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सरकार गिराने के आरोपी को हाई कोर्ट से मिली राहत, अदालत ने दी जमानत

हेमंत सरकार गिराने की साजिश के आरोपी अशोक अग्रवाल को झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने एक लाख रुपए जमा करने की शर्त पर जमानत दी है.

Jharkhand High Court grants anticipatory bail to Ashok Agarwal
Jharkhand High Court grants anticipatory bail to Ashok Agarwal
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Published : Jan 27, 2022, 10:53 PM IST

रांची: हेमंत सोरेन सरकार गिराने की साजिश के आरोपी अशोक अग्रवाल को झारखंड हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है. अग्रवाल को एक लाख रुपये जमा करने की शर्त पर अदालत ने जमानत प्रदान करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- जेएसएससी की संशोधित नियमावली पर हाई कोर्ट सख्त, कहा- असंवैधानिक लगता है नया प्रावधान



सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि प्राथमिकी के अनुसार अशोक अग्रवाल पर रवि केजरीवाल के साथ विधायक रामदास सोरेन के घर जाने का आरोप है. रवि केजरीवाल को झामुमो से पहले ही निष्कासित कर दिया गया है. उनको सबक सिखाने की नीयत से ऐसा आरोप लगाना प्रतीत हो रहा है. इसके अलावा प्राथमिकी में न तो समय दिया गया है और न ही सरकार गिराने के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. इससे प्रतीत होता है कि पूरा मामला झूठा है और वादी को परेशान करने की नीयत से ऐसा किया गया है. इस दौरान सरकार की ओर से अग्रिम जमानत का विरोध किया गया. लेकिन अदालत ने प्रार्थी को एक लाख रुपये जमा करने की शर्त पर अग्रिम जमानत प्रदान कर दी.


फॉरेंसिक साइंस लैब मामले में सरकार से मांगा जवाब: वहीं फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) में सहायक निदेशक की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार और जेपीएससी से जवाब मांगा है. अमित कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने दोनों को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा कि जेपीएससी की ओर से जारी विज्ञापन में कार्य अनुभव के अंक का निर्धारण कैसे किया जाएगा, इसकी जानकारी नहीं दी गई है. नियमानुसार कार्य अनुभव का अंक लिखित परीक्षा के साथ जोड़ा जाना चाहिए. इस पर जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने अदालत को बताया कि जारी विज्ञापन में इसकी जानकारी दी गई है. शर्तों के अनुसार लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद जब मेधा सूची बनाई जाएगी, उस दौरान कार्य अनुभव का अंक जोड़ा जाएगा. इस पर अदालत ने जेपीएससी को इसकी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया.

रांची: हेमंत सोरेन सरकार गिराने की साजिश के आरोपी अशोक अग्रवाल को झारखंड हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है. अग्रवाल को एक लाख रुपये जमा करने की शर्त पर अदालत ने जमानत प्रदान करने का निर्देश दिया है.

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सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि प्राथमिकी के अनुसार अशोक अग्रवाल पर रवि केजरीवाल के साथ विधायक रामदास सोरेन के घर जाने का आरोप है. रवि केजरीवाल को झामुमो से पहले ही निष्कासित कर दिया गया है. उनको सबक सिखाने की नीयत से ऐसा आरोप लगाना प्रतीत हो रहा है. इसके अलावा प्राथमिकी में न तो समय दिया गया है और न ही सरकार गिराने के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. इससे प्रतीत होता है कि पूरा मामला झूठा है और वादी को परेशान करने की नीयत से ऐसा किया गया है. इस दौरान सरकार की ओर से अग्रिम जमानत का विरोध किया गया. लेकिन अदालत ने प्रार्थी को एक लाख रुपये जमा करने की शर्त पर अग्रिम जमानत प्रदान कर दी.


फॉरेंसिक साइंस लैब मामले में सरकार से मांगा जवाब: वहीं फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) में सहायक निदेशक की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार और जेपीएससी से जवाब मांगा है. अमित कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने दोनों को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा कि जेपीएससी की ओर से जारी विज्ञापन में कार्य अनुभव के अंक का निर्धारण कैसे किया जाएगा, इसकी जानकारी नहीं दी गई है. नियमानुसार कार्य अनुभव का अंक लिखित परीक्षा के साथ जोड़ा जाना चाहिए. इस पर जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने अदालत को बताया कि जारी विज्ञापन में इसकी जानकारी दी गई है. शर्तों के अनुसार लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद जब मेधा सूची बनाई जाएगी, उस दौरान कार्य अनुभव का अंक जोड़ा जाएगा. इस पर अदालत ने जेपीएससी को इसकी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया.

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