकरण कर दिया है. अब खेती-किसानी का भी निजीकरण कर रही है. इस बिल के विरोध में आंदोलन भी किया जाएगा. बिल पूरी तरह से देश विरोधी, किसान विरोधी और झारखंड विरोधी है इसको लेकर कल सदन में सवाल भी उठाए जाएंगे.
किसानों के लिए हितकारी
वहीं, आजसू विधायक सुदेश महतो ने किसान बिल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बिल किसानों के हित में तैयार किया गया है. किसान अब किसी भी राज्य में जाकर अपना फसल बेच सकते हैं. वहीं अब किसान लागत के हिसाब से अपने फसल का मूल्य तय कर सकेंगे. वहीं उन्होंने कहा कि किसानों की फसल को सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था भी की जानी चाहिए, तभी यह बिल किसानों के लिए हितकारी होगा. उन्होंने कहा कि किसान देश का एक बड़ी आबादी का आर्थिक आधार है.
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विपक्ष को भी इसका स्वागत करना चाहिए
वहीं, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने किसान बिल पर कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पहले भी होती रही है लेकिन अब इसे बिल में शामिल किया गया है. बिल पास होने के बाद कंपनी सीधे तौर पर किसानों से संपर्क कर अपने हिसाब से फसल तैयार करवा सकेंगे और उसका मूल्य भी पहले से ही किसानों की ओर से तय किया जाएगा. विपक्ष के रवैए पर उन्होंने कहा कि चुकी विपक्ष नया बिल नहीं लाया था, इस कारण इस बिल को लेकर देश में भ्रम फैला रहे हैं. अफवाह उड़ा रहे हैं बिल का विरोध भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बिल किसानों के लिए ऐतिहासिक बिल है और विपक्ष को भी इसका स्वागत करना चाहिए.