रांची: झारखंड में अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति घोटाले पर शुक्रवार को फिर से संज्ञान लेते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार से इस मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है. सरकार को यह बताने को कहा गया है कि, इस तरह की गड़बड़ी कैसे हुई और इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं. मामला सामने आने के बाद सरकार ने क्या कार्रवाई की है.
पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने 18 दिसंबर तक सरकार को पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. अखबारों में प्रकाशित खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है.
इसे भी पढ़ें-रांची:नए कृषि बिल का कृषि मंत्री ने भी किया विरोध, दी ये प्रतिक्रिया
करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा
झारखंड के कल्याण विभाग में प्री मैट्रिक के अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा सामने आया है. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए लाभार्थियों के नाम के पैसे दूसरों के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए है. छात्रों के लिए वर्ष 2019-20 में केंद्र ने झारखंड को 61 करोड़ रुपये दिए थे. इनमें से करीब 23 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है.