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हवाई उड़ान विवाद: डीसी के खिलाफ गोड्डा सांसद का जीरो एफआईआर अबतक नहीं पहुंचा देवघर, हाईकोर्ट ने कहा- वेरीफाई करे केंद्र

सांसद निशिकांत दुबे और देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री के बीच एयपोर्ट से उड़ान भड़ने के विवाद मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने केंद्र सरकार को वेरीफाई कर जानकारी देने का निर्देश दिया है.

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Published : Jun 14, 2023, 10:22 PM IST

Updated : Jun 15, 2023, 8:01 PM IST

Controversy of Deoghar DC and MP Nishikant Dubey
Controversy of Deoghar DC and MP Nishikant Dubey

रांची: गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दूबे और देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री के बीच हवाई उड़ान और तथाकथित धमकी मामले में दिल्ली में दर्ज जीरो एफआईआर को निरस्त करने से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. डीसी की याचिका पर जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि दिल्ली में दर्ज जीरो एफआईआर को देवघर ट्रांसफर किया जाना था, जो अबतक नहीं हुआ है. इसपर कोर्ट ने केंद्र सरकार को वेरीफाई कर अवगत कराने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- Deoghar Airport Issue: गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे सहित नौ लोगों को मिली हाई कोर्ट से बड़ी राहत, न्यायालय ने दिए ये निर्देश

अब मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी. दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि 31 अगस्त 2022 को उन्हें देवघर एयरपोर्ट से उड़ान भरने से रोका गया था. उनको धमकी भी दी गई थी. लेकिन देवघर डीसी की दलील है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था. इसलिए उन्होंने एफआईआर को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की.

किस बात को लेकर है सांसद और डीसी के बीच विवाद: मामला 31 अगस्त 2022 का है. गोड्डा सांसद निशिकांद दूबे अपने दो पुत्रों के अलावा सांसद मनोज तिवारी और अन्य के साथ चार्टर्ड प्लेन से देवघर आए थे. उन्होंने दुमका जाकर जिंदा जलाई गई युवती के परिजनों से मुलाकात की थी. उनका आरोप है कि देवघर एयरपोर्ट आने पर वहां के कर्मियों ने स्वागत के बाद वहां की व्यवस्था दिखाने की इच्छा जतायी. इसी बीच देवघर डीसी आए और उनके साथ बदतमीजी करने लगे. सांसद का आरोप है कि डीसी ने एयरपोर्ट के डायरेक्टर को भी फटकार लगाई. डीसी कहने लगे कि एटीसी में आने के लिए जो अधिकृत नहीं हैं वो कैसे आ गये. यह भी कहा कि शाम होने के बावजूद टेक ऑफ का क्लियरेंस क्यों दिया गया. सांसद ने आरोप लगाया कि डीसी के कहने पर डीएसपी के जरिए एफआईआर भी करवा दिया गया. उन्होंने इस मामले को विशेषाधिकार हनन के तहत भी उठाया.

दूसरी तरफ देवघर डीसी इस मामले में लोकसभा की विशेषाधिकार हनन समिति के समक्ष अपना पक्ष रख चुके हैं. उनकी दलील है कि वह 31 अगस्त को देवघर एयरपोर्ट पर गये ही नहीं थे. उनकी तो सांसद से मुलाकात भी नहीं हुई थी. सुरक्षा प्रभारी के नाते डीएसपी सुमन ने सांसद समेत अन्य के खिलाफ यह कहते हुए एफआईआर करवाया था कि वे बिना अनुमति के एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम में कैसे घुस गये थे. डीएसपी ने एफआईआर में इस बात का भी जिक्र किया कि शाम 5.30 के बाद भी उड़ान के लिए एटीसी के कर्मियों पर दबाव डाला गया था. डीसी ने दलील दी कि 3 सितंबर को उन्हें मीडिया से जानकारी मिली की सांसद ने दिल्ली के नार्थ एवेन्यू थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी करवाई है. यही नहीं एफआईआर में देशद्रोह समेत गंभीर धाराएं लगाई गयी हैं. इसी को डीसी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

रांची: गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दूबे और देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री के बीच हवाई उड़ान और तथाकथित धमकी मामले में दिल्ली में दर्ज जीरो एफआईआर को निरस्त करने से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. डीसी की याचिका पर जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि दिल्ली में दर्ज जीरो एफआईआर को देवघर ट्रांसफर किया जाना था, जो अबतक नहीं हुआ है. इसपर कोर्ट ने केंद्र सरकार को वेरीफाई कर अवगत कराने का निर्देश दिया है.

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अब मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी. दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि 31 अगस्त 2022 को उन्हें देवघर एयरपोर्ट से उड़ान भरने से रोका गया था. उनको धमकी भी दी गई थी. लेकिन देवघर डीसी की दलील है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था. इसलिए उन्होंने एफआईआर को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की.

किस बात को लेकर है सांसद और डीसी के बीच विवाद: मामला 31 अगस्त 2022 का है. गोड्डा सांसद निशिकांद दूबे अपने दो पुत्रों के अलावा सांसद मनोज तिवारी और अन्य के साथ चार्टर्ड प्लेन से देवघर आए थे. उन्होंने दुमका जाकर जिंदा जलाई गई युवती के परिजनों से मुलाकात की थी. उनका आरोप है कि देवघर एयरपोर्ट आने पर वहां के कर्मियों ने स्वागत के बाद वहां की व्यवस्था दिखाने की इच्छा जतायी. इसी बीच देवघर डीसी आए और उनके साथ बदतमीजी करने लगे. सांसद का आरोप है कि डीसी ने एयरपोर्ट के डायरेक्टर को भी फटकार लगाई. डीसी कहने लगे कि एटीसी में आने के लिए जो अधिकृत नहीं हैं वो कैसे आ गये. यह भी कहा कि शाम होने के बावजूद टेक ऑफ का क्लियरेंस क्यों दिया गया. सांसद ने आरोप लगाया कि डीसी के कहने पर डीएसपी के जरिए एफआईआर भी करवा दिया गया. उन्होंने इस मामले को विशेषाधिकार हनन के तहत भी उठाया.

दूसरी तरफ देवघर डीसी इस मामले में लोकसभा की विशेषाधिकार हनन समिति के समक्ष अपना पक्ष रख चुके हैं. उनकी दलील है कि वह 31 अगस्त को देवघर एयरपोर्ट पर गये ही नहीं थे. उनकी तो सांसद से मुलाकात भी नहीं हुई थी. सुरक्षा प्रभारी के नाते डीएसपी सुमन ने सांसद समेत अन्य के खिलाफ यह कहते हुए एफआईआर करवाया था कि वे बिना अनुमति के एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम में कैसे घुस गये थे. डीएसपी ने एफआईआर में इस बात का भी जिक्र किया कि शाम 5.30 के बाद भी उड़ान के लिए एटीसी के कर्मियों पर दबाव डाला गया था. डीसी ने दलील दी कि 3 सितंबर को उन्हें मीडिया से जानकारी मिली की सांसद ने दिल्ली के नार्थ एवेन्यू थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी करवाई है. यही नहीं एफआईआर में देशद्रोह समेत गंभीर धाराएं लगाई गयी हैं. इसी को डीसी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

Last Updated : Jun 15, 2023, 8:01 PM IST
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