रांचीः झारखंड के गैर अनुसूचित जिलों में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामला में दायर अवमाननावाद याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से पूछा शिक्षकों की नियुक्ति पर अब तक निर्णय क्यों नहीं लिया गया है? इस पर राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया. अदालत ने राज्य सरकार को फिर से मामला में 2 सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर निर्धारित की गई है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ताओं ने अपने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार से जानना चाहा कि अदालत के आदेश के बावजूद गैर अनुसूचित जिले में शिक्षकों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई.
फाइनल सेलेक्शन के बाद भी नियुक्ति नहीं
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी गैर अनुसूचित जिले में किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है. शिक्षकों का फाइनल सेलेक्शन हो गया है. इसके बावजूद नियुक्ति नहीं की जा रही है. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को मामले में शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब देने का आदेश दिया है.
दायर की गई है अवमाननावाद याचिका
याचिकाकर्ता ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद नियुक्ति नहीं की जा रही है. नियुक्ति नहीं होने पर राज्य सरकार के खिलाफ अवमाननावाद याचिका दायर कर नियुक्ति की मांग की है, जिस पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है.