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टेरर फंडिंग के आरोपी को हाई कोर्ट ने राहत देने से किया इनकार, अदालत ने बुरदी नारायण की याचिका की खारिज

एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण के भाई टेरर फंडिंग के आरोपी बुरदी नारायण के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. अदालत ने आरोपी को किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया है और उनकी याचिका को खारिज कर दिया है.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Sep 28, 2020, 8:21 PM IST

रांची: नक्सली सेंट्रल कमेटी के सदस्य रहे एक करोड़ के इनामी सुधाकरण के भाई टेरर फंडिंग के आरोपी बुरदी नारायण के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने 28 सितंबर को अपना फैसला सुनाया. अदालत ने दोनों पक्ष के दलील को सुनने के बाद आरोपी को किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में इन्हें किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती है. उनकी याचिका खारिज कर दी गई.

देखें पूरी खबर
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टेरर फंडिंग मामले के आरोपी बुरदी नारायण के मामले पर अपना फैसला सुनाया. अदालत ने आरोपी को किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों के दलील को सुनने के बाद एनआईए की दलील पर संतुष्टि जताते हुए यह फैसला सुनाया है और आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया है.इसे भी पढे़ं:- उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के साथ उपायुक्त ने की बैठक, कोविड-19 के गाइडलाइन पर हुई चर्चा


नक्सली बुरदी नारायण को लाखों रुपैया और सोना के साथ गिरफ्तार किया गया था. उसी मामले में एनआईए ने उन्हें आरोपी बनाया है. उन्होंने हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की है. उसी अपील याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को के दलील को सुनने के बाद एनआईए के दलील पर अपनी संतुष्टि जताते हुए आरोपी को किसी भी प्रकार के राहत देने से इनकार कर याचिका खारिज कर दिया कर दिया है.

रांची: नक्सली सेंट्रल कमेटी के सदस्य रहे एक करोड़ के इनामी सुधाकरण के भाई टेरर फंडिंग के आरोपी बुरदी नारायण के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने 28 सितंबर को अपना फैसला सुनाया. अदालत ने दोनों पक्ष के दलील को सुनने के बाद आरोपी को किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में इन्हें किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती है. उनकी याचिका खारिज कर दी गई.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा और न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टेरर फंडिंग मामले के आरोपी बुरदी नारायण के मामले पर अपना फैसला सुनाया. अदालत ने आरोपी को किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों के दलील को सुनने के बाद एनआईए की दलील पर संतुष्टि जताते हुए यह फैसला सुनाया है और आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया है.इसे भी पढे़ं:- उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के साथ उपायुक्त ने की बैठक, कोविड-19 के गाइडलाइन पर हुई चर्चा


नक्सली बुरदी नारायण को लाखों रुपैया और सोना के साथ गिरफ्तार किया गया था. उसी मामले में एनआईए ने उन्हें आरोपी बनाया है. उन्होंने हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की है. उसी अपील याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को के दलील को सुनने के बाद एनआईए के दलील पर अपनी संतुष्टि जताते हुए आरोपी को किसी भी प्रकार के राहत देने से इनकार कर याचिका खारिज कर दिया कर दिया है.

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