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रिम्स की लचर व्यवस्था पर झारखंड हाई कोर्ट गंभीर, स्वास्थ्य सचिव और वित्त सचिव अदालत में हाजिर हों - झारखंड हाई कोर्ट न्यूज

रिम्स की लचर व्यवस्था के मामले में झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई में स्वास्थ्य सचिव और वित्त सचिव को ऑनलाइन हाजिर होने का निर्देश दिया. मामले में अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी.

Jharkhand High Court serious on poor system of rims
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Mar 18, 2021, 9:07 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में रिम्स की लचर व्यवस्था के मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने भी चिकित्सकीय उपकरण की खरीदारी नहीं होने पर नाराजगी जताई. अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई में स्वास्थ्य सचिव और वित्त सचिव को ऑनलाइन हाजिर होने का निर्देश दिया. मामले में अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी.

इसे भी पढे़ं: डायन बिसाही के नाम पर हत्या मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने सरकार से पूछा- डायन बिसाही से कैसे मुक्त हो झारखंड?


सुनवाई के दौरान रिम्स निदेशक कामेश्वर प्रसाद ऑनलाइन हाजिर हुए थे. उन्होंने बताया कि मशीन खरीदने के लिए बनी नियमावली का पालन करना पड़ता है. इसकी वजह से देरी होती होती है. इमरजेंसी जैसे हालात में तत्काल ही मशीनों की खरीदारी की जा सकती है. इस पर अदालत ने कहा कि अभी इमरजेंसी जैसे हालत हैं. तत्काल आवश्यक मशीनों की खरीदारी की जाए. इस दौरान निदेशक ने कहा कि रिम्स में जो भी जांच की मशीनें पीपीपी मोड में लगी हैं. उनके निजी मालिक नहीं चाहते हैं कि रिम्स की अपनी जांच मशीन चालू हो सकें, ताकि उन्हें इसका लाभ मिलता रहे. इस पर अदालत ने अगले सप्ताह विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में रिम्स की लचर व्यवस्था के मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने भी चिकित्सकीय उपकरण की खरीदारी नहीं होने पर नाराजगी जताई. अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई में स्वास्थ्य सचिव और वित्त सचिव को ऑनलाइन हाजिर होने का निर्देश दिया. मामले में अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी.

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सुनवाई के दौरान रिम्स निदेशक कामेश्वर प्रसाद ऑनलाइन हाजिर हुए थे. उन्होंने बताया कि मशीन खरीदने के लिए बनी नियमावली का पालन करना पड़ता है. इसकी वजह से देरी होती होती है. इमरजेंसी जैसे हालात में तत्काल ही मशीनों की खरीदारी की जा सकती है. इस पर अदालत ने कहा कि अभी इमरजेंसी जैसे हालत हैं. तत्काल आवश्यक मशीनों की खरीदारी की जाए. इस दौरान निदेशक ने कहा कि रिम्स में जो भी जांच की मशीनें पीपीपी मोड में लगी हैं. उनके निजी मालिक नहीं चाहते हैं कि रिम्स की अपनी जांच मशीन चालू हो सकें, ताकि उन्हें इसका लाभ मिलता रहे. इस पर अदालत ने अगले सप्ताह विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

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