रांचीः नगर निगम की ओर से मकान तोड़ने को लेकर दिए नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद नगर निगम के नोटिस पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही प्रार्थी को आदेश दिया है कि नगर निगम के नोटिस पर ट्रिब्यूनल में अपनी अपील दायर करें. अदालत ने कहा है कि जब तक ट्रिब्यूनल का आदेश नहीं आता है, तब तक मकान तोड़ने पर रोक रहेगी. अदालत के आदेश के बाद प्रार्थी को बड़ी राहत मिली है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि नगर निगम ने घर को अवैध निर्माण बताते हुए तोड़ने का नोटिस दिया है. घर अवैध तरीके से नहीं बना है. मकान तोड़ देने से लोग बेघर हो जाएंगे. कोरोना संक्रमण में लोग कहां जाएंगे. अदालत से गुहार लगाते हुए कहा कि निगम के आदेश पर रोक लगा दी जाए. वहीं निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि बिना नक्शा पारित कराए मकान बनाया गया है, जो अवैध है. नगर निगम ने अवैध निर्माण तोड़ने को लेकर नोटिस दी है. नगर निगम के अधिवक्ता ने कहा कि आदेश को ट्रिब्यूनल में अपील की जा सकती है. लेकिन हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. इस याचिका को खारिज कर दी जाए.
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तत्काल निगम के घर तोड़ने के आदेश पर रोक लगाते हुए प्रार्थी को ट्रिब्यूनल में अपील याचिका दायर करने का निर्देश दिया है. यह रोक ट्रिब्यूनल के आदेश आने तक के लिए प्रभावी होगा. बता दें कि याचिकाकर्ता राम लखन सिंह का घर रांची के बंधु नगर में है. निगम की ओर से अवैध निर्माण हटाए जाने के दौरान उन्हें नोटिस दिया गया. निगम के उसी नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.