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कोलंबस कॉलेज के प्रिंसिपल की सेवा समाप्ति मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय से मांगा जवाब

कोलंबस कॉलेज के प्रिंसिपल की सेवा समाप्ति मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है. मंगलवार को मामले पर हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के वीसी से जवाब तलब किया है.

Jharkhand High Court seeks response from University on termination of service of Principal of Columbus College
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jun 22, 2022, 11:40 AM IST

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत में हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज के प्रिंसिपल की सेवा समाप्ति के मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के वीसी से जवाब मांगा है. विश्वविद्यालय की ओर से जवाब आने के बाद मामले पर अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.

डॉ सुशील टोप्पो की ओर से इस संबंध में याचिका दाखिल की गई है. इस मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनकी सेवा समाप्ति नियम विरुद्ध की गई है. उन्होंने अपनी बहस में अदालत के समक्ष कहा कि ब्रिटिश काल से ही यह व्यवस्था चली आ रही है कि छोटानागपुर डायसिस (चर्च से संबंधित संस्था) ही प्राचार्य की नियुक्ति करती है और वीसी उसे एप्रूवल देते हैं. अधिवक्ता ने बताया कि डॉ सुशील टोप्पो को वीसी के आदेश से हटा दिया गया और उनसे कम पात्रता रखने वाले व्यक्ति को प्राचार्य नियुक्त कर दिया गया, जो नियम विरुद्ध है. अदालत ने इस मामले में विनोवा भावे विश्वविद्यालय के वीसी और छोटानागपुर डायसिस को चार सप्ताह में काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत में हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज के प्रिंसिपल की सेवा समाप्ति के मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के वीसी से जवाब मांगा है. विश्वविद्यालय की ओर से जवाब आने के बाद मामले पर अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.

डॉ सुशील टोप्पो की ओर से इस संबंध में याचिका दाखिल की गई है. इस मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनकी सेवा समाप्ति नियम विरुद्ध की गई है. उन्होंने अपनी बहस में अदालत के समक्ष कहा कि ब्रिटिश काल से ही यह व्यवस्था चली आ रही है कि छोटानागपुर डायसिस (चर्च से संबंधित संस्था) ही प्राचार्य की नियुक्ति करती है और वीसी उसे एप्रूवल देते हैं. अधिवक्ता ने बताया कि डॉ सुशील टोप्पो को वीसी के आदेश से हटा दिया गया और उनसे कम पात्रता रखने वाले व्यक्ति को प्राचार्य नियुक्त कर दिया गया, जो नियम विरुद्ध है. अदालत ने इस मामले में विनोवा भावे विश्वविद्यालय के वीसी और छोटानागपुर डायसिस को चार सप्ताह में काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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